नई दिल्ली: मिमिक्री आर्टिस्ट श्याम रंगीला एक बार फिर विवादों में फंस गए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाल में बांदीपुर बाघ अभयारण्य के 'जंगल सफारी' पर आधारित एक वीडियो बनाने के बाद श्याम रंगीला को नोटिस भेजा गया है। उन्हें वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन एक्ट का उल्लंघन करने के आरोप में नोटिस भेजा गया है।
श्याम रंगीला ने जयपुर के झालाना में पीएम मोदी के जंगल सफारी के गेटअप में यह वीडियो बनाया था। इस वीडियो में श्याम रंगीला नीलगाय को खाना खिलाते नजर आ रहे हैं। वीडियो सोशल मीडिया पर भी खूब वायरल हो गया था। हालांकि अब ये उनके लिए महंगा पड़ गया है। उन्हें क्षेत्रीय वन अधिकारी की ओर से नोटिस थमाया गया है।
श्याम रंगीला को पूछताछ के लिए बुलाया गया, नीलगाय को खाना खिलाने पर विवाद
जयपुर क्षेत्रीय वन अधिकारी जनेश्वर चौधरी ने बताया कि श्याम रंगीला को पूछताछ के लिए सोमवार को बुलाया गया है। उन्होंने जयपुर स्थित झालाना जंगल में लेपर्ड सफारी करने का वीडियो 13 अप्रैल को यूट्यूब पर डाला था। जनेश्वर चौधरी के अनुसार इस वीडियों में श्याम गाड़ी से नीचे उतरकर अपने हाथ से एक नीलगाय को कुछ खिलाते नजर आए थे जबकि वन्य प्राणियों को कुछ भी खिलाना वन अधिनियम 1953 और वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 के प्रावधानों का उल्लंघन है।
नोटिस में कहा गया है कि नीलगाय को खाना खाना आपराधिक कृत्य है। वीडियो को सोशल मीडिया में अपलोड करके अन्य लोगों को भी इसके लिए उत्प्रेरित किया गया। ऐसे में पूरे प्रकरण की जांच कर उचित कार्रवाई की जाएगी।
पीएम मोदी ने हाल में किया था बांदीपुर बाघ अभयारण्य का दौरा
बता दें कि पीएम नरेन्द्र मोदी कुछ दिन पहले कर्नाटक के बांदीपुर बाघ अभयारण्य में जंगल सफारी का लुफ्त उठाया था। वह ‘प्रोजेक्ट टाइगर’ के 50 साल पूरे होने के मौके पर आयोजित कार्यक्रम के सिलसिले में कर्नाटक के चामराजनगर पहुंचे थे।
जंगल सफारी के दौरान पीएम मोदी ने धारीदार ‘सफारी’ वस्त्र और हैट धारण कर रखा था। बताया जाता है कि उन्होंने बाघ अभयारण्य में सफारी के दौरान करीब 22 किलोमीटर की दूरी तय की। जंगल सफारी के दौरान उन्होंने हाथियों को अपने हाथ से गन्ना भी खिलाया था।
बांदीपुर बाघ अभयारण्य आंशिक रूप से चामराजनगर जिले के गुंदलुपेट तालुका में और आंशिक रूप से मैसूरु जिले के एचडी कोटे और नंजनगुड तालुका में स्थित है। हालांकि इस सफारी के दौरान पीएम मोदी कोई बाघ नहीं देख सके थे।