RSS प्रमुख भागवत के जाति व्यवस्था बयान पर ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य ने कहा- माफी भी बेकार होगी..

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: February 11, 2023 10:31 IST2023-02-11T08:09:58+5:302023-02-11T10:31:35+5:30

आरएसएस प्रमुख भागवत की टिप्पणी के बारे में जब पूछा गया तो शंकराचार्य ने कहा, ‘‘उन्होंने देर से अपार ज्ञान प्राप्त किया है। आपने अनुसंधान किया है...क्या अनुसंधान? आप बताएं। हमने भागवद गीता में पढ़ा है...

Shankaracharya of Jyotish Peeth ridiculed Mohan Bhagwat's statement on caste | RSS प्रमुख भागवत के जाति व्यवस्था बयान पर ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य ने कहा- माफी भी बेकार होगी..

RSS प्रमुख भागवत के जाति व्यवस्था बयान पर ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य ने कहा- माफी भी बेकार होगी..

Highlights भागवत ने कहा था कि ईश्वर के समक्ष सभी बराबर हैं लेकिन पण्डितों ने जाति व्यवस्था बनाई है। मोहन भागवत ने भाषण मराठी में दिया था और स्पष्ट किया था कि मराठी में पण्डित का आशय विद्वान से होता है।शंकराचार्य ने कहा- हमने भागवद गीता में पढ़ा है...भगवान कृष्ण ने कहा है कि उन्होंने चार वर्ण बनाएं हैं।

जबलपुरः ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने शुक्रवार को राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत के उस बयान का माखौल उड़ाया जिसमें उन्होंने कथित तौर पर दावा किया था कि जाति व्यवस्था ‘पण्डितों’ ने बनाई है। सरस्वती ने यहां संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि आरएसएस प्रमुख के बयान से उनकी छवि ठीक होने से परे खराब हुई है और यहां तक माफी भी बेकार होगी।

भागवत की टिप्पणी के बारे में जब पूछा गया तो शंकराचार्य ने कहा, ‘‘उन्होंने देर से अपार ज्ञान प्राप्त किया है। आपने अनुसंधान किया है...क्या अनुसंधान? आप बताएं। हमने भागवद गीता में पढ़ा है...भगवान कृष्ण ने कहा है कि उन्होंने चार वर्ण बनाएं हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘आप (भागवत) कह रहे हैं कि भगवान ने यह नहीं बनाया है। उन्हें पण्डित ने बनाया है। फिर आप कहते हैं कि पण्डित का अभिप्राय विद्वान है न कि ब्राह्मण।

शंकराचार्य ने कहा कि अगर विद्वानों ने अगर कुछ कहा है तो फिर आप नकार क्यों रहे हैं।’’ जब पूछा गया कि भागवत को क्या माफी मांगनी चाहिए तो शंकराचार्य ने कहा कि उससे कोई लाभ नहीं होगा, क्योंकि पहले ही उनकी बहुत आलोचना हो चुकी है।

गौरतलब है कि गत रविवार को भागवत ने रविदास जयंती पर मुंबई में आयोजित कार्यक्रम में मराठी में भाषण देते हुए कहा था कि ईश्वर के समक्ष सभी बराबर हैं लेकिन ‘पण्डितों' ने जाति व्यवस्था बनाई है।’’ उन्होंने स्पष्ट किया था कि मराठी में पण्डित से आशय विद्वान से होता है।

Web Title: Shankaracharya of Jyotish Peeth ridiculed Mohan Bhagwat's statement on caste

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