नई दिल्ली, 29 सितंबर: सुप्रीम कोर्ट ने हाल-फिलहाल कई मुद्दे पर अपना ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। बैक टू बैक कई मुद्दे पर कोर्ट के आए फैसले का आम लोगों ने स्वागत किया है। इसी कड़ी में शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने केरल के सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को लेकर अपना फैसला सुनाया था। कोर्ट का फैसला महिलाओं के पक्ष में था। लेकिन शिवसेना को सुप्रीम कोर्ट के फैसला पर ऐतराज है। पार्टी ने सबरीमाला मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध में 12 घंटे का बंद बुलाने का फैसला किया है। शिवसेना ने एक अक्टूबर को पूरे केरल में बंद का ऐलान किया है।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार (28 सितंबर) को केरल के सबरीमाला स्थित अय्यप्पा स्वामी मंदिर में सभी आयु वर्ग की महिलाओं को प्रवेश की अनुमति दे दी थी। प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय पीठ ने बहुमत के फैसले में कहा कि केरल के सबरीमाला मंदिर में रजस्वला आयु वर्ग की महिलाओं के प्रवेश पर प्रतिबंध लैंगिक भेदभाव है और यह परिपाटी हिन्दू महिलाओं के अधिकारों का उल्लंघन करती है।
न्यायमूर्ति आर. एफ. नरीमन और न्यायमूर्ति डी. वाई. चन्द्रचूड़ अपने फैसलों में प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा और न्यायमूर्ति ए. एम. खानविलकर के फैसले से सहमत हुए। न्यायमूर्ति इन्दु मल्होत्रा ने बहुमत से अलग अपना फैसला पढ़ा था। पांच सदस्यीय पीठ ने चार अलग-अलग फैसले लिखे थे।