जम्मू के डोडा में जोशीमठ जैसे हालातः 6 से अधिक मकानों में पड़ी दरारें, डीएम ने कहा- इसका बचना मुश्किल...
By अनिल शर्मा | Published: February 3, 2023 10:39 AM2023-02-03T10:39:17+5:302023-02-03T11:07:46+5:30
जोशीमठ में हाल ही में जमीन धंसने के कारण 863 इमारतों में दरारें देखी गई हैं। उत्तराखंड सरकार ने 296 परिवारों के 995 सदस्यों को धंसाव प्रभावित जोशीमठ से सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित कर दिया है।
जम्मू-कश्मीर के डोडा क्षेत्र में उत्तराखंड के जोशीमठ जैसे हालात बनते जा रहे हैं। यहां के कई मकानों में दरार देखे गए हैं और यहां स्थित अन्य घरों में भी तेजी से दरारें पड़ रही हैं। ऐसे में यहां के लोग दहशत में हैं। डीएम का यहां तक कहना है कि इस इलाके का बचना मुश्किल है।
डोडा के जिलाधिकारी अतहर अमीन जरगर के मुताबिक दिसंबर में पहले एक घर में दरार की सूचना मिली थी। 2 फरवरी की शाम तक यहां के 6 घरों में दरार देखे गए थे लेकिन अब ये दरारें अन्य घरों में भी तेजी से फैल रही हैं। अमीन जरगर ने बताया कि ये इलाका नीचे की ओर जा रहा है, इसका बचना मुश्किल है। सरकार की कोशिश है कि इसे यहीं रोक दिया जाए। देखें तस्वीरेंः
दिसंबर में एक घर में दरारों की सूचना मिली थी। कल तक 6 इमारतों में दरारें आई थी, लेकिन अब ये दरारें बढ़ रही हैं। ये इलाका नीचे की ओर जा रहा है, इसका बचना मुश्किल है। सरकार की कोशिश है कि इसे यहीं रोक दिया जाए: अतहर अमीन ज़रगर, DM, डोडा, जम्मू कश्मीरpic.twitter.com/PLp1TuWV1S
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 3, 2023
गौरतलब है कि उत्तराखंड के जोशीमठ में दरारों ने देशभर का अपनी तरफ ध्यान खींचा। उत्तराखंड सरकार ने 296 परिवारों के 995 सदस्यों को धंसाव प्रभावित जोशीमठ से सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित कर दिया है। जोशीमठ में हाल ही में जमीन धंसने के कारण 863 इमारतों में दरारें देखी गई हैं। उच्च सदन में तीन अलग-अलग सवालों के लिखित जवाब में पृथ्वी विज्ञान मंत्री जितेंद्र सिंह ने इसकी जानकारी दी।
जमीन धंसने की घटनाओं के बाद उत्तराखंड सरकार ने तपोवन-विष्णुगढ़ बिजली परियोजना और हेलोंगमारवाड़ी बाईपास रोड सहित पूरे जोशीमठ क्षेत्र में सभी निर्माण गतिविधियों पर रोक लगा दी है। उन्होंने कहा कि 30 जनवरी तक कुल 235 प्रभावित परिवारों को राहत सहायता के रूप में 3.50 करोड़ रुपये वितरित किए गए हैं।
सिंह ने कहा कि उत्तराखंड सरकार ने पुनर्वास के लिए अग्रिम भुगतान के रूप में 1,00,000 रुपये और प्रत्येक प्रभावित परिवार को विस्थापन भत्ते के रूप में 50,000 रुपये का भुगतान करने के आदेश जारी किए हैं और इस उद्देश्य के लिए 45 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं।