कोविड-19 के सख्त दिशा-निर्देशों के बीच नए साल के पहले दिन कर्नाटक, केरल, असम में स्कूल फिर से खुले

By भाषा | Updated: January 1, 2021 22:24 IST2021-01-01T22:24:43+5:302021-01-01T22:24:43+5:30

Schools reopened in Karnataka, Kerala, Assam on the first day of the new year amidst strict guidelines by Kovid-19 | कोविड-19 के सख्त दिशा-निर्देशों के बीच नए साल के पहले दिन कर्नाटक, केरल, असम में स्कूल फिर से खुले

कोविड-19 के सख्त दिशा-निर्देशों के बीच नए साल के पहले दिन कर्नाटक, केरल, असम में स्कूल फिर से खुले

बेंगलुरु/तिरुवनंतपुरम/गुवाहाटी, एक जनवरी नए साल के पहले दिन शुक्रवार को कर्नाटक, केरल और असम में स्कूल फिर से खुल गए। लगभग दस महीनों के बाद इन राज्यों में कोविड-19 के दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए स्कूलों को फिर से खोला गया है। स्कूलों में मास्क पहनना, थर्मल स्क्रीनिंग, हाथ धोना और शारीरिक दूरी बनाना अनिवार्य कर दिया गया है।

कई छात्र अपने माता-पिता से सहमति पत्र के साथ स्कूल पहुंचे, जबकि कुछ छात्रों ने अभी घर में ही रहकर ऑनलाइन पढ़ाई करना उचित समझा क्योंकि वे महामारी की स्थिति और कोरोना वायरस के एक नए प्रकार के उभरने को लेकर चिंतित हैं।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, भारत में शुक्रवार को कोविड-19 के 20,035 नए मामले सामने आए, जिससे देश में संक्रमण के कुल मामले बढ़कर 1,02,86,709 हो गए। बीमारी से 256 और मौत होने से देश में इस महामारी में मरने वालों की संख्या बढ़कर 1,48,994 हो गई।

नए साल के पहले दिन कर्नाटक और केरल में, स्कूलों में 10वीं और 12वीं कक्षा की पढ़ाई फिर से शुरू हो गई, जबकि असम में कक्षा एक से पांच तक के बच्चों के लिए स्कूल खुल गए।

केंद्र सरकार ने परामर्श जारी किया है कि शैक्षणिक संस्थानों में केवल 50 प्रतिशत छात्रों को ही अनुमति दी जाए। छात्रों की उपस्थिति भी अनिवार्य नहीं है और वे ऑनलाइन कक्षा को जारी रखने का विकल्प चुन सकते हैं।

देश भर के विश्वविद्यालयों और स्कूलों को मार्च के मध्य में बंद कर दिया गया था, जब केंद्र सरकार ने कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने से रोकने के उपायों के तहत देशभर में शिक्षण संस्थान बंद करने की घोषणा की थी।

उसके बाद, 25 मार्च को देशव्यापी लॉकडाउन लागू किया गया। सरकार ने 8 जून से 'अनलॉक' के तहत धीरे-धीरे प्रतिबंधों को कम करना शुरू कर दिया।

कर्नाटक में लगभग नौ महीने के बाद शुक्रवार को विद्यालयों और प्री यूनिवर्सिटी कॉलेजों (पीयूसी) को कोविड-19 संबंधी सुरक्षा नियमों के साथ विद्यार्थियों के लिए खोला गया।

दसवीं और 12वीं (प्री यूनिवर्सिटी कॉलेज) के विद्यार्थियों के लिए शुक्रवार से कक्षाएं शुरू हो गईं। इन दोनों ही कक्षाओं के विद्यार्थी बोर्ड की परीक्षा देंगे। छठी से लेकर नौवीं कक्षाओं के बच्चे विद्यागम कार्यक्रम के लिए विद्यालय परिसरों में पहुंचे हैं। कोरोना काल में विद्यालयों के खुलने की अनिश्चितताओं के बीच सरकार ने बच्चों की शिक्षा जारी रखने के लिए इस योजना की शुरुआत की थी.

माता-पिता के अनुमति पत्र के साथ बच्चे मास्क लगाए हुए विद्यालयों और पीयूसी पहुंचे तथा थर्मल जांच और हाथों में सैनिटाइजर लगाने के बाद वे कक्षाओं में गये। कक्षाओं के भीतर भी विद्यार्थी सामाजिक दूरी नियमों का पालन करते हुए बैठे देखे गए। खबरों के मुताबिक शुक्रवार को साल का पहला दिन होने की वजह से भी सभी विद्यार्थी विद्यालय नहीं आए थे।

महामारी के बीच विद्यालयों एवं पीयूसी को खोलने को लेकर राज्य में कुछ विरोध भी है जबकि शिक्षा मंत्री समेत कई और लोगों का विचार है कि सुरक्षा कदमों के साथ विद्यालयों और कॉलेजों का खोला जाना खास तौर पर ग्रामीण इलाकों में जरूरी हो गया था क्योंकि ऑनलाइन शिक्षा ज्यादातर नदारद है जिससे उनके मजदूरी करने के मामले भी सामने आए हैं।

कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा ने कहा कि विद्यार्थियों की शैक्षणिक प्रगति को ध्यान में रखते हुए विद्यालय और कॉलेज खोले जा रहे हैं। उन्होंने सभी को नव वर्ष की शुभकामनाएं भी दीं।

प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षा मंत्री एस सुरेश कुमार ने कई स्थानों पर विद्यालयों और पीयूसी कॉलेजों का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि अभिभावकों को घबराने की कोई जरूरत नहीं है कि क्योंकि सभी एहतियाती कदमों का पालन कड़ाई से हो रहा है।

केरल में भी नौ महीने से अधिक समय बाद स्कूल फिर खोल दिए गए और इतने दिनों बाद स्कूल जा रहे छात्रों में उत्साह देखने को मिला।

हालांकि शुक्रवार को आंशिक तौर पर खुले स्कूलों में सफाई, मास्क पहनने, सामाजिक दूरी बनाए रखने और बार-बार हाथ धोने जैसे दिशानिर्देशों के अनुपालन पर ध्यान दिया गया।

सरकार के निर्देश पर केरल के स्कूलों में 10वीं और 12वीं की कक्षाएं सीमित घंटों के लिए खोली गईं। लेकिन, अन्य छात्रों से दूरी बनाए रखने और एक बेंच पर केवल एक छात्र के बैठने के सख्त निर्देश के कारण कुछ छात्रों में निराशा दिखी।

इन नौ महीनों में, छात्र केरल इंफ्रास्ट्रक्चर एंड टेक्नोलॉजी फॉर एजुकेशन (केआईटीई) के माध्यम से ऑनलाइन कक्षाओं में भाग ले रहे थे।

उनके शरीर का तापमान मापने के लिए स्कूलों के प्रवेश द्वार पर डिजिटल थर्मामीटर लगाया गया है। यह प्रक्रिया अधिकारियों द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार अनिवार्य है।

अभिभावकों से सहमति पत्र मिलने के बाद ही उन्हें स्कूल परिसर में प्रवेश दिया गया।

मार्च में कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने से रोकने के लिए लागू लॉकडाउन के बाद से ही केरल में स्कूल बंद रहे।

मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन की अध्यक्षता में हाल ही में हुई एक उच्च स्तरीय बैठक में कोविड दिशानिर्देशों के पालन के साथ स्कूलों और कॉलेजों सहित शिक्षण संस्थानों को फिर से खोलने का फैसला किया गया था।

सामान्य शिक्षा विभाग ने अपने दिशा-निर्देशों में साफ कहा है कि स्कूलों में एक बार में केवल 50 प्रतिशत छात्रों को ही अनुमति दी जाए और पहले सप्ताह में कक्षाओं में एक बेंच पर एक ही छात्र को बैठाया जाए।

असम में कोरोना वायरस संक्रमण के कारण स्कूलो को बंद किये जाने के दस महीने बाद, शुक्रवार को प्राथमिक स्कूल कड़े दिशा-निर्देशों के साथ फिर से खुल गए।

अधिकारियों ने बताया कि पहली से पांचवी कक्षा तक के छात्रों के लिये प्रदेश में स्कूल खुल गये हैं और नये साल के पहले दिन से कक्षायें शुरू हो गयी हैं। हालांकि, स्कूलों में उपस्थिति आवश्यक नहीं है और छात्र अपने माता-पिता की सहमति से स्कूल आयेंगे।

उन्होंने बताया कि 50 फीसदी से अधिक छात्र मास्क लगा कर और सेनिटाइजर का इस्तेमाल कर स्कूल में उपस्थित हुये।

स्कूल खोले जाने के बाद कोविड-19 प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन किया जा रहा है। इसमें कक्षा का नियमित सेनिटाइजेशन भी शामिल है। जिला प्रशासन स्थिति पर गहरी नजर रखेगा।

पहली, दूसरी एवं तीसरी कक्षा के छात्र मंगलवार, बृहस्पतिवार एवं शनिवार को स्कूल जायेंगे जबकि चौथी एवं पांचवी कक्षा में पढ़ने वाले छात्र सोमवार, बुधवार एवं शुकवार को स्कूल में उपस्थित रहेंगे।

अधिकारियों ने बताया कि कक्षायें सुबह नौ बज कर 45 मिनट पर शुरू होंगी और आधे घंटे के भोजनावकाश के साथ दोपहर एक बजकर 45 मिनट तक चलेंगी । उन्होंने बताया कि पांच साल से कम उम्र के बच्चों को स्कूल जाने की अनुमति नहीं होगी।

अधिकारियों ने यह भी बताया कि जो विद्यार्थी स्कूल नहीं आना चाहते उनके लिए ऑनलाइन कक्षाएं जारी रहेंगी।

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