पात्रा चॉल भूमि घोटाला मामले में गिरफ्तार हुए संजय राउत को मिली राहत, अदालत ने दी जमानत
By मनाली रस्तोगी | Published: November 9, 2022 01:46 PM2022-11-09T13:46:44+5:302022-11-09T13:47:52+5:30
शिवसेना सांसद संजय राउत को बुधवार को पात्रा चॉल पुनर्विकास परियोजना से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जमानत मिल गई है।
मुंबई: मुंबई की एक विशेष अदालत ने पात्रा चॉल पुनर्विकास परियोजना से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार शिवसेना के सांसद संजय राउत को बुधवार को जमानत दे दी है। कुछ महीने पहले 1,034 करोड़ रुपये के पात्रा चॉल भूमि घोटाला मामले में छह घंटे से अधिक की पूछताछ के बाद उन्हें प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गिरफ्तार किया था। मुख्य आरोपी प्रवीण राउत को भी मुंबई की एक विशेष अदालत ने जमानत दे दी है।
राउत ने अपनी जमानत याचिका में दावा किया था कि उनके खिलाफ मामला सत्ता के दुरुपयोग और राजनीतिक प्रतिशोध का एक आदर्श उदाहरण है। वहीं, ईडी ने संजय राउत की याचिका का विरोध करते हुए कहा था कि उन्होंने पात्रा चॉल पुनर्विकास से संबंधित धन शोधन मामले में एक प्रमुख भूमिका निभाई और धन के लेन-देन से बचने के लिए "पर्दे के पीछे" काम किया।
#UPDATE | Patra Chawl land scam case: Mumbai's PMLA court grants bail to Shiv Sena leader & MP Sanjay Raut https://t.co/upyL10h3pR
— ANI (@ANI) November 9, 2022
ईडी की जांच पात्रा चॉल के पुनर्विकास और संजय राउत की पत्नी और सहयोगियों से संबंधित वित्तीय लेनदेन में कथित वित्तीय अनियमितताओं से संबंधित है। 2008 में महाराष्ट्र हाउसिंग एंड एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी ने हाउसिंग डेवलपमेंट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड की एक बहन कंपनी गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड को चॉल के लिए एक पुनर्विकास अनुबंध सौंपा था।
गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड को किरायेदारों के लिए 672 फ्लैट बनाने थे और कुछ फ्लैट महाराष्ट्र हाउसिंग एंड एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी को भी देने थे। शेष जमीन निजी डेवलपर्स को बेचने के लिए स्वतंत्र था। बता दें कि गोरेगांव में पात्रा चॉल 47 एकड़ में फैला है और इसमें 672 किरायेदार परिवार रहते हैं।