जम्मू: स्कूलों पर बर्फबारी का कहर, छात्र और शिक्षकों को हो रही है परेशानी

By सुरेश एस डुग्गर | Published: February 22, 2024 03:37 PM2024-02-22T15:37:26+5:302024-02-22T15:39:17+5:30

प्रदेश में देर सवेर हुई बर्फबारी का कहर स्कूलों पर जरूर बरपा है। यही कारण था कि कश्मीर संभाग में स्कूलों को खुले हुए एक दिन हो गया है पर कई जिलों में अभी तक बर्फबारी वाले इलाकों में छात्र और शिक्षक स्कूलों तक नहीं पहुंच पा रहे हैं तो कई जिलों के पहाड़ी क्षेत्रों में भूस्खलन की चेतावनियों के चलते उन्हें फिलहाल बंद रखने का निर्देशा दिया गया है।

Snowfall wreaks havoc on schools, students and teachers are facing problems | जम्मू: स्कूलों पर बर्फबारी का कहर, छात्र और शिक्षकों को हो रही है परेशानी

फाइल फोटो

Highlightsबर्फबारी वाले इलाकों में छात्र और शिक्षक स्कूलों तक नहीं पहुंच पा रहे हैंकई जिलों के पहाड़ी क्षेत्रों में भूस्खलन की चेतावनियों के चलते उन्हें फिलहाल बंद रखने का निर्देशा दिया गया हैजिले के लगभग 250 सरकारी स्कूल जोन-5 के अंतर्गत आते हैं

प्रदेश में देर सवेर हुई बर्फबारी का कहर स्कूलों पर जरूर बरपा है। यही कारण था कि कश्मीर संभाग में स्कूलों को खुले हुए एक दिन हो गया है पर कई जिलों में अभी तक बर्फबारी वाले इलाकों में छात्र और शिक्षक स्कूलों तक नहीं पहुंच पा रहे हैं तो कई जिलों के पहाड़ी क्षेत्रों में भूस्खलन की चेतावनियों के चलते उन्हें फिलहाल बंद रखने का निर्देशा दिया गया है।

मिलने वाले समाचारों के अनुसार, सीमांत जिले कुपवाड़ा के विभिन्न इलाकों में सरकार द्वारा संचालित दर्जनों स्कूल जमा बर्फ के कारण कटे हुए हैं। शिक्षकों के एक समूह का कहना था कि इस जिले के लगभग 250 सरकारी स्कूल जोन-5 के अंतर्गत आते हैं। इन क्षेत्रों को कठिन क्षेत्र भी कहा जाता है। जबकि डोडा में मौसम विभाग द्वारा हिमस्खलन की चेतावनियों के उपरांत दुर्गम क्षेत्रों में स्कूलों को फिलहाल बंद ही रखने का निर्देश दिया गया है।

एक शिक्षक का कहना था कि जिले के कठिन क्षेत्रों के अधिकांश स्कूल वर्तमान में दुर्गम हैं। विशेष रूप से मच्छेल, केरन और टंगधार सेक्टरों में ऐसे अधिकांश सरकारी स्कूलों में चारों ओर कम से कम तीन फीट बर्फ है। वे कहते थे कि मच्छेल क्षेत्र में, दो उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, एक उच्च विद्यालय और छह से सात मध्य विद्यालय थे, लेकिन इनमें से अधिकांश स्कूल न्यूनतम 4 फीट बर्फ के नीचे थे।

इस बीच कुपवाड़ा जिले के एक अन्य शिक्षक का कहना था कि जिले के जुमगंड क्षेत्र में एक हाई स्कूल, दो मिडिल स्कूल और तीन प्राथमिक स्कूल हैं, लेकिन इन संस्थानों के लिए सड़कें अभी तक साफ नहीं की गई हैं। वे कहते थे कि इन स्कूलों तक कोई पहुंच नहीं है क्योंकि लगभग 5-6 फीट की जमी हुई बर्फ अभी भी साफ नहीं हुई है।

इसी तरह, जिले के बुडनम्बल क्षेत्र में, एक हाई स्कूल, चार मिडिल स्कूल और तीन प्राथमिक स्कूल कटे हुए हैं। अधिकारी कहते थे कि सड़क से बर्फ हटाने में कम से कम एक सप्ताह का समय लगेगा। जबकि जिले के केरन क्षेत्र में प्राथमिक, मध्य, उच्च और उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों सहित लगभग 15 से 20 सरकारी स्कूल हैं और स्कूलों तक जाने वाली सड़कों पर जमा बर्फ को साफ नहीं किया गया है।

हरकिन टाप, जो इन स्कूलों तक पहुंचने का एकमात्र रास्ता है, अभी भी बर्फ से ढका हुआ है। इसी तरह, साधना टाप क्षेत्रों से भी कई स्कूल जमा बर्फ के कारण पहुंच से बाहर हैं। मुख्य शिक्षा अधिकारी कुपवाड़ा अब्दुल मजीद डार का कहना था कि जिले के कठिन क्षेत्रों में कुछ स्कूल हैं जो जमी हुई बर्फ के नीचे रहते हैं। उनका कहना था कि मुझे लगता है कि 2-3 दिनों में जिले के सभी स्कूल खुल जाएंगे।

वे कहते थे कि उन शिक्षकों के मामले में जो दुर्गम सड़कों के कारण आज स्कूल नहीं जा सके, उन्होंने पास के क्षेत्रीय शिक्षा अधिकारियों (जेडईओ) और क्लस्टर कार्यालयों को सूचना दी। सीईओ कहते थे कि जमा हुई बर्फ के कारण टंगधार सेक्टर में बहुत कम स्कूल आज फिर से नहीं खोले जा सके। हालांकि उनका दावा था कि बाकी स्कूल सामान्य रूप से फिर से खुल गए।

Web Title: Snowfall wreaks havoc on schools, students and teachers are facing problems

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