सारदा चिटफंड घोटाला: सुप्रीम कोर्ट ने कहा, CBI ने प्रगति रिपोर्ट में किये हैं बहुत ही गंभीर खुलासे
By भाषा | Published: March 27, 2019 06:27 AM2019-03-27T06:27:10+5:302019-03-27T06:27:10+5:30
धान न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ ने कहा कि यदि कुछ ‘‘बहुत ही गंभीर तथ्यों’’ की जानकारी उसे दी गयी है तो वह इसके प्रति अपनी आंखे नहीं मूंद सकती है।
उच्चतम न्यायालय ने सारदा चिटफण्ड घोटाला मामले में कोलकाता के पूर्व पुलिस आयुक्त राजीव कुमार से हाल ही में हुयी पूछताछ से संबंधित प्रगति रिपोर्ट में सीबीआई द्वारा किये गये खुलासे को मंगलवार को ‘‘बहुत ही गंभीर’’ करार दिया।
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ ने कहा कि यदि कुछ ‘‘बहुत ही गंभीर तथ्यों’’ की जानकारी उसे दी गयी है तो वह इसके प्रति अपनी आंखे नहीं मूंद सकती है।
पीठ ने इसके साथ ही जांच ब्यूरो को निर्देश दिया कि राजीव कुमार के खिलाफ उचित राहत के लिये वह अर्जी दायर करे। पीठ ने जांच ब्यूरो को इस संबंध में आवेदन दायर करने के लिये दस दिन का समय दिया और कहा कि कुमार तथा अन्य लोग इसके बाद सात दिन के भीतर अपना जवाब दाखिल कर सकते हैं। पहले राजीव कुमार ही इस चिटफण्ड घोटाले की जांच करने वाले विशेष जांच दल के मुखिया थे।
शीर्ष अदालत ने पश्चिम बंगाल के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी), मुख्य सचिव और कुमार के खिलाफ अवमानना कार्यवाही खत्म करने से इनकार कर दिया।
शीर्ष अदालत सारदा चिटफण्ड घोटाले की जांच में सहयोग नहीं करने और कथित रूप से सबूत से छेड़छाड़ करने के मामले में पश्चिम बंगाल के वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ सीबीआई की अवमानना अर्जी पर सुनवाई कर रही थी।
इससे पहले अदालत ने सीबीआई निदेशक को एक हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया था जिसमें पश्चिम बंगाल पुलिस और अन्य लोगों द्वारा कथित अवमानना के बारे में विवरण हो। अदालत ने कुमार से पूछताछ से संबंधित सीबीआई प्रमुख के जवाब और ताजा स्थिति रिपोर्ट का अवलोकन किया।
पीठ ने कहा, ‘‘हमने आपकी (सीबीआई) की स्थिति रिपोर्ट पर गौर किया है। इसमें कुछ बहुत गंभीर है।’’ पीठ ने सीबीआई का प्रतिनिधित्व कर रहे अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल से एक उचित अर्जी दायर करने को कहा। उसने कहा कि वह अनुरोधों पर कोई आदेश पारित नहीं कर सकती क्योंकि वह सीलबंद रिपोर्ट का हिस्सा है जिस तक दूसरे पक्ष की पहुंच नहीं है।
पश्चिम बंगाल के अधिकारियों के लिए पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता ए एम सिंघवी ने कुमार के खिलाफ अर्जी दायर करने के लिए सीबीआई को दी गई आजादी का विरोध किया।