शिवसेना नेता संजय राउत ने साफ कर दिया है कि पार्टी ने लोकसभा में डिप्टी स्पीकर पद को शिवसेना को देने की मांग रखी है। न्यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार संजय राउत ने कहा, 'हमारी ये मांग नहीं है, बल्कि एक तरह से दावा है और हक है, ये पद शिवसेना को मिलना चाहिए।'
इसके अलावा शिवसेना ने अपनी पार्टी के एनडीए में एकमात्र प्रतिनिधि अरविंद सावंत को और बड़ी जिम्मेदारी देने की बात की है। फिलहाल नई नरेंद्र मोदी सरकार में सावंत हैवी इंडस्ट्रीज एंड पब्लिक एंटरप्राइजेज मिनिस्ट्री का जिम्मा सौंपा गया है।
लोकसभा में इस बार शिवसेना के इस बार 18 सांसद है और एनडीए में दूसरा सबसे बड़ा दल है। ऐसे में माना जा रहा है कि बीजेपी के लिए शिवसेना को साधना मुश्किल हो सकता है।
गौरतलब है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू के 16 सासंद हैं और उसने मंत्रिमंडल में शामिल नहीं होने का फैसला किया है। हालांकि, शपथ से पहले जेडीयू की ओर से ऐसे कोई संकेत नहीं दिये गये थे।
नरेंद्र मोदी सरकार के शपथ ग्रहण से ठीक पहले जेडीयू से कथित तौर पर नाराजगी की बात सामने आई थी। सूत्रों के अनुसार जेडीयू कैबिनेट में अपने दो सांसद चाहती थी, जबकि बीजेपी केवल एक सांसद को मंत्री बनाने के लिए तैयार थी। इसी के बाद जेडीयू ने मंत्रिमंडल में शामिल नहीं होने का फैसला किया। हालांकि, नीतीश इस बाबत कोई बयान नहीं दिया है और साफ किया है कि मंत्रिमंडल में शामिल हुए बिना मोदी सरकार को समर्थन देना जारी रखेंगे।
साथ ही नीतीश ने किसी नाराजगी से भी इनकार किया था लेकिन मोदी सरकार के शपथ ग्रहण के बाद उन्होंने बिहार में भी अपने मंत्रिमंडल का विस्तार किया और उसमें किसी बीजेपी विधायक को जगह नहीं दी। बिहार में जेडीयू और बीजेपी के गठबंधन वाली सरकार है।