मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के आवास 'मातोश्री' के सामने शिवसैनिकों और पुलिस का भारी जमावड़ा, हनुमान चालीसा के पाठ की घोषणा करने वाली सांसद नवनीत राणा का हो रहा है विरोध
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: April 23, 2022 02:15 PM2022-04-23T14:15:10+5:302022-04-23T14:22:39+5:30
मुंबई में शिवसैनिकों ने सांसद नवनीत राणा और उनके विधायक पति रवि राणा को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के निजी आवास 'मातोश्री' से दूर रखने के लिए वहां सुरक्षा घेरा बना लिया है और पार्टी कार्यकर्ताओं के अलावा किसी को भी वहां जाने की इजाजत नहीं दे रहे हैं।
मुंबई: महाराष्ट्र के अमरावती से निर्दलीय सांसद नवनीत राणा और उनके विधायक पति रवि राणा के द्वारा शनिवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्रीऔर शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के निजी आवास 'मातोश्री' के बाहर हनुमान चालीसा के पाठ की घोषणा के बाद शिवसैनिकों ने उग्र रूख अख्तियार कर लिया और सांसद नवनीत राणा के आवास के बाहर जमकर विरोध प्रदर्शन किया।
इतना ही शिवसेना के कार्यकर्ताओं ने राणा दंपत्ति को सीएम आवास से दूर रखने के लिए वहां सुरक्षा घेरा बना लिया है और पार्टी कार्यकर्ताओं के अलावा किसी को भी वहां जाने की इजाजत नहीं दे रहे हैं।
इस बीच मुंबई पुलिस के जवान भी बड़ी संख्या में 'मातोश्री' के बाहर तैनात किये गये हैं। और किसी भी विपरित परिस्थिती को संभालने के लिए सीएम आवास की सुरक्षा को और टाइट कर दिया गया है।
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार 'मातोश्री' के बाहर शिवसेना नेता और पूर्व मेयर किशोरी पेडनेकर ने कहा, "हम उनकी प्रतिक्षा कर रहे हैं। वो आयें हम उनके सामने हनुमान चालीसा रखेंगे और उन्हें सबक सिखाएंगे।"
वहीं सांसद नवनीत राणा के इस ऐलान के बाद कल मुंबई पुलिस ने भी इस मामले में उन्हें धारा 149 के तहत नोटिस जारी किया था, जिसके तहत पुलिस किसी संज्ञेय अपराध को रोकने के लिए ऐहतियाती कदम उठा सकती है।
सांसद नवनीत राणा जो कि महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र से आते हैं। उन्होंने कहा था, "हनुमान जयंती के अवसर पर मैंने स्वयं मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से हनुमान चालीसा के पाठ का आग्रह किया था। लेकिन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे हिंदुत्व के रास्ते से दूर हो गये हैं।"
इसके अलावा रवि राणा ने यह भी कहा कि बाला साहेब ठाकरे के समय में ऐसा नहीं था, वो हिदुत्व की ऐसी परंपराओं से प्रसन्न रहा करते थे और अगर आज वो हमारे बीच में होते, तो वह स्वयं इस मामले में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेते।
मालूम हो कि महाराष्ट्र की सियासत में हनुमान चालीसा पाठ की एंट्री उस समय हुई जब मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के चचेरे भाई और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के प्रमुख राज ठाकरे ने मस्जिदों पर लगे लाउडस्पीकर पर आपत्ति जताते हुए कहा था कि अगर सरकार ने 3 मई तक मस्जिदों से लाउडस्पीकर नहीं उतरवाये तो मनसे कार्यकर्ता मस्जिदों के सामने लाउडस्पीकर लगाकर हनुमान चालीसा का पाठ करेंगे।
विवाद को बढ़ता हुआ देख अंत में महाराष्ट्र के गृह मंत्रालय को मामले में दखल देना पड़ा और गृह मंत्रालय ने कहा कि कानूनी तौर पर मान्यता प्राप्त लाउडस्पीकरों को ही धार्मिक स्थलों पर अनुमति दी जाएगी।
लेकिन राज ठाकरे इस बात पर अड़े हुए हैं कि राज्य सरकार से उनकी मांग पर बाकायदा फरमान निकाले और मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाने का आदेश जारी करे।
चूंकि महाराष्ट्र में इस समय शिवसेना शरद पवार की पार्टी एनसीपी और कांग्रेस के साथ गठबंधन में है, इसलिए वो इस तरह के विवादित मुद्दों को तरजीह नहीं देना चाहती है और राज्य की कानून-व्यवस्था ठाकरे सरकार के लिए पहली प्राथमिकता है।
यही कारण है कि राज ठाकरे इस मामले को लगातार उछाल रहे हैं और शिवसेना के मुकाबले मनसे को हिंदुत्व विचारधारा के करीब दिखाने की कोशिश कर रहे हैं।