'संजीवनी' को लेकर राजस्थान में खींचतान; सीएम गहलोत के बयान पर केंद्रीय मंत्री का पलटवार, बोले- "उन्होंने राजनीतिक रूप से की मेरी हत्या..."
By अंजली चौहान | Published: February 21, 2023 11:21 AM2023-02-21T11:21:47+5:302023-02-21T11:23:23+5:30
उन्होंने सीएम के बयान को दोहराते हुए कहा कि संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी द्वारा किए गए एक घोटाले में उन्होंने मुझे आरोपी बताया, ये राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश कर रहे हैं।
जयपुर: कांग्रेस शासित राज्य राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के बीच तीखी बयानबाजी का दौर शुरू हो गया है। मुख्यमंत्री के एक बयान के बाद केंद्रीय मंत्री आक्रामक हो गए हैं और अब वह सीएम गहलोत को घेरने में जुटे हुए हैं। गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा, " मुख्यमंत्री ने कल मुझे आरोपी कहा, वह राजनीतिक रूप से मेरी हत्या करने के इरादे से मुझे बदनाम कर रहें हैं।"
दरअसल, बीते रविवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने संजीवनी साख सहकारी समिति घोटाले के पीड़ितों से मुलाकात की थी। इसी दौरान उन्होंने केंद्रीय मंत्री के ऊपर घोटाले को लेकर टिप्पणी की। इन टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया देते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि साढे़ चार साल तक एसओजी मुझे दोषी साबित नहीं कर पाई लेकिन मुझे आरोपी करार देने में सीएम को चंद मिनट नहीं लगे।
उन्होंने सीएम के बयान को दोहराते हुए कहा कि संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी द्वारा किए गए एक घोटाले में उन्होंने मुझे आरोपी बताया, ये राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कई मौकों पर मेरे खिलाफ अपनी व्यक्तिगत दुश्मनी निकालने के लिए सार्वजनिक मंचों का प्रयोग किया है और मुझे बेकार, लुटेरा और भगोड़ा जैसे नामों से पुकारा है।
गजेंद्र सिंह शेखावत ने सीएम से सवाल करते हुए कहा कि वह मेरे खिलाफ षड्ंयत्र कर रहे हैं। वह राजनीतिक रूप से मेरी हत्या करने के इरादे से बदनाम कर रहे हैं। क्या वह पुलिस को निर्देश देना चाहते थे? या वह 2018 के विधानसभा चुनाव के हार के बाद राजनीतिक लाभ लेना चाहते थे?
सीएम के आरोपों का शेखावत ने किया खंडन
संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी मामले का विवरण देते हुए शेखावत ने कहा कि एसओजी ने अदालत में तीन चार्जशीट दायर की हैं, लेकिन शेखावत या उनके परिवार के किसी व्यक्ति का नाम इस मामले में नहीं आया है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि संजीवनी 2013 में कांग्रेस सरकार के तहत बनाई गई थी और घोटाले का मुख्य आरोपी 2018 में पचपदरा से कांग्रेस के टिकट के लिए प्रयास कर रहा था। गहलोत ने केवल एक सोसाइटी के पीड़ितों से मिलना चुना जो उनकी मंशा पर संदेह पैदा करता है।