लोकसभा चुनाव 2019 और मोदी सरकार पर जीत हासिल करने के लिए उत्तर प्रदेश में दो प्रतिद्वंदी पार्टियां समाजवादी पार्टी और बहुजन समाजवादी पार्टी एकजुट होने के बाद कई कयास लगाए जा रहे हैं। इतना ही नहीं दोनों ही पार्टियों के पुराने रिश्ते को लेकर भी लोग हमलावर हो रहे हैं। सपा से अलग होकर अपनी नई पार्टी बनाने वाले नेता शिवपाल सिंह ने पुराने रिश्तों को लेकर बसपा सुप्रीमो मायावती पर हमला बोला है।
प्रगतिशील समाजवादी पार्टी-लोहिया (पीएसपी-एल) के मुखिया शिवपाल सिंह ने साल 1995 में लखनऊ में हुए गेस्ट हाउस कांड को लेकर कहा है कि बहन जी ने मुझपर यौन शोषण का आरोप लगाया था। मैंने कहा था मैं जांच के लिए तैयार हूं। इसके साथ ही मैं नार्को टेस्ट के लिए भी तैयार हूं। शिवपाल सिंह ने शर्त रखते हुए कहा कि मेरी शर्त ये है कि नार्को टेस्ट बहन जी का भी होना चाहिए। मेरा भी होना चाहिए।
1995 में हुआ था गेस्ट हाउस कांड
इससे पहले 1993 में सपा-बसपा के बीच गठबंधन हुआ था, तब मुलायलम सिंह यादव मुख्यमंत्री थे। दो साल के भीतर ही सपा एवं बसपा के रिश्ते इतने तल्ख हुए कि गठबंधन टूटने की नौबत आ गई। इसके बाद मायावती ने 2 जून 1995 में बसपा ने अपने विधायकों की बैठक बुलाई। इस दौरान लखनऊ के गेस्ट हाउस में मायावती अपने विधायकों के साथ गठबंधन तोड़ने पर चर्चा कर रही थीं। इसी बीच कथित तौर पर सपा के करीब 200 कार्यकर्ताओं और विधायकों ने गेस्ट हाउस पर हमला बोल दिया। उन्हें जान से मारने की कोशिश भी कई। इस घटना का जिक्र करते हुए शिवपाल सिंह ने कहा कि अगर मैं नार्को टेस्ट के लिए तैयार हूं लेकिन शर्त है कि मायावती का भी नार्को टेस्ट भी होना चाहिए।
बता दें कि सपा-बसपा गठबंधन को लेकर शिवपाल सिंह लागातार बयान दे रहे हैं। इससे पहले उन्होंने कहा था कि यह गठबंधन हमारी पार्टी के बिना अधूरा रहेगा। 12 जनवरी 2018 को हुए सपा-बसपा गठबंधन में गेस्ट हाउस कांड घटना की चर्चा करते हुए कहा कि मायावती ने कहा था कि हम गेस्ट हाउस कांड नहीं भूल सकते हैं, लेकिन जनता के हित के लिए भूल सकती है। उत्तर प्रदेश में सपा-बसपा गठबंधन के बाद दोनों ही पार्टियां 38-38 सीटों पर चुनाव लड़ेंगें।