सुप्रीम कोर्ट ने विधानसभा अध्यक्ष की शक्तियों पर पुन: विचार का सुझाव देते हुए कहा कि अध्यक्ष ( स्पीकर) स्वयं किसी राजनीतिक दल से आते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि संसद को इस पर फिर से विचार करना चाहिए कि अयोग्यता संबंधी याचिकाओं पर फैसला अध्यक्ष द्वारा लिया जाना चाहिए अथवा नहीं। सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा कि यदि विधानसभा अध्यक्ष अयोग्यता के बारे में फैसला नहीं ले पाते हैं तो वह फिर से शीर्ष न्यायालय का दरवाजा खटखटा सकते हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर विधानसभा के अध्यक्ष से कहा कि वह मंत्री टी. श्यामकुमार को अयोग्य ठहराने की मांग करने वाली याचिका पर चार हफ्ते में फैसला लें।
स्पीकर द्वारा विधायकों और सांसदों को अयोग्य ठहराने पर कोर्ट ने कहा कि ऐसे केस की सुनवाई के लिए किसी स्वतंत्र ईकाई का गठन होना चाहिए।
बता दें कि कर्नाटक में विधानसभा स्पीकर ने 17 विधायकों को अयोग्य ठहराया था। जिसपर काफी विवाद हुआ था। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने उस फैसले को बरकार रखा था लेकिन विधायकों को उपचुनाव लड़ने की अनुमति दे दी थी।