सोहराबुद्दीन केस में सीबीआई ने साक्ष्य गढ़े, इसलिए मुकर रहे हैं सरकारी गवाह: जेठमलानी

By भाषा | Published: July 5, 2018 09:05 PM2018-07-05T21:05:47+5:302018-07-05T21:05:47+5:30

वरिष्ठ वकील महेश जेठमलानी ने आज बंबई उच्च न्यायालय में सीबीआई पर आरोप लगाया कि उसने सोहराबुद्दीन शेख कथित फर्जी मुठभेड़ मामले में साक्ष्य गढ़े हैं और यही वजह है कि इस मामले में बड़ी संख्या में सरकारी गवाह मुकर रहे हैं।

Sohrabuddin Encounter Case cbi ram jethmalani | सोहराबुद्दीन केस में सीबीआई ने साक्ष्य गढ़े, इसलिए मुकर रहे हैं सरकारी गवाह: जेठमलानी

सोहराबुद्दीन केस में सीबीआई ने साक्ष्य गढ़े, इसलिए मुकर रहे हैं सरकारी गवाह: जेठमलानी

मुंबई, 5 जुलाई: वरिष्ठ वकील महेश जेठमलानी ने आज बंबई उच्च न्यायालय में सीबीआई पर आरोप लगाया कि उसने सोहराबुद्दीन शेख कथित फर्जी मुठभेड़ मामले में साक्ष्य गढ़े हैं और यही वजह है कि इस मामले में बड़ी संख्या में सरकारी गवाह मुकर रहे हैं।

इस मामले में अब तक कुल 77 गवाह मुकर चुके हैं। जेठमलानी आईपीएस अधिकारी राजकुमार पांडियन के वकील हैं , जिन्हें एक निचली अदालत इस मामले में आरोप - मुक्त कर चुकी है।

उन्होंने न्यायमूर्ति ए एम बदर की एकल पीठ से कहा कि यह कोई हैरानी की बात नहीं है कि सीबीआई के प्रमुख गवाह नाथुबा जडेजा और गुरदयाल सिंह मुकर चुके हैं। जडेजा और सिंह कथित मुठभेड़ के वक्त गुजरात के आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) के ड्राइवर थे। जेठमलानी ने आरोप लगाया , ‘‘ जडेजा और सिंह दोनों पर सीबीआई ने ऐसे बयान देने के लिए दबाव बनाया जो अभियोजन के केस के अनुकूल हों। ’’

उन्होंने कहा कि जडेजा और सिंह का मुकर जाना कोई हैरत की बात नहीं है , क्योंकि यदि वे अपने बयान पर कायम भी होते तो उनकी गवाही कानून की परीक्षा में सफल नहीं हो पाती। जेठमलानी ने आरोप लगाया कि सीबीआई ने 2010 में इस मामले की जांच का जिम्मा संभालने के बाद साक्ष्य गढ़े ताकि वह अपने पक्ष को मजबूत बना सके।

उन्होंने कहा कि 2005 और 2010 के बीच जडेजा के बयान सात बार दर्ज किए गए। साल 2005 में सोहराबुद्दीन और उसकी पत्नी कौसर बी की कथित मुठभेड़ में मौत हुई और 2010 में सीबीआई ने जांच का जिम्मा संभाला।

जेठमलानी ने कहा कि सिंह ने भी 2007 और 2010 के बीच सीआईडी और सीबीआई को चार अलग - अलग बयान दिए। पहले उसने इस बात से इनकार किया कि वह घटना का गवाह या उसमें सहभागी था , लेकिन बाद में सीबीआई को बताया कि मुठभेड़ फर्जी थी और आखिरकार वह विशेष अदालत में मुकर गया। उन्होंने कहा , ‘‘ बहरहाल , तथ्य यह है कि सीबीआई के गवाह भरोसेमंद नहीं हैं। यह अपने आप में बहुत कुछ कहता है कि अब तक जिन 125 गवाहों का परीक्षण किया गया है , उनमें 70 से ज्यादा गवाह मुकर चुके हैं। ’’

इस मामले में अभियोजन पक्ष के गवाहों की कुल संख्या पर न्यायमूर्ति बदर के सवाल का जवाब देते हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल अनिल सिंह ने अदालत को बताया कि इस मामले में कुल 709 सरकारी गवाह हैं। हालांकि , उन्होंने कहा कि सीबीआई का इरादा उन सभी का परीक्षण करने का नहीं है। अनिल सिंह ने कहा कि अब तक जिन 125 गवाहों का परीक्षण किया गया है , उनके अलावा सीबीआई 80 और गवाहों को विशेष अदालत में पेश करना चाहती है ताकि अपना पक्ष साबित कर सके।

Web Title: Sohrabuddin Encounter Case cbi ram jethmalani

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