शरद पवार को मिला नया चुनाव चिन्ह 'तुरहा बजाता आदमी', पार्टी बोली- 'दिल्ली के सिंहासन को हिलाने के लिए तैयार हैं'
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: February 23, 2024 08:06 AM2024-02-23T08:06:51+5:302024-02-23T08:09:52+5:30
चुनाव आयोग ने एनसीपी के शरद पवार खेमे को पार्टी के नये चुनाव चिन्ह के रूप में 'तुरहा बजाता हुआ आदमी' आवंटित किया है।
![Sharad Pawar gets new election symbol 'man playing trumpet', party says - 'ready to shake the throne of Delhi' | शरद पवार को मिला नया चुनाव चिन्ह 'तुरहा बजाता आदमी', पार्टी बोली- 'दिल्ली के सिंहासन को हिलाने के लिए तैयार हैं' Sharad Pawar gets new election symbol 'man playing trumpet', party says - 'ready to shake the throne of Delhi' | शरद पवार को मिला नया चुनाव चिन्ह 'तुरहा बजाता आदमी', पार्टी बोली- 'दिल्ली के सिंहासन को हिलाने के लिए तैयार हैं'](https://d3pc1xvrcw35tl.cloudfront.net/sm/images/420x315/pawar-sharad-ecc_202402286495.jpg)
फाइल फोटो
मुंबई: शरद पवार के नेतृत्व वाले राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) गुट को चुनाव आयोग ने बीते गुरुवार को नया चुनाव चिन्ह आवंटित किया है। इससे पहले आयोग ने एनसीपी के मूल चुनाव चिन्ह 'घड़ी' को शरद पवार के भतीजे अजित पवार को दे दिया था।
एनसीपी के शरद पवार खेमे के अनुसार उन्हें चुनाव आयोग ने पार्टी के नये चुनाव चिन्ह के रूप में 'तुरहा बजाता हुआ आदमी' आवंटित किया है।
समाचार वेबसाइट हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार 'तुरहा' महाराष्ट्र का एक पारंपरिक वाद्ययंत्र है, जिसे 'तुतारी' भी कहा जाता है। शरद पवार गुट को मिले चुनाव चिन्ह में पारंपरिक तुरही बजाने वाले एक व्यक्ति को दर्शाया गया है।
इस संबंध में एनसीपी शरद पवार खेमे ने एक्स पर किये एक पोस्ट में लिखा, "महाराष्ट्र के इतिहास में छत्रपति शिव राय की वीरता, बिगुल, ने दिल्ली के सम्राट को हरा दिया था। यह आज 'राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-शरद चंद्र पवार' के लिए गर्व की बात है। एक बार यह 'तुतारी' तैयार है शरदचंद्र पवार साहब के नेतृत्व में दिल्ली के सिंहासन को हिलाने के लिए!”
"एक तुतारी द्या मज आणुनि
— Nationalist Congress Party - Sharadchandra Pawar (@NCPspeaks) February 22, 2024
फुंकिन मी जी स्वप्राणाने
भेदुनि टाकिन सगळी गगने
दीर्घ जिच्या त्या किंकाळीने
अशी तुतारी द्या मजलागुनी!"
“महाराष्ट्राच्या इतिहासात छत्रपती शिवरायांच्या शौर्यानं ज्या तुतारीने दिल्लीच्या तख्ताच्याही कानठळ्या बसवल्या होत्या, तीच 'तुतारी' आज निवडणूक चिन्ह… pic.twitter.com/LsgvjlWzuN
मालूम हो कि शरद पवार द्वारा स्थापित एनसीपी पिछले साल जुलाई में अजित पवार सहित आठ अन्य विधायकों के साथ एकनाथ शिंदे सरकार में शामिल होने के बाद विभाजित हो गई थी।
इस महीने की शुरुआत में चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार के नेतृत्व वाले गुट को नाम 'एनसीपी' और चुनाव चिन्ह 'घड़ी चिह्न' आवंटित किया था। एक दिन बाद, चुनाव आयोग ने शरद पवार गुट के लिए 'राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-शरदचंद्र पवार' का नाम आवंटित किया।
अपने भतीजे अजित को मूल पार्टी का नाम और चुनाव चिह्न देने के चुनाव आयोग के फैसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए शरद पवार ने दावा किया कि यह "कानून के खिलाफ" है। उन्होंने कहा था कि ऐसा पहले कभी नहीं हुआ था कि राजनीतिक पार्टी बनाने वालों को पार्टी से ही हटा दिया गया हो।
पवार ने कहा, “हमारे साथ केवल इतना ही नहीं हुआ, पार्टी का चुनाव चिन्ह भी छीन लिया गया। यह निर्णय कानून के अनुरूप नहीं है। हमें अब फिर से अपनी सार्वजनिक पहुंच बढ़ाने की जरूरत है।''
शरद पवार ने चुनाव आयोग और महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। हालांकि, शीर्ष अदालत ने आदेश दिया कि शरद पवार गुट के लिए 'एनसीपी-शरदचंद्र पवार' नाम देने का चुनाव आयोग का आदेश कोर्ट के अगले आदेश तक जारी रहेगा।