मुंबई: उद्धव ठाकरे के शिवसेना (यूबीटी) ने मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी के संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखी चिट्ठी का हवाला देते हुए कहा कि अब वक्त आ गया है कि विपक्षी दलों को पूरी क्षमता के साथ भाजपा के भ्रष्टाचार को उजागर करना चाहिए। पार्टी के मुखपत्र 'सामना' में सोमवार को प्रकाशित संपादकीय में कहा गया है कि देश को बचाने का यही सही समय है, जब भाजपा की 'भ्रष्टाचार वाली वाशिंग मशीन' के खिलाफ सभी को एक साथ खड़ा होना चाहिए।
'सामना' संपादकीय में कहा गया है कि भाजपा नीत केंद्र सरकार द्वारा विपक्षी दलों को परेशान करना और सत्ता में बने रहने के लिए लोकतंत्र का दुरुपयोग करना कहीं से भी शुभ नहीं माना जा सकता है। शिवसेना ने चुनाव आयोग पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा शासन में स्वायत्त सरकारी संस्थानों का निजीकरण किया जा रहा है और यह अल कायदा और तालिबान से ज्यादा खतरनाक है। भारत का चुनाव आयोग भाजपा के सामने अपनी पूंछ हिला रहा है। यही वजह है कि सुप्रीम कोर्ट ने आयोग में होने वाली भविष्य की नियुक्तियों के लिए तीन सदस्यीय समिति के गठन का आदेश दिया है।
'सामना' में कहा गया है, "उद्धव ठाकरे सहित कई विपक्षी नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संयुक्त पत्र लिखकर उनके सत्तावादी शासन को घेरा गया है। इसलिए अब सही समय आ गया है देश को बचाने का, जब भाजपा की उस वाशिंग मशीन के खिलाफ एकजुट होना पड़ेगा, जिसमें धुलकर दागी ईमानदार हो जाते हैं। देश को बचाने का समय है।"
'सामना' में बताया गया है कि 9 विपक्षी नेताओं द्वारा प्रधानमंत्री के भेजे गये पत्र में विस्तार से इस बात का जिक्र किया है कि कैसे 2014 में उनके सत्ता में आने के बाद से विपक्षी नेताओं के खिलाफ तरह-तरह की कार्रवाई गई है, जिनमें से अधिकांश मामले झूठे थे। लेकिन भाजपा में शामिल होने वाले भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कभी भी कोई कार्रवाई नहीं की गई।
इसके साथ ही संपादकीय में कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में राहुल गांधी द्वारा सरकार पर लगाये आरोपों का समर्थन करते हुए कहा गया है कि राहुल गांधी द्वारा कही गई बात पूरी तरह से सत्य है कि मौजूदा दौर में भारतीय लोकतंत्र पर हमला हो रहा है और खुद राहुल गांधी सहित कई नेताओं की निगरानी हो रही है।
संपादकीय में भाजपा द्वारा राहुल गांधी को विदेशी धरती पर सरकार की आलोचना के आरोप में कहा गया है कि अगर उन्होंने देश को बदनाम किया तो फिर यह पूछने की जरूरत है कि क्या नरेंद्र मोदी ने जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी और उनके शासन के खिलाफ अपनी पिछली विदेश यात्राओं के दौरान जो कुछ कहा है, उनसे देश की बदनामी नहीं हो रही थी।
इन आरोपों के अलावा 'सामना' की संपादकीय में अडानी मुद्दे पर उद्धव गुट की शिवसेना ने नरेंद्र मोदी सरकार को घेरने का प्रयास किया है। 'सामना' में कहा गया है, "पीएम मोदी भ्रष्टाचार के खिलाफ बात करते हैं, लेकिन उनका शासन सबसे भ्रष्ट है। अडानी प्रकरण के सामने आने के बाद अब स्थिति और भी स्पष्ट हो गई है कि भाजपा भ्रष्ट रास्तों से हजारों करोड़ रुपये जमा किए हैं। उसने अडानी के जरिये काले धन का निवेश किया और उसे सफेद नकदी में बदल लिया। इस पूरे मामले में कई सार्वजनिक बैंक और एलआईसी को अपना निवेश खो पड़ा है।"
संपादकीय के आखिर में शिवसेना (यूबीटी) की ओर से यह दावा भी किया गया है कि इस सरकार में भाजपा नेताओं के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामलों को दबाया जा रहा है। कर्नाटक में भाजपा विधायक के आवास पर 8 करोड़ रुपये नकदी पाए जाने का जिक्र करते हुए गया है कि इतनी ज्यादा मात्रा में नकदी मिलने के बावजूद सीबीआई और ईडी अभी तक वहां पर दिखाई नहीं दे रही है और न कोई भाजपा नेता इस मुद्दे पर बात करने को तैयार है।