पूर्व सांसद और टीआरएस नेता विवेकानंद और कांग्रेस सांसद कालिता भाजपा में शामिल
By भाषा | Updated: August 9, 2019 18:20 IST2019-08-09T18:20:51+5:302019-08-09T18:20:51+5:30
भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जे पी नड्डा से मुलाकात की। नड्डा ने विवेकानंद का स्वागत किया। विवेकानंद एकीकृत आंध्रप्रदेश के वरिष्ठ कांग्रेस नेता जी वेंकटस्वामी के पुत्र हैं और वे तेलंगाना में टीआरएस सरकार के सलाहकार रहे हैं।

विवेकानंद भाजपा महासचिव अरुण सिंह की उपस्थिति में पार्टी में शामिल हुए।
तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) से हाल ही में इस्तीफा देने वाले पूर्व सांसद जी विवेकानंद शुक्रवार को भाजपा में शामिल हो गए। विवेकानंद भाजपा महासचिव अरुण सिंह की उपस्थिति में पार्टी में शामिल हुए। इस बीच, राज्यसभा में कांग्रेस के मुख्य सचेतक पद से इस्तीफा देने वाले भुवनेश्वर कालिता भाजपा में शामिल हो गए।
Delhi: Senior Congress leader, Bhubaneswar Kalita joins Bharatiya Janata Party in the presence of Union Minister and BJP leader, Piyush Goyal. pic.twitter.com/ARzfKHYEX0
— ANI (@ANI) August 9, 2019
उन्होंने बाद में भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जे पी नड्डा से मुलाकात की। नड्डा ने विवेकानंद का स्वागत किया। विवेकानंद एकीकृत आंध्र प्रदेश के वरिष्ठ कांग्रेस नेता जी वेंकटस्वामी के पुत्र हैं और वे तेलंगाना में टीआरएस सरकार के सलाहकार रहे हैं।
Delhi: Senior Telangana Rashtra Samithi (TRS) leader G. Vivekanand joins Bharatiya Janata Party (BJP) in presence of Minister of State for Home Affairs, G. Kishan Reddy and K Laxman, BJP Telangana President. pic.twitter.com/NaYGinW6jx
— ANI (@ANI) August 9, 2019
हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में पार्टी द्वारा टिकट नहीं दिये जाने के बाद विवेकानंद ने प्रदेश सरकार के सलाहकार और टीआरएस से इस्तीफा दे दिया था। भाजपा में शामिल होने के बाद विवेकानंद ने कहा कि वह भाजपा में शामिल हो रहे हैं क्योंकि यह एक लोकतांत्रिक पार्टी है और टीआरएस की तरह से पारिवार संचालित पार्टी नहीं है। उन्होंने कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से काफी प्रभावित हैं।
राज्यसभा में कांग्रेस के मुख्य सचेतक पद से इस्तीफा देने वाले भुवनेश्वर कालिता शुक्रवार को भाजपा में शामिल हो गए। कालिता, केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और भाजपा महासचिव भूपेन्द्र यादव की उपस्थिति में भाजपा में शामिल हुए। कालिता कांग्रेस पार्टी के राज्यसभा में मुख्य सचेतक थे।
वह अनुच्छेद 370 को लेकर पार्टी के रुख से सहमत नहीं थे और इसका हवाला देते हुए उन्होंने उच्च सदन की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। भाजपा में कालिता का स्वागत करते हुए केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि वास्तव में भुवनेश्वर कालिता बेदाग छवि वाले ऐसे राजनीतिक हैं जिन्होंने लम्बे अर्से तक असम, पूर्वोत्तर सहित राजनीतिक एवं सामाजिक क्षेत्रों में योगदान दिया।
उन्होंने कहा कि कालिता का राष्ट्रीय राजनीति में लम्बा अनुभव है और उन्होंने अलग अलग क्षेत्रों में समर्पित भाव से बेहतरीन कार्य किया है । भाजपा में शामिल होने पर कालिता ने कहा कि जब अनुच्छेद 370 की बात आई तब उनकी पूर्व पार्टी (कांग्रेस) से कई नेताओं से बात की लेकिन कोई निर्णय नहीं निकल रह था। नेतृत्व से कोई निर्देश नहीं मिल रहा था।
ऐसी हालत में जब देश को मजबूजी और एकजुटता के साथ आगे ले जाने की बात थी जब हर पार्टी का योगदान जरूरी था । कालिता ने कहा कि लेकिन कांग्रेस में कोई स्पष्टता नहीं थी । ऐसे में मैंने इसका विरोध किया। संसद में इसका विरोध नहीं कर पा रहा था, इसलिये सदन से इस्तीफा दे दिया।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद वह भाजपा में शामिल हुए हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह मजबूत कदम उठा रहे हैं। उन्होंने उम्मीद जतायी कि असम सहित पूर्वोत्तर का तेजी से विकास जारी रहेगा।