नई दिल्लीः लघु बचत योजनाओं पर मिलने वाली ब्याज़ में कटौती और सुबह होते वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने जिस तरह यू टर्न लिया कि ब्याज़ दरों में कोई कटौती नहीं होगी।
वह जस की तस रहेंगी। सरकार के इस यू टर्न ने बैठे बिठाए विपक्ष को हमला करने का मौंका दे दिया। राहुल गांधी ने ट्वीट किया " पेट्रोल-डीजल पर तो पहले से ही लूट थी, चुनाव खत्म होते ही मध्यवर्ग की बचत पर फिर से ब्याज कम करके लूट की जाएगी। जुमलों की झूठ की ये सरकार जनता से लूट की!"
राहुल के ट्वीट के साथ ही प्रियंका गांधी ने तंज कसा कि चुनाव ने वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण को भूल का सुबह होते होते एहसास करा दिया। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने दावा किया कि विधानसभा चुनावों के बीत जाने के बाद उन्होंने ट्वीट कर सवाल किया, ‘‘भारत सरकार की बचत योजनाओं पर ब्याज दर घटाने के लिए आदेश जारी करने में ‘चूक’ हुई या फिर चुनावों की वजह से इन्हें वापस लेना पड़ा?’’ इससे पहले उन्होंने फेसबुक पोस्ट में कहा, ‘‘कल रात में सरकार ने आमजनों की छोटी बचत वाली स्कीमों की ब्याज दरों में कटौती कर दी थी।
पूर्व वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने भी ट्वीट करने में देरी नहीं की उन्होंने ट्वीट किया " अगली तिमाही के लिए बचत उपकरणों पर ब्याज दरों की घोषणा एक नियमित अभ्यास है। 31 मार्च को रिलीज़ होने के बारे में "गलत" कुछ भी नहीं है।
भाजपा सरकार ने अपने फायदे के लिए ब्याज दरों में कमी करके मध्यम वर्ग पर एक और हमला करने का फैसला किया था। पकड़े जाने पर, वित्त मंत्री ने "अनजाने में गलती हुई' के बहाने बना रही हैं।"कांग्रेस के साथ साथ असम और बंगाल चुनाव में भी मोदी सरकार के फ़ैसले को लेकर सवालों की बौछार का सामना करना पड़ा।
सीपीएम ,सीपीआई ,सपा सभी ने हमला बोलते हुये सीधा आरोप लगाया कि मोदी ने चुनाव जीतने के लिये फ़ैसला वापस लिया है ,लेकिन सरकार की सोच का खुलासा हो चुका है चुनाव के बाद पेट्रोल -डीज़ल के दाम फिर बढ़ेंगे और पीपीएफ जैसी बचत योजनाओं पर मिलने वाली ब्याज में कटौती भी होगी ,यह यू टर्न केवल चुनावी चाल है।
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट किया, ‘‘मैडम वित्त मंत्री, क्या आप सर्कस चला रही हैं या सरकार? कोई भी इस स्थिति में अर्थव्यवस्था के चलने को लेकर कल्पना ही कर सकता है जब करोड़ों लोगों को प्रभावित करने वाले फैसले को चूकवश जारी कर दिया जाए। यह आदेश किसने जारी किया?’’
उन्होंने कहा, ‘‘आपको वित्त मंत्री के पद पर बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है।’’ गौरतलब है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बृहस्पतिवार को कहा कि सरकार पीपीएफ तथा एनएससी जैसी छोटी बचत योजनाओं में की गई बड़ी कटौती वापस लेगी और साथ ही यह भी कहा कि ऐसा चूकवश हो गया था।
उल्लेखनीय है कि छोटी बचत योजनाओं में निवेश करने वाले लोगों को झटका देते हुए सरकार ने बुधवार को लोक भविष्य निधि (पीपीएफ) और एनएससी (राष्ट्रीय बचत प्रमाण पत्र) समेत लघु बचत योजनाओं पर ब्याज दरों में 1.1 प्रतिशत तक की कटौती की थी। यह कटौती एक अप्रैल से शुरू वित्त वर्ष 2021-22 की पहली तिमाही के लिये की गयी थी।