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टूलकिट मामले के संदिग्ध आरोपी शांतनु मुलुक को अस्थायी अग्रिम जमानत मिली

By भाषा | Updated: February 16, 2021 20:33 IST

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मुंबई, 16 फरवरी बम्बई उच्च न्यायालय ने किसानों के विरोध प्रदर्शन से जुड़े 'टूलकिट' मामले के एक संदिग्ध आरोपी पर्यावरण कार्यकर्ता शांतनु मुलुक को मंगलवार को अस्थायी अग्रिम जमानत दे दी। इस मामले में जलवायु कार्यकर्ता दिशा रवि को गिरफ्तार किया गया है।

जलवायु कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग द्वारा साझा किए गए टूलकिट के संबंध में दिल्ली पुलिस ने मामला दर्ज किया है।

उच्च न्यायालय मामले में एक और संदिग्ध वकील निकिता जैकब की याचिका पर अपना आदेश बुधवार को पारित करेगा

उच्च न्यायालय की औरंगाबाद पीठ की न्यायमूर्ति विभा कांकनवाड़ी ने मुलुक को दस दिनों की ट्रांजिट अग्रिम जमानत दी, जिससे वह राहत पाने के लिए दिल्ली में उपयुक्त अदालत के समक्ष अपनी याचिका दायर कर सकें।

मुलुक मध्य महाराष्ट्र के बीड के रहने वाले हैं।

दिल्ली की एक अदालत द्वारा उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किए जाने के बाद मुलुक और जैकब ने अग्रिम जमानत के लिए सोमवार को उच्च न्यायालय में अलग-अलग याचिका दायर की थी।

दिल्ली पुलिस के अनुसार, दोनों टूलकिट दस्तावेज तैयार करने में शामिल थे और "खालिस्तानी समर्थक तत्वों" के सीधे संपर्क में थे।

मामले में एक अन्य संदिग्ध, वकील निकिता जैकब की इसी तरह की याचिका पर मुंबई में उच्च न्यायालय की प्रधान पीठ में सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति पी डी नाइक ने कहा कि वह बुधवार को आदेश पारित करेंगे।

दिल्ली पुलिस ने सोमवार को आरोप लगाया कि रवि ने जैकब और शांतनु के साथ मिलकर टूलकिट बनाया और भारत की छवि को धूमिल करने के लिए इसे अन्य लोगों के साथ साझा किया।

दिल्ली पुलिस की साइबर सेल की ओर से पेश अधिवक्ता हितेन वेनेगावकर ने पीठ को आश्वासन दिया कि कोई भी जिम्मेदार अधिकारी किसी व्यक्ति को तब गिरफ्तार नहीं करेगा जब उसकी याचिका अदालत में लंबित हो।

दिल्ली पुलिस ने शनिवार को मामले में पर्यावरण कार्यकर्ता दिशा रवि को बेंगलुरु से गिरफ्तार किया और मुलुक तथा जैकब पर संदिग्ध के तौर पर मामला दर्ज किया।

आईपीसी की धारा 124 (ए) (राजद्रोह), 153 (ए) (विभिन्न समूहों के बीच नफरत को बढ़ावा देना) और 120 (बी) (आपराधिक साजिश रचना) के तहत मामला दर्ज किया गया है।

जैकब की ओर से पेश वरिष्ठ वकील मिहिर देसाई ने दलील दी कि कथित टूलकिट कई लोगों द्वारा तैयार किया गया था और इसमें केवल प्रदर्शनकारी किसानों के समर्थन की बात की गई थी।

देसाई ने दलील दी, "इसमें किसी भी हिंसा के बारे में या 26 जनवरी को लाल किले में हुई घटना के बारे में बात नहीं की गई है।"

वकील ने कहा कि जैकब जैसे व्यक्ति के खिलाफ राजद्रोह के गंभीर आरोप लगाए गए हैं, जो केवल एक युवा पर्यावरण कार्यकर्ता हैं।

हालांकि, वकील वेनेगावकर ने दावा किया कि दिशा रवि और जैकब ने कई अन्य लोगों के साथ मिलकर टूलकिट बनाया था, जो खालिस्तानी आंदोलन का हिस्सा थे।

उन्होंने यह भी कहा कि जब मामला दूसरे राज्य से जुड़ा हो तो अदालत के पास आरोपी को कोई राहत देने की शक्तियां नहीं हैं।

उन्होंने आरोप लगाया कि जैकब जांच में सहयोग करने के बजाय अपने आवास से फरार हो गयीं ।

वेनेगावकर ने कहा, "दिल्ली पुलिस की एक टीम 11 फरवरी को एक तलाशी वारंट के साथ जैकब के घर गई थी। उससे पूछताछ की गई थी और उसका बयान स्थानीय थाना में ले जाने के बजाय उसके निवास पर ही दर्ज किया गया था।"

उन्होंने कहा, "पुलिस टीम 11 फरवरी को शाम होने पर यह कहकर उसके घर से चली गई कि वे आगे की पूछताछ के लिए अगले दिन फिर आएंगे। तब से जैकब फरार है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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