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ट्वीट से पलटी शेहला, बोली मजाक में लिखा था- RSS और नितिन गडकरी कराना चाहते हैं PM मोदी की हत्या

By भारती द्विवेदी | Updated: June 10, 2018 11:36 IST

नितिन गडकरी ने बिना शेहला का नाम लिखे कार्रवाई की बात कही। जिसके बाद शेहला ने अपने ट्वीट को मजाकिया बताया है।

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नई दिल्ली, 10 जून: जेएनयू छात्रसंघ की पूर्व उपाध्यक्ष शेहला रशीद ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को लेकर एक विवादित ट्वीट किया था। जो अब उनपर भारी पड़ता दिख रहा है। शेहला ने अपने ट्वीट में प्रधानमंत्री मोदी की हत्या की साजिश का आरोप नितिन गडकरी पर लगया था। जिसके बाद नितिन गडकरी ने बिना शेहला का नाम लिखे कार्रवाई की बात कही। नितिन गडकरी ने अपने ट्वीट में लिखा- 'मैं उन असामाजिक तत्वों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने जा रहा हूं, जिनमें मुझ पर पीएम मोदी को डराने और हत्या की साजिश के मामले को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की गई है।'

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के ट्वीट के बाद शेहला ने उनके ट्वीट को रीट्वीट करते हुए लिखा- 'दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी के नेता एक मजाकिया ट्वीट पर कार्रवाई करने की धमकी दे रहे हैं। सोचिए की टाइम्स नाउ द्वारा जेएनयू छात्र उमर खालिद और उनके पिता को बिना सिरपैर की खबरों के आधार पर कितना परेशान किया गया है। मिस्टर गडकरी क्या आप राहुल शिवशंकर पर भी कानूनी कार्रवाई करेंगे?' 

दरअसल ये सारा विवाद 9 जून को शेहला के द्वारा किए गए एक ट्वीट से शुरू हुआ था। जिसमें शेहला ने आरएसएस और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी पर प्रधानमंत्री मोदी की हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाया था।  

बता दें कि इस हफ्ते माओवादियों की एक चिट्ठी सामने आई है। जिसमें पीएम मोदी की हत्या की साजिश का खुलासा हुआ है। ये चिट्ठी रोणा जैकब द्वारा कॉमरेड प्रकाश को 18 अप्रैल को लिखी गई है। चिट्ठी में कहा गया कि हिंदू फासिस्म को हराना अब काफी जरूरी हो गया है। इस चिट्ठी में रोण जैकब ने कामरेड प्रकाश को संबोधित करते हुए लिखा, ‘‘हिंदू फासीवाद को हराना हमारा मूल एजेंडा रहा है और यह पार्टी की एक प्रमुख चिंता है। गोपनीय सेल के कई नेताओं और साथ ही अन्य संगठनों ने यह मुद्दा काफी मजबूती से उठाया है। ’’

इसमें कहा गया , ‘‘मोदी की अगुवाई में हिंदू फासीवादी शासन आदिवासियों को रौंदते हुए तेजी से उनके जीवन में घुसता जा रहा है। बिहार और पश्चिम बंगाल में मिली बड़ी हार के बावजूद मोदी 15 राज्यों में भाजपा सरकार की स्थापना करने में सफल रहे हैं। ’’ चिट्ठी में कहा गया , ‘‘अगर यह रफ्तार जारी रही तो इसका मतलब होगा कि पार्टी के लिए सभी मोर्चे पर काफी परेशानी आने वाली है। कॉमरेड किशन और कुछ दूसरे वरिष्ठ कॉमरेड ने मोदी राज को खत्म करने के लिए कुछ मजबूत कदम सुझाए हैं। हम सभी राजीव गांधी हत्याकांड जैसी घटना पर विचार कर रहे हैं। ’’

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टॅग्स :नितिन गडकरीसोशल मीडियानरेंद्र मोदीजवाहरलाल नेहरु विश्वविद्यालय (जेएनयू)
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