सपा विधायक नितिन अग्रवाल का विधानसभा उपाध्यक्ष चुना जाना लगभग तय

By भाषा | Published: October 17, 2021 08:57 PM2021-10-17T20:57:33+5:302021-10-17T20:57:33+5:30

SP MLA Nitin Agarwal is almost certain to be elected as the Deputy Speaker of the Assembly | सपा विधायक नितिन अग्रवाल का विधानसभा उपाध्यक्ष चुना जाना लगभग तय

सपा विधायक नितिन अग्रवाल का विधानसभा उपाध्यक्ष चुना जाना लगभग तय

लखनऊ, 17 अक्टूबर सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा समर्थित समाजवादी पार्टी (सपा) के बागी विधायक नितिन अग्रवाल का उत्तर प्रदेश विधानसभा उपाध्यक्ष चुना जाना लगभग तय है।

राज्य विधानसभा के प्रमुख सचिव प्रदीप दुबे ने बताया कि विधानसभा उपाध्यक्ष पद के चुनाव के लिए सपा के घोषित उम्मीदवार नरेंद्र सिंह वर्मा और पार्टी के बागी विधायक नितिन अग्रवाल ने रविवार को अपना-अपना नामांकन पत्र दाखिल किया। मतदान सोमवार को होगा।

उल्लेखनीय है कि परंपरागत तौर पर मुख्य विपक्षी दल के विधायक को ही विधान सभा उपाध्यक्ष बनाया जाता रहा है, लेकिन भारतीय जनता पार्टी ने सपा के बागी विधायक नितिन अग्रवाल को समर्थन दिया है। नितिन अग्रवाल के पिता एवं पूर्व सांसद नरेश अग्रवाल 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले सपा छोड़कर भाजपा में शामिल हो गये थे।

उत्तर प्रदेश की 403 सदस्यीय विधानसभा में इस समय भाजपा के 304 सदस्य हैं लिहाजा नितिन का विधानसभा उपाध्यक्ष चुना जाना लगभग तय है। सदन में सपा के 49, बसपा के 16, अपना दल के नौ, कांग्रेस के सात, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के चार और तीन निर्दलीय, दो असंबद्ध सदस्य, राष्ट्रीय लोकदल और निर्बल इंडियन शोषित हमारा आम दल के एक-एक सदस्य हैं।

नितिन अग्रवाल के नामांकन के समय उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह के अलावा नरेश अग्रवाल भी मौजूद थे। नितिन अग्रवाल ने नामांकन के समय नीले रंग का पटका पहना था जिस पर 'जय श्री राम' लिखा था।

नितिन ने इस अवसर पर कहा, ‘‘मैंने चार सेट नामांकन पत्र दाखिल किया है और मेरे प्रस्तावकों में राकेश सिंह (हरचंदपुर से कांग्रेस विधायक), अनिल सिंह (पुरवा से बहुजन समाज पार्टी विधायक), संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना, श्रम मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य और नगर विकास मंत्री आशुतोष टंडन, राज्‍य मंत्री छत्रपाल सिंह गंगवार और विधायक राजपाल वर्मा शामिल हैं।’’

नितिन द्वारा नामांकन दाखिल करने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पत्रकारों से कहा, ‘‘भाजपा ने सभी संसदीय परंपराओं का पालन किया है।'' उन्होंने कहा कि उपाध्यक्ष का पद सबसे बड़े विपक्षी दल के लिए आरक्षित किया गया था, लेकिन जब वह (सपा) प्रत्याशी नहीं दे पाये और विपक्षी दल से ही नितिन अग्रवाल प्रत्याशी आए हैं तो उनका समर्थन करने और संसदीय परंपराओं का सम्मान करने के लिए हम यहां आए हैं।

संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने 'पीटीआई-भाषा' से कहा, ‘‘नितिन अग्रवाल सपा के टिकट पर विधायक बने और आज भी सपा के विधायक हैं। सभी संसदीय परंपराओं का पालन किया गया और अगर दो उम्मीदवार मैदान में हैं तो मतदान होगा।’’

उन्होंने सब कुछ नियमों के दायरे में बताते हुए विपक्ष के आरोपों को बेबुनियाद बताया।

उत्तर प्रदेश में विधानसभा उपाध्यक्ष का चुनाव 14 वर्षों बाद हो रहा है। भाजपा के राजेश अग्रवाल को इस पद के लिए जुलाई 2004 में निर्विरोध चुना गया था और उनका कार्यकाल मई 2007 तक था। इसके बाद, विधानसभा उपाध्यक्ष का चुनाव नहीं हुआ था।

हरदोई के विधायक नितिन अग्रवाल ने अपना नामांकन पत्र दाखिल करने के बाद कहा कि विधानसभा का उपाध्‍यक्ष चुने जाने के बाद वह संविधान के प्रावधानों के अनुसार अपने कर्तव्यों का निर्वहन करेंगे। उन्होंने यह भी बताया कि औपचारिक रूप से भाजपा में उनका शामिल होना अभी बाकी है।

वहीं, नामांकन पत्र दाखिल करने के बाद सपा के घोषित उम्मीदवार नरेंद्र सिंह वर्मा ने पत्रकारों से कहा, ‘‘मैं सपा का उम्मीदवार हूं और परंपरा के अनुसार विधानसभा उपाध्यक्ष का पद मुख्य विपक्षी दल को मिलता है, इसलिए यह हमें मिलना चाहिए।’’

नितिन अग्रवाल के संबंध में उन्होंने कहा कि वह हमारे छोटे भाई हैं, वह सपा के टिकट पर चुनाव जीते और चुनाव जीतने के बाद उन्होंने सपा के खिलाफ काम करना शुरू कर दिया।

वर्मा ने आरोप लगाया कि परंपरा के अनुसार यह पद विपक्ष को मिलना चाहिए, लेकिन भाजपा संसदीय परंपराओं को तोड़ रही है। उन्होंने कहा, ‘‘हमें सत्तारूढ़ दल से कोई उम्मीद नहीं है।’’ वर्मा के नामांकन दाखिल करने के समय नेता प्रतिपक्ष राम गोविंद चौधरी भी मौजूद थे।

चौधरी ने सत्तारूढ़ भाजपा पर आरोप लगाते हुए पत्रकारों से कहा, ‘‘अभी तक विधानसभा उपाध्यक्ष के पद पर विपक्ष के सबसे बड़े दल के सदस्य को सदन में निर्वाचन के बाद पदस्थापित करने की परंपरा रही है। सपा इस पद पर पिछड़े या दलित वर्ग के किसी योग्य एवं अनुभवी सदस्य को बैठाना चाहती थी मगर भाजपा पिछड़े या दलित वर्ग के किसी सदस्य को यह पद नहीं देना चाहती थी इसलिए साढ़े चार साल तक निर्वाचन नहीं कराया और अब चुनाव नजदीक देखते हुए वोट की राजनीति कर रही है।''

चौधरी ने कहा, ''नितिन अग्रवाल भाजपा के उम्मीदवार हैं और सपा ने पिछड़े वर्ग के नरेंद्र सिंह वर्मा को अपना उम्मीदवार बनाया है और कल सदन में निर्वाचन के बाद पता चलेगा कि भाजपा विधानसभा की परंपरा का पालन करती है या नहीं।''

इस संदर्भ में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता हरिश्चन्द्र श्रीवास्तव ने 'पीटीआई-भाषा' से कहा, ''भारतीय जनता पार्टी संवैधानिक व्यवस्था का अक्षरश: अनुपालन सुनिश्चित करती है और संसदीय मान्य परंपराओं व संविधान सम्मत परंपराओं को मजबूत करने के लिए काम करती है। विपक्ष का आरोप पूर्णतया राजनीति से प्रेरित है।

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Web Title: SP MLA Nitin Agarwal is almost certain to be elected as the Deputy Speaker of the Assembly

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