दिल्ली में 17 महीनों के बाद स्कूलों में रौनक लौटती दिखाई दी
By भाषा | Published: September 1, 2021 07:34 PM2021-09-01T19:34:08+5:302021-09-01T19:34:08+5:30
कोरोना वायरस महामारी के कारण 2020 में राष्ट्रीय राजधानी में बंद किये गये स्कूलों के गलियारों और सीढ़ियों पर एक बार फिर विद्यार्थियों के आने से रौनक लौटती हुई दिखाई दी। दिल्ली में लगभग 17 महीनों के बाद आखिरकार नौंवी से बारहवीं कक्षा के छात्रों के लिए स्कूल बुधवार को खुल गए। शहर में आज हुई भारी बारिश के बीच छात्र हाथ में छाता लिए, मुंह पर मास्क लगाए स्कूल जाते नजर आए। ऑनलाइन पढ़ाई के दौरान 17 महीनों तक कंप्यूटर स्क्रीन पर अपने शिक्षकों और सहपाठियों को देखने के बाद, कक्षा नौंवी से बारहवीं के, वर्दी पहने छात्र स्कूल लौटने के पहले दिन अपने दोस्तों से मिलते और कक्षाओं में शामिल होते नजर आये। कोरोना वायरस संक्रमण के मामले कम होने के मद्देनजर दिल्ली सरकार ने गत शुक्रवार को घोषणा की थी कि एक सितंबर से नौंवी से बारहवीं कक्षा तक के लिए स्कूल, कॉलेज, कोचिंग संस्थान खोले जाएंगे। दिल्ली सरकार ने स्पष्ट किया था कि किसी भी छात्र को स्कूल आने के लिए मजबूर नहीं किया जाएगा और इसके लिए अभिभावकों की अनुमति अनिवार्य होगी। सामाजिक दूरी बनाये रखना, मास्क पहनना, थर्मल स्क्रीनिंग, और स्कूल परिसर में स्टेशनरी और लंच का आदान-प्रदान नहीं करने जैसे नियमों से कई छात्रों ने खुद को अलग-थलग महसूस किया। तिलक नगर के एक सरकारी स्कूल की छात्रा आयुष्का गुप्ता बुधवार की सुबह हुई बारिश को लेकर खुश दिखाई दी, जिससे उसे मास्क पहनने में कोई परेशानी नहीं हुई। उन्होंने कहा, ‘‘क्योंकि मौसम सुहावना था, इसलिए हम मास्क पहनकर पढ़ाई कर सकते थे। वह वरदान था। अगर मौसम गर्म और उमस भरा होता, तो मास्क पहनना और कक्षा में ध्यान केंद्रित करना एक चुनौती होती।" राष्ट्रीय राजधानी के कुछ संस्थानों ने अब भी थोड़े समय तक छात्रों को परिसर में नहीं बुलाने का फैसला किया है। मौजूदा स्थिति का आकलन करने के बाद ये संस्थान कुछ सप्ताह में खुल सकते हैं।रोहिणी के माउंट आबू पब्लिक स्कूल में बुधवार को कक्षा 10वीं, 11वीं और 12वीं के छात्रों का स्वागत किया गया और बच्चों को थर्मल स्क्रीनिंग के बाद परिसर में प्रवेश करने की अनुमति दी गई। स्कूल की प्रधानाचार्य ज्योति अरोड़ा ने कहा, "स्कूल गेट को फूलों से सजाया गया था और उस पर 'वेलकम बैक टू स्कूल' लिखा हुआ था।’’वसुंधरा एन्क्लेव में राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में 12वीं कक्षा की छात्रा ऋचा को अपनी ऑनलाइन कक्षाओं के दौरान नेटवर्क संबंधी कई समस्याओं का सामना करना पड़ा था और वह स्कूल वापस आकर खुश है। उन्होंने कहा, ‘‘ऑनलाइन कक्षाओं के दौरान हमें जिन प्रमुख चुनौतियों का सामना करना पड़ा, उनमें से एक नेटवर्क की समस्या थी। लेकिन अब जब हम स्कूल में हैं, तो हमारी एक निर्धारित दिनचर्या है। और हम केंद्रित रह सकते हैं।"वसुंधरा एन्क्लेव में राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय की प्रमुख उषा राजपूत ने कहा, ‘‘अब विद्यार्थियों के सभी प्रश्नों और शंकाओं का शिक्षकों द्वारा तुरंत समाधान किया जा सकता है। छात्रों को भी स्कूलों की कमी खल रही थी। तीसरी लहर एक चिंता का विषय है, लेकिन हमें उम्मीद है कि अगर सभी सावधानी बरती जाती है, तो हम सुचारू रूप से काम कर पाएंगे।
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