मोदी सरकार ने अलगाववादी नेताओं के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक की शुरू, यासीन मलिक गिरफ्तार और बाकियों के लिए तैयारी

By सुरेश डुग्गर | Published: March 7, 2019 06:29 PM2019-03-07T18:29:32+5:302019-03-07T18:35:33+5:30

राज्य में केंद्र और राज्य के सक्रिय स्थानीय राजनीतिक व सामाजिक संगठनों द्वारा अपनाए गए रुख का सख्त विरोध किया जा रहा है। नेकां, कांग्रेस, पीडीपी, पीपुल्स कांफ्रेंस ने इसे लोकतंत्र व कश्मीर में अमन बहाली के प्रयासों के खिलाफ बताया है।

separatist leader yasin malik booked under psa act | मोदी सरकार ने अलगाववादी नेताओं के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक की शुरू, यासीन मलिक गिरफ्तार और बाकियों के लिए तैयारी

मोदी सरकार ने अलगाववादी नेताओं के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक की शुरू, यासीन मलिक गिरफ्तार और बाकियों के लिए तैयारी

नरेंद्र मोदी सरकार ने अब अलगाववादी नेताओं के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक आरंभ की है। पहले उनकी सुरक्षा वापस ले ली गई और अब उनकी गिरफ्तारियों की कवायद तेज हो गई है। पहली किस्त में जेकेएलएफ के चीफ यासीन मलिक को गिरफ्तार कर लिया गया हैं। उसे पीएसए अर्थात पब्लिक सेफ्टी एक्ट के तहत गिरफ्त में लिया गया है। उसे जम्मू स्थित कोट भलवाल जेल में रखा जाएगा। इससे पहले जमात और अलगाववादी संगठनों से जुड़े करीब 600 से ज्यादा छोटे बड़े नेताओं व कार्यकर्त्ताओं को हिरासत में लिया गया है। जबकि बचे खुचों के खिलाफ कवायद तेज हो गई है।

इससे पहले यासीन को 22 फरवरी को हिरासत में लिया गया था। उउके खिलाफ कोठी बाग पुलिस स्टेशन मामला दर्ज किया गया था। इसके साथ ही एनआईए और ईडी के अधिकारी भी रियासत में टेरर फंडिंग व हवाला के मामलों में अलगाववादियों के घरों में तलाशी ले रहे हैं। इससे पूरे अलगाववादी खेमे में खलबली मची हुई है।

पीएसए लगने से पहले राज्य के उच्च न्यायालय ने भी यासीन मलिक को एक बड़ा झटका देते हुए रुबिया सईद की गिरफतारी व एयरफोर्स के अधिकारियों पर हमले से जुड़े मामलों की सुनवाई को श्रीनगर से जम्मू स्थानांतरित करने के संदर्भ में उनसे आपत्तियां मांगी हैं। यह मामला भी बीते 30 सालों से लटका पड़ा था। जहां इस बीच अब मलिक पर पीएसए की खबर के बाद कश्मीर के हालात बिगाड़ने का काम किया जा रहा है।

राज्य में केंद्र और राज्य के सक्रिय स्थानीय राजनीतिक व सामाजिक संगठनों द्वारा अपनाए गए रुख का सख्त विरोध किया जा रहा है। नेकां, कांग्रेस, पीडीपी, पीपुल्स कांफ्रेंस ने इसे लोकतंत्र व कश्मीर में अमन बहाली के प्रयासों के खिलाफ बताया है। लेकिन केंद्र व राज्य प्रशासन ने इस बार अलगाववादियों के तुष्टिकरण की तरफ कोई भी कदम न बढ़ाने का स्पष्ट संकेत देते हुए आज जेकेएलएफ चेयरमैन मोहम्मद यासीन मलिक पर पीएसए लगा उन्हें जम्मू की कोट भलवाल जेल भेज दिया गया।

राज्य उच्च न्यायालय की मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल ने देश के तत्कालीन गृहमंत्री स्व मुफती मोहम्मद सईद की छोटी बेटी रुबिया सईद के 1990 में हुए अपहरण व 25 जनवरी 1990 को श्रीनगर के बाहरी क्षेत्र में एयरफोर्स अधिकारियों के वाहन पर हुए आतंकी हमले में आरोपित जेकेएलएफ चेयरमैन मोहम्मद यासीन मलिक के खिलाफ जारी मामलों की सुनवाई को श्रीनगर स्थित हाईकोर्ट विंग से जम्मू स्थानांतरित करने की सीबीआई की मांग का नोटिस लेते हुए सभी आरोपितों को एक दिन के भीतर अपनी आपत्तियां दर्ज कराने का निर्देश दिया है। इस मामले की सुनवाई 11 मार्च को होनी है।

इस पर जेकेएलएफ प्रवक्ता ने कहा कि जिस तरह से हाईकोर्ट ने रुबिया सईद और एयरफोर्स अधिकारियो पर हमले की सुनवाई के मामले में एक दिन का नोटिस दिया है और उसके बाद जिस तरह से यासीन मलिक पर पीएसए लगाया गया है, वह साफ करता है कि हिंदुस्तान की सरकार हताश हो चुकी है। वह कश्मीरियों की आजादी की मांग को दबाने के लिए उनके नेताओं पर ताकत का इस्तेमाल कर रही है। यह निंदनीय है। इससे हम झुकने वाले नहीं हैं।

English summary :
The Narendra Modi government has now started a surgical strike against separatist leaders. Earlier, their security was withdrawn and now their arrests have accelerated.


Web Title: separatist leader yasin malik booked under psa act

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