Shramik special trains: 10 लाख प्रवासी कामगार घर पहुंचे, 800 श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलीं, सबसे आगे UP और बिहार

By भाषा | Published: May 14, 2020 06:19 PM2020-05-14T18:19:34+5:302020-05-14T18:19:34+5:30

गरीबों के लिए खजाना सरकार ने खोला है। प्रधानमंत्री बहुत संवेदनशील नेता हैं।अनेकों योजनाएं गरीबों के लिए पहले ही बनाई गई थी। कोरोना संकट के इस काल में प्रवासी मजदूरों को कोई परेशानी न हो इसके लिए वन नेशन वन राशन कार्ड एक क्रांतिकारी योजना है।

Shramik special trains 10 lakh migrant workers reach home 800 workers special trains run UP and Bihar | Shramik special trains: 10 लाख प्रवासी कामगार घर पहुंचे, 800 श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलीं, सबसे आगे UP और बिहार

रेलवे ने कहा है कि ट्रेन में सवार होने से पहले यात्रियों की उपयुक्त जांच की जा रही है। (file photo)

Highlightsदेश के विभिन्न हिस्सों से सर्वाधिक ट्रेनें उत्तर प्रदेश गईं, जिसके बाद बिहार का स्थान आता है।अधिकारियों ने कहा, ‘‘14 मार्च 2020 तक देश के विभिन्न राज्यों से ‘श्रमिक स्पेशल’ कुल 800 ट्रेनें चलाई गईं। 10 लाख से अधिक यात्री अपने-अपने घर पहुंचे।

नई दिल्लीः रेलवे ने एक मई से 800 ‘‘श्रमिक स्पेशल’’ ट्रेनें चलाई हैं और लॉकडाउन के चलते देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे करीब 10 लाख प्रवासी कामगारों को इन ट्रेनों से उनके गंतव्य तक पहुंचाया है।

अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि देश के विभिन्न हिस्सों से सर्वाधिक ट्रेनें उत्तर प्रदेश गईं, जिसके बाद बिहार का स्थान आता है। अधिकारियों ने कहा, ‘‘14 मार्च 2020 तक देश के विभिन्न राज्यों से ‘श्रमिक स्पेशल’ कुल 800 ट्रेनें चलाई गईं। 10 लाख से अधिक यात्री अपने-अपने घर पहुंचे।’’

रेलवे ने कहा, ‘‘यात्रियों को भेजने वाले राज्य और उनके मूल निवास स्थान वाले राज्य की सहमति मिलने के बाद ही ये ट्रेनें चलाई जा रही हैं।’’ ये 800 ट्रेनें आंध्र प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर, झारखंड, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मणिपुर, मिजोरम, ओडिशा, राजस्थान, तमिलनाडु, तेलंगाना, त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में पहुंचीं। रेलवे ने कहा है कि ट्रेन में सवार होने से पहले यात्रियों की उपयुक्त जांच की जा रही है।

साथ ही, यात्रा के दौरान यात्रियों को मुफ्त भोजन और पानी उपलब्ध कराया जा रहा है। सोमवार से प्रत्येक श्रमिक स्पेशल ट्रेन में करीब 1,700 सफर करेंगे, जबकि पहले यह संख्या 1,200 थी। इसका उद्देश्य यथासंभव अधिक कामगारों को घर पहुंचाना है। अधिकारियों ने बताया कि शुरुआत में ये ट्रेनें बीच रास्ते में कहीं नहीं रुकती थी।

रेलवे ने सोमवार को यह घोषणा की कि गंतव्य राज्यों में अधिकतम तीन स्टेशनों पर ये ट्रेनें रूकंगी। इस सिलसिले में कई राज्य सरकारों के अनुरोध करने के बाद यह फैसला किया गया। रेलवे द्वारा इन विशेष सेवाओं पर आने वाली लागत की घोषणा अभी बाकी है। लेकिन अधिकारियों ने संकेत दिया कि रेलवे प्रत्येक परिचालन पर करीब 80 लाख रुपये खर्च कर रहा है।

केंद्र ने इससे पहले कहा था कि ट्रेन सेवाओं पर आने वाला खर्च केंद्र और राज्यों के बीच 85:15 है। श्रमिक स्पेशल ट्रेन शुरू होने के बाद से गुजरात से सर्वाधिक ट्रेनें चलाई गई, जिसके बाद केरल का स्थान आता है। इस यात्रा के लिये रेलवे द्वारा किराया वसूल किये जाने पर शुरुआत में रेलवे को विपक्षी दलों की आलोचना का सामना करना पड़ा था।

अपने दिशानिर्देश में भारतीय रेल ने कहा है कि 90 प्रतिशत सीटें भरने के बाद ही किसी गंतव्य के लिये ट्रेन चलाई जाएंगी। गौरतलब है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सोमवार को एक बयान जारी कर कहा था कि रेलवे अब प्रतिदिन श्रमिक स्पेशल 100 ट्रेनें चलाएगी, ताकि फंसे हुए कामगारों को शीघ्र ही उनके घर पहुंचाया जा सके। 

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