बिलकीस बानो केस: सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और गुजरात सरकार को नोटिस जारी किया, अगली सुनवाई 18 अप्रैल को

By शिवेंद्र कुमार राय | Published: March 27, 2023 07:40 PM2023-03-27T19:40:06+5:302023-03-27T19:43:14+5:30

3 मार्च, 2002 को गुजरात के दाहोद जिले के लिमखेड़ा तालुका में दंगों के दौरान भीड़ द्वारा बिलकिस और उसकी तीन साल की बेटी के साथ सामूहिक बलात्कार किया गया था। भीड़ के इस हमले में 14 लोगों की हत्या भी कर दी गई थी। इस मामले में बलात्कार और हत्या के 11 दोषियों को पिछले साल 15 अगस्त को रिहा किया गया था।

SC notice to Centre, Gujarat govt on Bilkis Bano case next hearing on april 18 | बिलकीस बानो केस: सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और गुजरात सरकार को नोटिस जारी किया, अगली सुनवाई 18 अप्रैल को

सुनवाई 18 अप्रैल के लिए टल गई है

Highlightsबिलकिस बानो की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और गुजरात सरकार को नोटिस जारी कियायाचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई 18 अप्रैल के लिए टल गई हैजस्टिस के.एम. जोसेफ और जस्टिस बी.वी. नागरत्ना की पीठ ने की सुनवाई

नई दिल्ली: सामूहिक दुष्कर्म मामले में 11 दोषियों की सजा में छूट को चुनौती देने वाली बिलकिस बानो की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को केंद्र और गुजरात सरकार को नोटिस जारी किया है। याचिका पर  सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई 18 अप्रैल के लिए टल गई है। शीर्ष अदालत ने गुजरात सरकार को 18 अप्रैल को संबंधित जवाब के साथ तैयार रहने का निर्देश दिया है। 

जस्टिस के एम जोसेफ और बी वी नागरत्ना की पीठ ने कहा कि अदालत इस मामले में भावनाओं से नहीं चलेगी। अदालत  केवल कानून के अनुसार चलेगी। पिछले हफ्ते, मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ बानो केस में  याचिकाओं पर सुनवाई के लिए एक नई पीठ गठित करने पर सहमत हुए थे।  सोमवार (27 मार्च) को शीर्ष अदालत में दोषियों के वकील ने कई संगठनों और सुभाषिनी अली और महुआ मोइत्रा की याचिका का विरोध करते हुए कहा कि बाहरी लोगों को दखल की इजाजत नहीं मिलनी चाहिए।

सुनवाई के दौरान जस्टिस के. एम. जोसेफ और जस्टिस बी. वी. नागरत्ना की पीठ ने कहा कि  इस मामले को विस्तार से सुनने की आवश्यकता है। पीठ ने मामले की सुनवाई के लिए 18 अप्रैल की तारीख तय की है। बिलकिस बानो ने अपनी लंबित रिट याचिका में कहा है कि राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट की तरफ से निर्धारित कानून की पूरी तरह से अनदेखी करते हुए एक आदेश पारित किया और दोषियों को रिहा करने का फैसला किया।

बता दें कि 3 मार्च, 2002 को गुजरात के दाहोद जिले के लिमखेड़ा तालुका में दंगों के दौरान भीड़ द्वारा बिलकिस और उसकी तीन साल की बेटी के साथ सामूहिक बलात्कार किया गया था। भीड़ के इस हमले में 14 लोगों की हत्या भी कर दी गई थी। गुजरात के गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस के एक डिब्बे में आगजनी की घटना के बाद भड़के दंगे के दौरान ये घटना हुई थी। इस मामले में बलात्कार और हत्या के 11 दोषियों को पिछले साल 15 अगस्त को रिहा किया गया था।

Web Title: SC notice to Centre, Gujarat govt on Bilkis Bano case next hearing on april 18

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