असम में नागरिकता की फाइनल लिस्ट जारी, 2.89 करोड़ से ज्यादा नागरिक वैध घोषित
By ऐश्वर्य अवस्थी | Published: July 30, 2018 09:06 AM2018-07-30T09:06:59+5:302018-07-30T10:16:55+5:30
Assam NRC Live Updates, Highlights, News in Hindi: असम के लिए आज का दिन बेहद खास है। आज असम का राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) का अंतिम ड्राफ्ट जारी कर दिया गया है।
असम के लिए आज का दिन बेहद खास है। आज असम का राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) का अंतिम ड्राफ्ट जारी कर दिया गया है। इसको लेकर पूरे राज्य में चौकसी बर्ती गई है। असम में नागरिकता की फाइनल लिस्ट जारी की गई है। इस लिस्ट में 3.29 लोगों में से 2.89 करोड़ लोगों को नागरिकता का अधिकार दिया गया है। जबकि 40 लाख लोगों को नागरिकता नहीं मिली है।
Out of 3.29 crore people, 2.89 crore have been found eligible to be included. This is just a draft, and not the final list.The people who are not included can make claims and objections:State NRC Coordinator #NRCAssam
— ANI (@ANI) July 30, 2018
वहीं, राज्य के सात जिलों में इसको देखते हुए धारा 144 लगा दी गई है। खबर के अनुसार असम के बरपेटा, दरं, धुबरी, शोणितपुर, करीमगंज, गोलघाट और दीमा में धारा 144 लगाई गई है। साथ ही गुवाहाटी के आसपास के 22 अतिसंवेदनशील जगहों को चिन्हित किया गया है। इस जगहों पर पहले ही सीएपीएफ और सेना के जवानों को तैनात कर दिया गया है। किसी भी तरह की हिंसा राज्य में ना भले और शांति रहे इसके लिए पूरी तैयारी की गई हैं।
सीआरपीसी के तहत आने वाली धारा-144 शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए लगाई जाती है। असम एवं पड़ोसी राज्यों में सुरक्षा चुस्त-दुरुस्त रखने के लिये केन्द्र ने केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल की 220 कंपनियों को भेजा है। वहीं, एनआरसी का दूसरा और आखिरी ड्राफ्ट तैयार है जो आज पेश किया जाएगा। असम में एनआरसी का पहला ड्राफ्ट दिसंबर 2016 में जारी हुआ था। पहले ड्राफ्ट में 3.29 करोड़ आवेदकों में से 1.9 करोड़ लोगों के नाम शामिल किए गए थे. अब दूसरे और फाइनल ड्राफ्ट से ये साफ हो जाएगा कि बाकी बचे 1.5 करोड़ लोग भारत के नागरिक हैं या नहीं।
एनआरसी के राज्य संयोजक प्रतीक हाजेला के मुताबिक, फाइनल ड्राफ्ट राज्य के सभी एनआरसी सेवा केंद्रों (एनएसके) में दोपहर तक जारी कर दिया जाएगा। फिर आवेदक अपने नाम लिस्ट में देख सकेंगे। लिस्ट में आवेदकों का नाम, पता और तस्वीर भी शामिल होगा।
क्या है एनआरसी ड्राफ्ट
1971 में बांग्लादेश के स्वतंत्रता संघर्ष के दौरान वहां से पलायन कर लोग भारत भाग आए और यहीं बस गए। 1980 के दशक से ही यहां घुसपैठियों को वापस भेजने के लिए आंदोलन हो रहे हैं। अगर वास्तविक नागरिकों के नाम दस्तावेज में मौजूद नहीं हों तो वे घबराएं नहीं, बल्कि उन्हें (महिला/पुरूष) संबंधित सेवा केन्द्रों में निर्दिष्ट फॉर्म को भरना होगा।
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