सतीश कौशिक अपना मन बदलते इससे पहले ही मैंने “कागज” के लिए हां कर दी: पंकज त्रिपाठी

By भाषा | Updated: December 24, 2020 19:40 IST2020-12-24T19:40:44+5:302020-12-24T19:40:44+5:30

Satish Kaushik before changing my mind, I said yes to "paper": Pankaj Tripathi | सतीश कौशिक अपना मन बदलते इससे पहले ही मैंने “कागज” के लिए हां कर दी: पंकज त्रिपाठी

सतीश कौशिक अपना मन बदलते इससे पहले ही मैंने “कागज” के लिए हां कर दी: पंकज त्रिपाठी

मुंबई, 24 दिसंबर अभिनेता पंकज त्रिपाठी का कहना है कि वे कोई मजेदार और रोमांचक किरदार ढूंढ ही रहे थे तभी अभिनेता-निर्देशक सतीश कौशिक ने उन्हें फिल्म “कागज” का ऑफर दिया।

इस फिल्म की कहानी आजमगढ़ के भारत लाल उर्फ लाल बिहारी के जीवन पर आधारित है जिन्होंने खुद के जीवित होने का प्रमाण देने के लिए 18 वर्षों तक कानूनी लड़ाई लड़ी।

फिल्म के ट्रेलर लांच के मौके पर ऑनलाइन संवाददाता सम्मेलन में पंकज त्रिपाठी ने कहा कि वह लाल की दुनिया में खिंचते चले गए और उनका संघर्ष समझने में उन्हें ज्यादा समय नहीं लगा।

त्रिपाठी ने पत्रकारों से कहा,“ जैसे ही उन्होंने(कौशिक) मुझे कहानी सुनायी मैं तुरंत तैयार हो गया। मैंने उन्हें बता दिया कि मैं इस फिल्म के लिए पूरी तैयार हूं, आप बस मुझे बता दीजिये कि मुझे कब आना है। एक अभिनेता के तौर पर आप हमेशा उन पटकथाओं की खोज में रहते हैं जिसे सुनकर आपको लगे कि “यह मुझे करना ही है” और ‘कागज’ की कहानी सुनकर मुझे वहीं महसूस हुआ। इससे पहले कि वि अपना मन बदलते मैंने हां कर दी।”

कार्यालय दर कार्यालय अपने जीवित होने का प्रमाण देने के लिए भटकने वाले लाल की तरह ही 44 वर्षीय अभिनेता ने फिल्म जगत में अपनी पहचान बनाने के लिए किए गए संघर्ष को साझा किया।

2012 में “गैंग्स ऑफ वासेपुर” में मौका मिलने से पहले त्रिपाठी ने लगभग एक दशक तक मनोरंजन जगत में संघर्ष किया था और उसके बाद वह “मिर्जापुर”,“स्त्री”,“सैक्रेड गेम्स” और “लूडो” में अपनी बेहतरीन अदाकारी के बाद सबसे अधिक पसंद किए जाने वाले अभिनेता बन गए।

उन्होंने कहा,“मुझे बहुत संघर्ष करना पड़ा , जो इस काम का हिस्सा है। जब तक एक अभिनेता की पहचान बन नहीं जाती तब तक वह कुछ नहीं होता। हर रोज कितने ही लोग अभिनेता बनने का सपना लिए मुंबई आते हैं। जब तक उनकी पहचान नहीं बन जाती वे खोए रहते हैं। सिनेमा जगत में भी अपनी पहचान बनाने की लड़ाई है।

‘कागज’ की कहानी भी वैसे ही एक संघर्ष पर आधारित है जो अपने अस्तित्व को साबित करने की लड़ाई है। मेरा संघर्ष लंबा था लेकिन सफल रहा है। इसके कारण मैं जीना सीख गया।”

फिल्म सात जनवरी को जी5 पर प्रसारित होगी।

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Web Title: Satish Kaushik before changing my mind, I said yes to "paper": Pankaj Tripathi

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