सिख समुदाय के प्रमुख लोगों से मिले प्रधानमंत्री मोदी, कहा- 'खून में सिखी और सेवा', देखें वीडियो
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: February 18, 2022 10:17 PM2022-02-18T22:17:59+5:302022-02-18T22:19:42+5:30
आनंदपुर साहिब में कार सेवा के जत्थेदार बाबा साहिब सिंह, भेनी साहिब के सुरिंदर सिंह नामधारी दरबार, शिरोमणि अकाली बुद्ध दल के बाबा जस्सा सिंह, दमदमी टकसाल के हरभजन सिंह और तख्त श्री पटना साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रणजीत सिंह भी बैठक में शामिल हुए।
नई दिल्लीः पंजाब विधानसभा चुनाव 20 फरवरी को है। इस बीच बड़े घटनाक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को अपने आधिकारिक आवास पर सिख नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को अपने आवास पर सिख समुदाय की कई प्रमुख हस्तियों की मेजबानी की।
उनकी सरकार द्वारा समुदाय के लिए किए गए कार्यों को रेखांकित किया। पंजाब में विधानसभा चुनाव से दो दिन पहले यह मुलाकात हुई है। भारतीय जनता पार्टी राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह की पंजाब लोक कांग्रेस तथा अकाली दल के सुखदेव सिंह ढींढसा धड़े के साथ गठबंधन करने के साथ ही सिख समुदाय को लुभाने में जी जान से जुटी है।
मोदी के साथ बैठक में शामिल सिख हस्तियों में दिल्ली गुरुद्वारा कमेटी के अध्यक्ष हरमीत सिंह कालका, पद्म श्री से सम्मानित बाबा बलबीर सिंह सिचेवाल, यमुना नगर में सेवापंथी के महंत करमजीत सिंह, करनाल में डेरा बाबा जंग सिंह के बाबा जोगा सिंह और संत बाबा शामिल थे।
Sikh delegation that met PM Modi today says He is the best PM, Sikhs can ask for. He has done most for the community. We thank him pic.twitter.com/FnOVGRMWJ2
— MeghUpdates🚨™ (@MeghBulletin) February 18, 2022
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि मोदी से मुलाकात करने वाले सिख समुदाय के लोगों में दिल्ली गुरुद्वारा समिति के अध्यक्ष हरमीत सिंह कालका, पद्म श्री से सम्मानित बाबा बलबीर सिंह जी सीचेवाल, यमुना नगर में सेवापंथी के महंत करमजीत सिंह, करनाल में डेरा बाबा जंग सिंह के बाबा जोगा सिंह और अमृतसर में मुखी डेरा बाबा तारा सिंह वा के संत बाबा मेजर सिंह वा शामिल थे।
ਮੈਂ, ਬਹੁਤ ਸਨਮਾਨਿਤ ਮਹਿਸੂਸ ਕਰਦਾ ਹਾਂ ਕਿ ਸਿੱਖ ਭਾਈਚਾਰੇ ਦੇ ਇਹਨਾਂ ਮਾਣਯੋਗ ਸ਼ਖਸੀਅਤਾ ਨੇ ਕੇਂਦਰ ਸਰਕਾਰ ਦੇ ਵੱਖ ਵੱਖ ਯਤਨਾਂ ਦੀ ਸ਼ਲਾਘਾ ਕੀਤੀ। pic.twitter.com/VeKUBcLEIq
— Narendra Modi (@narendramodi) February 18, 2022
उन्होंने बताया कि आनंदपुर साहिब में कार सेवा के जत्थेदार बाबा साहिब सिंह, भेनी साहिब के सुरिंदर सिंह नामधारी दरबार, शिरोमणि अकाली बुद्ध दल के बाबा जस्सा सिंह, दमदमी टकसाल के हरभजन सिंह और तख्त श्री पटना साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रणजीत सिंह भी बैठक में शामिल हुए। प्रधानमंत्री के साथ बैठक के बाद उन लोगों ने समुदाय के लिए उनके काम की सराहना की।
70 साल के प्रधानमंत्रियों के सिखों के लिए किये गए कार्यो की तुलना अगर @narendramodi जी के 7 साल के किये गए सिखों के लिए किए गए कार्यो से की जाए तो प्रधानमंत्री मोदी का पलड़ा भारी होगा मैं ये गर्व से कह सकता हूँ pic.twitter.com/J1wMPQXWFq
— Tajinder Pal Singh Bagga (@TajinderBagga) February 18, 2022
करमजीत सिंह ने मोदी के हवाले से कहा कि "सिखी" (सिखों से जुड़े गुण)और सेवा उनके खून में है और यह हमारे दिलों को छू गया। सिंह ने समुदाय के लिए लंगरों पर ‘जीएसटी’ हटाने सहित सरकार की विभिन्न पहलों की सराहना की। कालका ने 1984 के सिख विरोधी दंगों में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई के लिए सरकार द्वारा गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) का उल्लेख किया और प्रधानमंत्री मोदी की प्रशंसा की। प्रधानमंत्री ने नामधारी संप्रदाय के आध्यात्मिक नेता उदय सिंह के साथ अपनी मुलाकात की एक तस्वीर भी पोस्ट की।
प्रधानमंत्री मोदी ने बाद में ट्वीट कर कहा कि ये सिख धार्मिक और सामुदायिक नेता सिख संस्कृति को लोकप्रिय बनाने और समाज की सेवा करने में सबसे आगे हैं। उन्होंने कहा, "केंद्र सरकार के विभिन्न प्रयासों पर सिख समुदाय के विशिष्ट सदस्यों के नम्र शब्दों से मैं अभिभूत हूं। मैं इसे अपना सम्मान मानता हूं कि सम्मानित सिख गुरुओं ने मुझे सेवा का मौका दिया और उनके आशीर्वाद से मैं उनके लिए काम करने में सक्षम हो सका हूं।"
ਅੱਜ ਸਵੇਰੇ ਸੰਤ ਸਮਾਜ ਤੇ ਸਿੱਖ ਭਾਈਚਾਰੇ ਦੀਆਂ ਉੱਘੀਆਂ ਸ਼ਖਸੀਅਤਾਂ ਨਾਲ ਮੁਲਾਕਾਤ ਕੀਤੀ। ਇਹ ਸਾਰੇ ਉਹ ਪਤਵੰਤੇ ਸਨ ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਨੇ ਪੂਰੇ ਦੇਸ਼ ਤੇ ਦੁਨੀਆਂ ਵਿੱਚ ਸਿੱਖ ਭਾਈਚਾਰੇ ਤੇ ਸੱਭਿਆਚਾਰ ਦਾ ਪਾਸਾਰ ਕੀਤਾ ਤੇ ਮਨੁੱਖਤਾ ਦੀ ਸੇਵਾ ਕੀਤੀ। pic.twitter.com/ek6SzZvDWj
— Narendra Modi (@narendramodi) February 18, 2022
भाजपा नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने बैठक में कहा कि वह हर दिन समुदाय के लिए काम करना चाहते हैं और उन्होंने अफसोस जताया कि पिछली कांग्रेस सरकारों ने करतारपुर साहिब जैसे सिखों के पवित्र स्थलों को भारतीय क्षेत्र में लाने के मौके गंवा दिए। सिरसा ने एक संवाददाता सम्मेलन में मोदी के हवाले से कहा कि यदि प्रयास किए जाते तो पाकिस्तान के साथ 1965 और 1971 के युद्धों के बाद वह क्षेत्र भारत को मिल सकता था।
मोदी अक्सर इस बात को लेकर कांग्रेस की आलोचना करते रहे हैं कि 1947 में भारत के विभाजन के समय करतारपुर साहिब पाकिस्तान में नहीं जाए, यह सुनिश्चित करने के लिए कांग्रेस ने कोई कदम नहीं उठाया। सिरसा ने कहा कि सिखों को पीड़ा है कि उनसे किए गए कई वादे पूरे नहीं हुए हैं, लेकिन मोदी सरकार ने करतारपुर साहिब के लिए गलियारा खोलने, गुरु गोबिंद सिंह के पुत्रों की शहादत को मनाने का निर्णय लेने सहित कई "ऐतिहासिक" काम किए हैं।