पेट्रोल डीज़ल के दामों में हुई बढ़ोत्तरी पर सोनिया ने मोदी पर बोला हमला, बताया असंवेदनशील फैसला
By शीलेष शर्मा | Published: June 16, 2020 05:51 PM2020-06-16T17:51:51+5:302020-06-16T17:51:51+5:30
तेल कंपनियों द्वारा मंगलवार को पेट्रोल का दाम 47 पैसे और डीजल का दाम 93 पैसे प्रति लीटर बढ़ा दिया गयाथा . यही नहीं एटीएफ यानी विमान ईंधन के दाम में भी 16.3 प्रतिशत की वृद्धि की गई.
नयी दिल्ली: मोदी सरकार द्वारा पेट्रोल -डीज़ल के दामों में लगातार की जा रही वृद्धि के खिलाफ हमलावर कांग्रेस के रुख में आज उस समय तेज़ी आयी जब कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गाँधी ने प्रधानमंत्री मोदी को अपना विरोध जताते हुये पत्र लिख कर सरकार पर सीधा हमला बोला यह कहते हुये कि कोरोना वायरस के संकट से जूझ रहे देश के लिए यह फैसला असंवेदनशील है तथा सरकार लोगों को फायदा पहुंचाने का कोई काम नहीं कर रही है. उन्होंने 10वें दिन पेट्रोल डीज़ल के दामों में हुई बढ़ोत्तरी को तत्काल वापस लेने की मांग की। गौरतलब है कि कल ही राहुल गाँधी ने इस मुद्दे को उठाया था और यह भी साफ़ किया था कि दुनिया जब कच्चे तेल की कीमतें आसमान छू रही थीं ,
कांग्रेस सरकार ने उसका बोझ जनता पर नहीं पड़ने दिया लेकिन मोदी सरकार उस समय मुनाफ़ा कमाने में जुटी हैं जब दुनिया भर में कच्चे तेल की कीमतें उम्मीद से अधिक नीचे गिर चुकी हैं। राहुल के सरकार पर हमले के बाद सोनिया ने मोदी को पत्र लिख डाला।
सोनिया ने लिखा है कि कठिन समय में सरकार ने पूरी तरह से एक असंवेदनशील निर्णय लेते हुए पेट्रोल और डीजल की कीमतें बढ़ाने का फैसला किया है. वो भी 10 बार. उन्होनें आगे लिखा कि सरकार 2,60,000 करोड़रुपये मुनाफ़ा कमाने के लिए पेट्रोल-डीजल की एक्साइज ड्यूटी बढ़ाने का फैसला सरकार ने किसी सलाहकार ने गलत सलाह प किया है.
उल्लेखनीय है कि तेल कंपनियों द्वारा मंगलवार को पेट्रोल का दाम 47 पैसे और डीजल का दाम 93 पैसे प्रति लीटर बढ़ा दिया गयाथा . यही नहीं एटीएफ यानी विमान ईंधन के दाम में भी 16.3 प्रतिशत की वृद्धि की गई. पेट्रोल और डीजल के दाम में लगातार 10वें दिन वृद्धि की गई जिससे दिल्ली में पेट्रोल का दाम 47 पैसे बढ़कर 76.73 रुपये प्रति लीटर जबकि डीजल का दाम 93 पैसे बढ़कर 75.19 रुपये प्रति लीटर तक जा पहुंचा है।
सोनिया का मानना था " पहले से ही लोगों को व्यापक स्तर पर भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है तथा उनमें डर व असुरक्षा की भावना व्याप्त है। मूल्यों में इस अप्रत्याशित वृद्धि से आम भारतीय पर अत्यधिक आर्थिक बोझ डाला गया है, जो न तो उचित है और न ही तर्कसंगत। सरकार का कर्तव्य व जिम्मेदारी है कि वह लोगों की पीड़ा कम करे, न कि उन पर और ज्यादा बोझ डाले।"
लोगों पीड़ा साझा करते हुये सोनिया ने लिखा " यह समझ से परे है कि केंद्र सरकार ने मूल्यों में बढ़ोत्तरी करने का यह निर्णय उस समय क्यों लिया, जब कोविड-19 की आर्थिक मार ने लाखों लोगों की नौकरी व आजीविका छीन ली, बड़े व छोटे व्यवसायों को तबाह कर दिया, मध्यम वर्ग की आय में भारी गिरावट हुई तथा देश का किसान खरीफ की फसल बोने के लिए कड़ी चुनौतियों का सामना कर रहा है। पिछले एक हफ्ते में कच्चे तेल की कीमतों में लगभग 9 प्रतिशत की कमी आई है ,, इसके बावजूद केंद्र सरकार देश के नागरिकों की जेब से पैसा निकाल ऐसे समय में मुनाफा कमा रही है, जबकि वो पहले से ही मंदी से त्रस्त हैं"।
सोनिया ने मोदी को याद दिलाया कि 6 वर्षों में उन्होंने तेल पर कर लगा कर किस तरह उपभोक्ताओं की जेब से पैसा निकला ,उन्होंने लिखा "कच्चे तेल के दामों में ऐतिहासिक कमी के बावजूद केंद्र सरकार ने पिछले छः सालों में बारह बार अलग अलग अवसरों पर पेट्रोल एवं डीज़ल पर एक्साईज़ शुल्क बढ़ाकर भारी भरकम कमाई की है ,पेट्रोल पर एक्साईज़ शुल्क में 23.78 रु. प्रति लीटर एवं डीज़ल पर 28.37 रु. प्रति लीटर की अतिरिक्त बढ़ोत्तरी करके। पेट्रोल पर एक्साईज़ शुल्क में 258 प्रतिशत वृद्धि तथा डीज़ल के एक्साईज़ शुल्क में 820 प्रतिशत की वृद्धि 6 साल में हुई, जिससे इन छः सालों में केंद्र सरकार ने पेट्रोल एवं डीज़ल पर एक्साईज़ शुल्क से लगभग 18,00,000 करोड़ रुपया कमाया है। इस पैसे का देश की जनता की सेवा में सदुपयोग करने का आज से बेहतर कोई समय नहीं हो सकता।