कर्नाटक के सिद्धगंगा मठ के प्रमुख शिवकुमार स्वामी का 111 साल की उम्र में निधन हो गया। बता दें कि पिछले कुछ दिनों से गंभीर बीमारी से जूझ रहे थे। स्वामी के मरने के बाद पूरे राज्य में शोक की लहर दौड़ गई। राज्य सरकार ने स्वामी जी के मरने के बाद एक दिन की सरकारी छुट्टी का एलान कर दिया है। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पिछले कुछ दिनों से बीमार चल रहे आध्यात्मिक गुरू श्री शिवकुमार स्वामीगालू के शीघ्र स्वस्थ होने की बृहस्पतिवार को कामना की थी।
एक ट्वीट में मोदी ने कहा कि आध्यात्मिक गुरू एक महान व्यक्तित्व हैं और उनकी उत्कृष्ट सेवा का लाखों लोगों के जीवन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है। उधर कर्नाटक सरकार ने तीन दिन तक के लिए राजकीय शोक का ऐलान कर दिया।
शिवकुमार स्वामी के मरने के बाद कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी सिद्धगंगा मठ पहुंचे। इसके अलावा बीएस येदियुरप्पा और एमबी पाटिल और केजी जॉर्ज और साधना गोडवा भी मौजूद थे।
मठ की वेबसाइट के अनुसार श्रद्धेय स्वामीजी का जन्म एक अप्रैल 1908 को कर्नाटक के वीरापुरा गांव में हुआ था। स्वामीजी द्वारा स्थापित श्री सिद्धगंगा कालेज आफ एजुकेशन की वेबसाइट पर उनकी जन्मतिथि एक अप्रैल 1907 के तौर पर उल्लेखित है। कर्नाटक के सभी 30 जिलों में स्वामी का मठ है। जातीय समीकरण के लिहाज से मठों का अपना प्रभुत्व और दबदबा है जो राजनीतिक दलों को उनकी ओर आकर्षित करता है। राज्य में सबसे अधिक दबदबे वाले लिंगायत समुदाय की संख्या 18 फीसदी है। कुमारस्वामी ने मंगलवार को सरकारी छुट्टी और तीन दिन के राजकीय शोक की घोषणा की।पद्म भूषण और कर्नाटक रत्न पुरस्कार से सम्मानित स्वामीजी की तबीयत पिछले दो महीने से खराब थी और यकृत संबंधी जटिलताओं को लेकर दो महीने पहले चेन्नई के एक अस्पताल में उनकी सर्जरी की गई थी। स्वामीजी की स्थिति में थोड़ा सुधार दिखायी दिया था लेकिन पिछले कुछ दिनों से उनकी स्थिति अचानक खराब होने लगी।स्वामीजी की स्थिति नाजुक होने के बारे में जानकारी होने पर कुमारस्वामी, कांग्रेस नेता सिद्धरमैया और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बी एस येदियुरप्पा एवं राज्य के अन्य वरिष्ठ नेता दिन का अपना पूर्व निर्धारित कार्यक्रम रद्द करके तुमकुरू पहुंचे।