शिवसेना कार्यकर्ताओं ने मराठा आरक्षण रैली पर आयोजित बैठक में हंगामे की कोशिश की :मेटे
By भाषा | Updated: June 24, 2021 21:10 IST2021-06-24T21:10:02+5:302021-06-24T21:10:02+5:30

शिवसेना कार्यकर्ताओं ने मराठा आरक्षण रैली पर आयोजित बैठक में हंगामे की कोशिश की :मेटे
औरंगाबाद (महाराष्ट्र), 24 जून महाराष्ट्र के विधान पार्षद विनायक मेटे ने बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि मराठा आरक्षण के समर्थन में रैली की योजना बनाने के लिए आयोजित बैठक में शिवसेना कार्यकर्ताओं ने हंगामा करने की कोशिश की।
मराठा समुदाय के प्रमुख नेता माने जाने वाले मेटे ने बैठक के बाद संवाददाताओं को बताया कि उनके एक समर्थक की पिटाई की गई। उन्होंने दावा किया कि राज्य सरकार ‘गुंडो’ की मदद से आरक्षण के समर्थन में होने वाले विरोध प्रदर्शन को दबाना चाहती है।
शिवसेना के विधान पार्षद और प्रवक्ता अम्बादास दानवे ने पुष्टि की कि उनके कार्यकर्ता बैठक स्थल पर गए थे, लेकिन उनका कहना है कि कार्यकर्ता केवल मेटे और अन्य से कुछ सवाल करने गए थे और उन्होंने कोई मारपीट नहीं की है। यह बैठक औरंगाबाद जिले के पेडागांव में शनिवार (26 जून) को आरक्षण के समर्थन में होने वाली रैली की तैयारियों पर चर्चा के लिए हुई।
मेटे ने कहा, ‘‘सत्तारूढ़ दल के कुछ गुंडे वहां (बैठक स्थल) पर आए और हंगामा करने की कोशिश की। जब हमारे एक कार्यकर्ता ने इसके खिलाफ आवाज उठाई, तो उसकी पिटाई की गई। हमने शिकायत दर्ज कराई है और पुलिस आयुक्त से मिलकर मामले में कार्रवाई की मांग की है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ सरकार मराठा समुदाय से जुड़े मामले का समाधान नहीं करना चाहती है। जब समुदाय के सदस्य विरोध-प्रदर्शन (आरक्षण के लिए) करते हैं तो सरकार गुंडों की मदद से उसे दबाने की कोशिश करती है।’’
मेटे के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए शिवसेना के विधान पार्षद दानवे ने कहा,‘‘हां, हमारे पार्टी कार्यकर्ता बैठक स्थल पर गए थे। उन्होंने मेटे और अन्य से सवाल किया कि उन्होंने तब विरोध प्रदर्शन क्यों नहीं किया जब भाजपा सत्ता में थी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ वे मानते हैं कि मेटे समुदाय में विभाजन पैदा करना चाहते हैं। उन्होंने (शिवसेना कार्यकर्ताओं)किसी की पिटाई नहीं की।’’
गौरतलब है कि पिछले महीने उच्चतम न्यायालय ने मराठा समुदाय को सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में आरक्षण देने के लिए वर्ष 2018 में महाराष्ट्र सरकार द्वारा बनाए कानून को ‘असंवैधानिक’ करार देते हुए रद्द कर दिया था।
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