महाराष्ट्र: सरकार पर सस्पेंस के बीच 'होटल पॉलिटिक्स' भी शुरू! शिवसेना के विधायकों की ओर से आये अलग-अलग बयान
By विनीत कुमार | Published: November 7, 2019 02:32 PM2019-11-07T14:32:11+5:302019-11-07T14:32:11+5:30
शिवसेना जहां मुख्यमंत्री पद को साझा करने पर जोर दे रही है वहीं बीजेपी ने इससे साफ इनकार कर दिया है। भाजपा और शिवसेना मुख्यमंत्री पद के मुद्दे पर उलझी हुई हैं।
महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर सस्पेंस अब भी बरकरार है। बीजेपी ने साफ कर दिया है कि वह आज यानी गुरुवार को सरकार बनाने का दावा पेश नहीं करेगी। वहीं, शिवसेना के एक विधायक ने बताया है कि पार्टी के सभी विधायक अगले दो दिन होटल में गुजारेंगे।
शिवसेना के प्रमुख उद्धव ठाकरे के साथ गुरुवार को बैठक के बाद विधायक गुलाबराव पाटिल ने सभी विधायकों के अगले दो दिन होटल में गुजारने की बात बताते हुए कहा कि जैसा पार्टी का निर्देश होगा वैसा सभी करेंगे। हालांकि, वहीं पार्टी के एक और विधायक शंभुराजे देसाई ने होटल में विधायकों के रूकने जैसी बातों से इनकार किया है।
न्यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार उद्धव ठाकरे के साथ बैठक के बाद गुलाबराव पाटिल ने कहा, 'हम (शिवसेना विधायक) अगले दो दिन होटल रंगशारदा में रहेंगे। उद्धव साहब जैसा कहेंगे, वही हम सब करेंगे।'
Gulabrao Patil, Shiv Sena MLA after meeting party chief Uddhav Thackeray at Matoshree: We (Shiv Sena MLAs) will be staying at Hotel Rangsharda for next 2 days. We will do whatever Uddhav Sahab asks us to do. pic.twitter.com/LICnhfOozC
— ANI (@ANI) November 7, 2019
शिवसेना विधायकों की बैठक उद्धव ठाकरे की अध्यक्षता में उनके बांद्रा स्थित आवास 'मातोश्री' में हुई। पार्टी के सभी विधायकों की बैठक में विधायकों ने दोहराया कि 'पदों एवं जिम्मेदारियों की समान साझेदारी' के फार्मूले को लागू किया जाएगा जिसपर लोकसभा चुनावों से पहले सहमति बनी थी।
पार्टी विधायक शंभुराजे देसाई ने बैठक समाप्त होने के बाद बताया, 'शिवसेना विधायकों ने एक प्रस्ताव पारित कर सरकार गठन के संबंध में अंतिम निर्णय लेने के लिए उद्धव ठाकरे को अधिकृत किया।'
होटल में ठहराये जाने की बात से इनकार
शंभुराजे देसाई ने हालांकि इस बात से इनकार किया कि शिवसेना विधायकों के पाला बदलने के डर की वजह से उन्हें दक्षिण मुंबई के एक होटल में ठहराया जाएगा। शिवसेना अपने उस रुख पर कायम है कि लोकसभा चुनावों से पहले इस साल फरवरी में, यह तय हुआ था कि बीजेपी और पार्टी के बीच पदों एवं जिम्मेदारियों को साझा किया जाएगा।
शिवसेना जहां मुख्यमंत्री पद को साझा करने पर जोर दे रही है वहीं बीजेपी ने इससे साफ इनकार कर दिया है। भाजपा और शिवसेना मुख्यमंत्री पद के मुद्दे पर उलझी हुई हैं जिससे 24 अक्टूबर को हुए विधानसभा चुनाव के नतीजों में गठबंधन को 161 सीट मिलने के बावजूद सरकार गठन को लेकर गतिरोध बना हुआ है।
288 सदस्यीय विधानसभा के लिए हुए चुनावों में भाजपा को 105 सीटें, शिवसेना को 56, राकांपा को 54 और कांग्रेस को 44 सीटें मिली थीं।
(पीटीआई इनपुट के साथ)