नई दिल्ली: कनाडा में भारत के खिलाफ साजिश रच रहे खालिस्तानियों की हिमाकत दिन-प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है। खालिस्तानियों ने भारत के विरोध में एक गुरुद्वारे में पीएम मोदी, विदेश मंत्री एस जयशंकर और अन्य भारतीयों अधिकारियों के पोस्टर लगाए हैं। इन आपत्तिजनक पोस्टरों के सामने आने के बाद भारत ने एक्शन लेते हुए इस पर अपना कड़ा विरोध जताया है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इन पोस्टरों के सामने आने के बाद विदेश मंत्री एस जयशंकर की सुरक्षा बढ़ा दी है। एस जयशंकर को अब से 'जेड कैटगरी' श्रेणी की सुरक्षा दी जाएगी। इससे पहले विदेश मंत्री को वाई कैटगरी की सुरक्षा दी गई थी लेकिन सुरक्षा कारणों को देखते हुए इसमें इजाफा किया गया है।
दरअसल, खालिस्तानी समूह सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) ने ब्रिटिश कोलंबिया के सरे में गुरु नानक सिख गुरुद्वारे के बाहर, जहां हरदीप सिंह निज्जर की हत्या हुई थी, मंगलवार को ये पोस्टर लगाए, जिसमें इस बात पर "जनमत संग्रह" की घोषणा की गई कि क्या भारत से अलग एक अलग राज्य बनाया जाना चाहिए।
मालूम हो कि यह वही गुरुद्वारा है जहां पर खालिस्तानी निज्जर की हत्या हुई थी। यह पोस्टर ऐसे समय में लगाए गए हैं जब खालिस्तानी चरमपंथी गुरपतवंत सिंह पन्नून ने अलगाववादी आंदोलन की तुलना फिलिस्तीन की स्थिति से करते हुए कहा था कि एसएफजे हमास जैसे हमलों को अंजाम देगा।
भारत ने जताया विरोध
जानकारी के अनुसार, इस घटना के सामने आने के बाद भारत में कनाडाई उच्चायुक्त कैमरून मैके को बुधवार को साउथ ब्लॉक में बुलाया गया और विरोध जताया गया। विरोध में ट्रूडो सरकार से सरे गुरुद्वारे में लगे पोस्टरों को तुरंत हटाने, पीएम, विदेश मंत्री और कनाडा में भारत के राजनयिक को खतरे की जांच करने और फिर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने को कहा गया।
जयशंकर की सुरक्षा अब केंद्रीय रिजर्व सुरक्षा बल (सीआरपीएफ) की वीआईपी सुरक्षा शाखा द्वारा की जाएगी, जो देश में सबसे अधिक खतरे की आशंका वाले लगभग 176 लोगों की सुरक्षा करती है।