शिंदे गुट से लोहा ले रहे संजय राउत के भाई सुनील राउत ने कहा, 'बागियों से नहीं है मेरा संबंध, शिवसेना के प्रति, ठाकरे परिवार के प्रति हूं वफादार'
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: June 28, 2022 11:51 AM2022-06-28T11:51:28+5:302022-06-28T12:01:40+5:30
संजय राउत के छोटे भाई सुनील राउत ने बागी शिंदे गुट के संपर्क में होने वाली दावों को खारिज करते हुए कहा कि वह कभी भी बागी एकनाथ शिंदे के संपर्क में नहीं थे और न ही शिंदे गुट से उनका कोई नाता है।
मुंबई: महाराष्ट्र की सियासत में अभिमन्यु की तरह उद्धव सरकार को बचाने के लिए शिंदे गुट के खिलाफ चक्रव्यूह में कूदे शिवसेना सांसद संजय राउत एक विवाद में फंस रहे थे। आरोप लग रहा था कि बागियों को घर वापसी के लिए दिन-रात मेहनत कर रहे संजय राउत के चिराग तले अंधेरा है।
कथित तौर पर बीते रविवार से कहा जा रहा था कि राउत के छोटे भाई सुनील राउत भी बागी शिंदे गुट के संपर्क में हैं लेकिन संजय राउत के भाई ने सोमवार को इन दावों को खारिज करते हुए स्पष्टीकरण जारी किया है कि वह कभी भी बागी एकनाथ शिंदे के संपर्क में नहीं थे और न ही शिंदे गुट से उनका कोई नाता है। इसके साथ ही सुनील राउत ने यह भी कहा कि एक समर्पित और कट्टर शिव सैनिक है और ठाकरे परिवार के प्रति पूरी तरह से वफादार हैं।
विक्रोली से दो बार विधायक रह चुके सुनील राउत ने कहा कि उनके प्रति द्वेष की भावना से ऐसा झूठी अफवाह फैलाई गई है, वो आखिरी सांस तक शिवसेना के साथ और उनके लिए ही काम करेंगे।
सुनील राउत ने कहा कि उनके बारे में भ्रामक प्रचार किया गया कि और मीडिया में ऐसी खबरें दिखाई गईं कि वो विद्रोही एकनाथ शिंदे के संपर्क में हैं और उन्हें समर्थन देने के लिए गुवाहाटी भी जा सकते हैं, जहां के एक होटल में शिवसेना से विद्रोह करने वाले विधायक एक जगह इकट्ठा हैं।
शिंदे गुट के साथ संपर्क के बारे में पूछे जाने पर सुनील राउत ने सवालिया लहजे में कहा, "भला मैं गुवाहाटी क्यों जाऊंगा। अगर मुझे प्राकृति की सुंदरता देखनी ही होगी तो मैं गोवा जाना पसंद करूंगा। गुवाहाटी क्या मैं उन देशद्रोहियों के चेहरे देखने के लिए जाऊंगा? मैं एक कट्टर शिवसैनिक हूं और अपने आखिरी सांस तक मुझे इसी पार्टी के लिए काम करना है।"
मालूम हो कि महाराष्ट्र के सियासी घमासान में जैसे ही सुप्रीम कोर्ट ने विधानसभा के डिप्टी स्पीकर द्वारा बागी सदस्यों की अयोग्यता वाले नोटिस पर समय सीमा बढ़ाने का आदेश दिया। एकनाथ शिंदे गुट अब अपनी अगली रणनीति के तहत राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से संपर्क स्थापित करने का प्रयास कर रहा है।
राज्यपाल कोश्यारी, जो बीते दिनों कोरोना पीड़ित होने के कारण अस्पताल में भर्ती थे। अब पूरी तरह से स्वास्थ्य होकर राज भवन वापस आ चुके हैं। ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि शिंदे गुट राज्यपाल कोश्यारी से संपर्क स्थापित करके उन्हें जानकारी देना चाहता है कि वो राज्य की मौजूदा महाविकास अघाड़ी सरकार से अपना समर्थन वापस लेना चाहते हैं। इस कारण सदन में सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को परखने के लिए फ्लोर टेस्ट बुलाया जाए।