कोरोनो वायरस से लड़ने में 'भीलवाड़ा मॉडल' कैसे बन गया केस स्टडी, SDM टीना डाबी ने बताई पूरी प्लानिंग
By सुमित राय | Published: April 10, 2020 02:26 PM2020-04-10T14:26:45+5:302020-04-10T14:26:45+5:30
भीलवाड़ा में शुरुआती दिनों में कोरोना वायरस का संक्रमण काफी तेजी से बढ़ा था, लेकिन प्रशासन ने इस पर कंट्रोल किया और अब तक सिर्फ 28 मामले सामने आए हैं।
कोरोना वायरस का कहर पूरे देश में तेजी से बढ़ रहा है और केंद्र सरकार के साथ-साथ राज्य सरकारें इसे कंट्रोल में करने के लिए हरसंभव कोशिश कर रही हैं। इस बीच कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण पर काबू पाने को लेकर 'भीलवाड़ा मॉडल' लगातार हो रही है।
राजस्थान का भीलवाड़ा जिला कोरोना वायरस के संक्रमण को बढ़ने से रोकने वाला पहला शहर है। इस शहर में प्रशासन के साथ-साथ लोगों ने भी काफी मुस्तैदी से काम किया और अब हर तरफ इसकी चर्चा हो रही है। 'भीलवाड़ा मॉडल' क्या है और इस पर किस तरह से काम किया गया, इसको लेकर भीलवाड़ा की एसडीएम टीना डाबी जानकारी दी है।
हिन्दुस्तान टाइम्स से बात करते हुए टीना डाबी ने बताया, "सबसे पहले हमने लोगों को भरोसे में लिया और फिर जिले को पूरी तरह से आयसोलेट किया गया। शहर में 19 मार्च को पहला कोरोना वायरस का केस सामने आया। 20 मार्च को ही जिला प्रशासन हरकत में आ गया ने सभी दुकानों को बंद करने और लोगों से नहीं घबराने के अपील की।"
टीना डाबी ने बताया, "डॉक्टरों द्वारा टेस्टिंग किए जाने के बाद उन्हें लगा कि भीलवाड़ा शहर कोरोना वायरस के लिए हॉटस्पॉट बन सकता है। उन्हें इस बात का असहसास हुआ कि कई लोग एक दूसरे के संपर्क में आए हैं, जिससे यह महमारी लोगों में जल्दी फैल जाएगी। इसकी गंभीरता को देखते हुए प्रशासन ने तेजी से काम किया और पूरी तरह से लॉकडाउन कर दिया गया।"
उन्होंने बृजेश बांगर मेमोरियल हॉस्पिटल (बीबीएमएच) के बारे में बात करते हुए कहा, "जिनके डॉक्टर और कर्मचारी इस क्षेत्र में सबसे पहले पॉजिटिव पाए गए थे। इसके बाद बहुत आक्रामक तरीके से स्क्रीनिंग प्रक्रिया शुरू की गई, जिसमें चिकित्सा कर्मचारियों, उनके परिवारों और अंततः शहर के सभी लोगों की स्क्रीनिंग की गई।"
टीना ने बताया, "25 मार्च को देशव्यापी लॉकडाउन का ऐलान हुआ, लेकिन भीलवाड़ा जिला प्रशासन ने इससे पहले ही शहर को पूरी तरह से बंद करने का फैसला किया। दो घंटे के भीतर जिले के कलेक्टर राजेंद्र भट्ट ने कड़ा फैसला लिया कि हमें कर्फ्यू में जाने की जरूरत है और भीलवाड़ा को पूरी तरह बंद कर दिया गया।"
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार राजस्थान में कोरोना वायरस से संक्रमण के अब तक कुल 463 मामले सामने आए है और तीन लोगों की मौत हुई है, जबकि 21 लोग ठीक भी हुए हैं। भीलवाड़ा की बात करें तो शुरुआत में यहां तेजी से मामले सामने आए थे, लेकिन अब यह थम गया है और यहां 28 लोग संक्रमित हुए हैं।
देशभर में कोरोना वायरस के अब तक तक 6400 मामले सामने आ चुके हैं और 199 लोगों की मौत हुई है। हालांकि इस बीच 503 लोग ठीक भी हुए हैं। दुनियाभर में इस महामारी ने 16 लाख से ज्यादा लोगों की अपनी चपेट में ले चुका है और 95 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। विश्वभर में 3.53 लाख लोग ठीक भी हुए हैं।