बिहार में कोरोना के बढ़ते मरीजों को देख सरकार के फूले हाथ-पांव, जिलों से पटना भेजने के बदले वहीं रखे जाने का दिया आदेश

By एस पी सिन्हा | Published: May 1, 2020 03:19 PM2020-05-01T15:19:17+5:302020-05-01T15:32:58+5:30

कोरोना के लिए डेडीकेटेड अस्पतालों में मरीजों की बढ़ती भीड़ को देखकर नीतीश सरकार ने हाथ खडे कर दिए हैं. अब इन्हें राजधानी पटना में रखने के लिए सोंचने की स्थिती उत्पन्न हो गई है.

Seeing the rising patients of Corona in Bihar, the government ordered to keep it there instead of sending it to Patna from the districts. | बिहार में कोरोना के बढ़ते मरीजों को देख सरकार के फूले हाथ-पांव, जिलों से पटना भेजने के बदले वहीं रखे जाने का दिया आदेश

बिहार में कोरोना के बढ़ते मरीजों को देख सरकार के फूले हाथ-पांव, जिलों से पटना भेजने के बदले वहीं रखे जाने का दिया आदेश

Highlightsहीं दूसरी तरफ जिलों में बनाए गए आइसोलेशन वार्ड की उपयोगिता खत्म हो रही है. यह कमिटी कोरोना मरीज की स्थिति और उसकी हिस्ट्री के बारे में आकलन करके फैसला लेगी.

पटना:बिहार में कोरोना के बढते मामले को देख अब सरकार के भी होश उडने लगे हैं. अभीतक मरीजों की संख्या साढे चार सौ पार करते देख अब मरीजों के इंतजाम को लेकर सरकार को चिंता सताने लगी है. कोरोना के लिए डेडीकेटेड अस्पतालों में मरीजों की बढ़ती भीड़ को देखकर नीतीश सरकार ने हाथ खडे कर दिए हैं. अब इन्हें राजधानी पटना में रखने के लिए सोंचने की स्थिती उत्पन्न हो गई है.

ऐसे में स्वास्थ्य विभाग ने अब सभी जिलों के सिविल सर्जन को आदेश दिया है कि जिले में करोना के मरीज पाए जाने के बाद उनका स्थानीय स्तर पर ही इलाज कराया जाये. स्वास्थ्य विभाग की तरफ से जारी किए गए इस आदेश में स्पष्ट तौर पर लिखा गया है कि किसी भी संदिग्ध मरीज की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद उसको तुरंत कोविड-19 अस्पताल में रेफर कर दिया जा रहा है, जबकि स्थानीय स्तर पर जिलों में आइसोलेशन वार्ड बनाया गया है. 

स्वास्थ्य विभाग ने जिलों के आइसोलेशन वार्ड में मरीजों को नहीं रखे जाने को गंभीर बताते हुए कहा है कि सिविल सर्जन और जिला प्रशासन की तरफ से सभी मामलों को कोविड-19 अस्पताल में रेफर किए जाने से अनावश्यक तौर पर डेडिकेटेड अस्पतालों में दबाव बढ़ रहा है. वहीं दूसरी तरफ जिलों में बनाए गए आइसोलेशन वार्ड की उपयोगिता खत्म हो रही है. ऐसी स्थिति में अब जिलों में ही कोरोना के मरीजों को रखने का निर्देश दिया गया है.

स्वास्थ्य विभाग की तरफ से दिए गए इस आदेश में स्पष्ट तौर पर लिखा गया है कि यदि किसी मरीज की तबीयत ज्यादा खराब हो तो ऐसी स्थिति में उसे बेहतर इलाज के लिए डेडिकेट कोविड-19 पर किया जाना चाहिए. किसी सामान्य मरीज को जिले के आइसोलेशन वार्ड में रखकर उसका इलाज कराना ही सबसे बेहतर तरीका होगा. जिलों से किसी मरीज को अब अगर कोरोना डेडिकेटेड हॉस्पिटल में रेफर किया जाएगा तो इसके लिए एक कमिटी की अनुशंसा आवश्यक होगी. सरकार ने एक कमिटी का गठन किया है. 

स्वास्थ्य विभाग से जुड़े तीन अधिकारी इस कमेटी के सदस्य बनाए गए हैं. डॉक्टर नवीन चंद्र प्रसाद, डॉक्टर शिव चंद्र भगत और डॉक्टर उमेश प्रसाद वर्मा की तीन सदस्यीय कमिटी ही अब जिलों से मरीजों को आगे रेफर किए जाने की अनुशंसा करेगी. यह कमिटी कोरोना मरीज की स्थिति और उसकी हिस्ट्री के बारे में आकलन करके फैसला लेगी. इसतरह से बिहार में कोरोना के बढते मरीजों को देख सरकार के हांथ-पांव फूलने लगे हैं.

Web Title: Seeing the rising patients of Corona in Bihar, the government ordered to keep it there instead of sending it to Patna from the districts.

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