नयी दिल्ली, चार मई पश्चिम बंगाल सरकार ने निर्वाचन आयोग (ईसी) को बताया है कि उसने नंदीग्राम विधानसभा क्षेत्र के निर्वाचन अधिकारी को सुरक्षा मुहैया करायी है। सूत्रों ने यह जानकारी दी।
इस विधानसभा सीट पर तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी और भाजपा के शुभेंदु अधिकारी के बीच कड़ा चुनावी मुकाबला हुआ था। बनर्जी अपने पूर्व समर्थक और अब भाजपा नेता अधिकारी से 1956 वोटों के अंतर से हार गयीं। सोमवार को तृणमूल नेता ने आरोप लगाया था कि नंदीग्राम के निर्वाचन अधिकारी ने उनके अनुरोध के बाद भी मतों की फिर से गिनती करने का आदेश नहीं दिया क्योंकि उन्हें अपनी जान का डर था।
सूत्रों ने बताया कि निर्वाचन आयोग के निर्देश पर निर्वाचन अधिकारी को व्यक्तिगत रूप से और घर पर भी सुरक्षा मुहैया करायी गयी है। ऐसी खबरें हैं कि वह अपने कर्तव्य का निर्वहन करने के दौरान गहरे दबाव में थे।
आयोग ने मंगलवार को फिर पश्चिम बंगाल सरकार को पत्र लिखकर उसे संबंधित अधिकारी को दी गयी सुरक्षा पर नियमित आधार पर कड़ी नजर रखने के लिए सभी उपयुक्त कदम उठाने को कहा था।
आयोग ने यह भी कहा कि अधिकारी को उपयुक्त चिकित्सकीय सहयोग एवं परामर्श उपलब्ध कराया जाए।
इस पत्र का हवाला देते हुए सूत्रों ने बताया कि राज्य सरकार से कहा गया है कि किसी भी दबाव या नुकसान या ऐसी कोई धारणा या विमर्श का चुनाव के दौरान तैनात की गयी मशीनरी पर गंभीर प्रभाव होगा ।
राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को पहले ही यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है कि निर्धारित दिशानिर्देशों के तहत ईवीएम, वीवीपीएटी मशीन, वीडियो रिकार्डिंग, मतगणना रिकार्ड समेत सभी चुनाव रिकार्ड सुरक्षित ढंग से रखे जाएं।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी जरूरत पड़ने पर ऐसे स्थानों पर अतिरिक्त सुरक्षा के लिए राज्य सरकार के साथ तालमेल के साथ काम करेंगे।
एक बयान में निर्वाचन आयोग ने कहा कि जमीनी स्तर पर चुनाव संबंधी अधिकारियों ने पूरी पारदर्शिता एवं निष्पक्षता के साथ काफी प्रतिस्पर्धात्मक राजनीतिक माहौल में कर्मठता से अपना काम किया।
उसने कहा, ‘‘.....और इसलिए, ऐसे मामले में कोई मंशा बताना वांछनीय नहीं है।’’
रविवार को हुई मतगणना का हवाला देते हुए आयोग ने कहा कि हर मेज पर एक पर्यवेक्षक था।
उसने कहा, ‘‘ उनकी रिपोर्ट में अपने संबंधित मेज पर मतगणना प्रक्रिया में किसी भी गड़बड़ी का संकेत नहीं था।’’
आयोग ने कहा कि हर दौर की मतगणना के परिणाम पर कोई संदेह नहीं प्रकट किया गया जिससे निर्वाचन अधिकारी वोटों की गिनती की दिशा में बेरोक-टोक बढ़े।
ईसी ने कहा कि हर दौर के नतीजे की प्रति सभी मतगणना एजेंटों से साझा की गयी और उन्होंने परिणाम-पत्र पर दस्तखत किये।
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