शरद पवार ने 'राहुल-सावरकर' विवाद पर कहा, "आजादी के आंदोलन में सावरकर के योगदान को नकारा नहीं जा सकता है लेकिन मुद्दे और भी हैं"
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: April 2, 2023 10:47 AM2023-04-02T10:47:51+5:302023-04-02T12:08:02+5:30
एनसीपी चीफ शरद पवार ने राहुल-सावरकर विवाद पर कहा कि स्वतंत्रता संग्राम में विनायक दामोदर सावरकर के बलिदान नजरअंदाज नहीं कर सकता है, लेकिन उनसे जुड़ी असहमति को आज के दौर में राष्ट्रीय मुद्दा नहीं बनाया जा सकता है।
नागपुर: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के प्रमुख शरद पवार ने राहुल गांधी द्वारा सावरकर के संबंध में दिये बयान पर कहा कि देश के स्वतंत्रता संग्राम में विनायक दामोदर सावरकर के बलिदान और त्याग को कोई भी नजरअंदाज नहीं कर सकता है, लेकिन उनसे जुड़ी असहमति को आज के दौर में राष्ट्रीय मुद्दा नहीं बनाया जा सकता है।
एनसीपी प्रमुख पवार ने शनिवार को नागपुर में प्रेस से बात करते हुए विदेशी धरती पर राहुल गांधी द्वारा भारतीय लोकतंत्र के संबंध में दिये बयान पर भारतीय जनता पार्टी द्वारा निशाना बनाए जाने को लेकर कहा कि यह कोई नई बात नहीं है कि और ऐसा पहली बार नहीं हुआ है कि केवल राहुल गांधी द्वारा विदेशी धरती पर कोई बयान दिया गया है। पवार पत्रकारों से बात करने से पहले केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के घर पर भी गए थे।
नागपुर प्रेस क्लब में शरद पवार ने पत्रकारों द्वारा पूछे जाने पर कि क्या उन्होंने सावरकर के बारे में राहुल गांधी से बात की है। इसके जवाब में पवार ने कहा कि देश की प्रमुख 18-20 विपक्षी दलों के नेताओं ने हाल ही में देश के सामने कई महत्वपूर्ण और गंभीर मुद्दों पर चर्चा की।
भाजपा द्वारा राहुल गांधी पर बार-बार सावरकर के अपमान का आरोप लगाने और सावरकर के सम्मान में गौरव यात्रा के आयोजन कर शरद पवार ने कहा, "इसके कोई मायने नहीं हैं। हम सभी सवारकर के बलिदान और त्याग का सम्मान करते हैं लेकिन विपक्षी दलों की बैठक में मैंने सुझाव दिया कि हमें इस बात पर विचार करने की जरूरत है कि आज की तारीख में जो लोग सत्ता में बैठे हैं, वो देश को किस तरह चला रहे हैं।"
उन्होंने कहा, "आज सावरकर कोई राष्ट्रीय मुद्दा नहीं है, यह पुरानी बात है। हमने सावरकर के बारे में कुछ बातें कही थीं, लेकिन वह व्यक्तिगत नहीं थी। वह हिंदू महासभा के खिलाफ थी। लेकिन इसका एक दूसरा पहलू यह भी है कि हमें देश की आजादी में सावरकर द्वारा दिए गए बलिदान को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।"
पवार ने कहा कि करीब 32 साल पहले उन्होंने संसद में सावरकर के प्रगतिशील विचारों के बारे में बात की थी। एनसीपी चीफ ने कहा कि सावरकर ने रत्नागिरी में एक घर बनवाया और उसके सामने एक छोटा मंदिर भी बनवाया और उसमें पूजा के लिए वाल्मीकि समुदाय के एक व्यक्ति को बतौर पुजारी नियुक्त किया था। मुझे लगता है कि उस दौर में यह बहुत ही प्रगतिशील चीज थी।"
एनसीपी नेता ने राहुल गांधी द्वारा की गई सावरकर की आलोचना को राष्ट्रीय परिपेक्ष्य में धकेलने के मुद्दे पर कहा कि इसकी कोई आवश्यकता नहीं है क्योंकि आज के दौर में आम जनता से संबंधित कई अन्य मुद्दे काफी प्रमुख हैं।
पत्रकारों द्वारा यह पूछे जाने पर कि क्या किसी नेता के लिए विदेशी धरती पर भारत से संबंधित मुद्दों पर बोलना उचित है। शरद पवार ने कहा कि इस विषय को ज्यादा महत्व नहीं देना चाहिए क्योंकि ऐसा पहली बार नहीं हुआ है कि राहुल गांधी ने देश के बाहर देश की बात की हो। इससे पहले भी कई नेताओं द्वारा ऐसा किया गया है।
शरद पवार ने यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें लगता है कि 2024 के लोकसभा चुनाव के साथ महाराष्ट्र में राज्य विधानसभा के भी चुनाव होंगे। उन्होंने कहा कि दोनों चुनाव एक साथ नहीं होंगे।
शरद पवार नागपुर यात्रा के दौरान केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के आवास पर भी पहुंचे और उनसे मुलाकात की। दोनों नेताओं की ओर से इसे शिष्टाचार भेंट बताया गया। नितिन गडकरी के अनुरोध पर शरद पवार पुणे की वसंतदादा चीनी संस्थान का एक उप-केंद्र नागपुर में भी बन रहा है। शरद पवार वसंतदादा चीनी संस्थान के अध्यक्ष हैं।