उद्धव और राज ठाकरे पर बोले संजय राउत- दोनों भाइयों को मध्यस्थता की जरूरत नहीं

By मनाली रस्तोगी | Published: July 7, 2023 03:48 PM2023-07-07T15:48:43+5:302023-07-07T15:49:53+5:30

महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के नेता अभिजीत पानसे की मुंबई में उद्धव सेना के नेता संजय राउत से मुलाकात के एक दिन बाद अटकलें शुरू हो गईं कि क्या दोनों नेता एनसीपी संकट के बीच बिछड़े हुए चचेरे भाइयों को एक साथ लाने के लिए मध्यस्थता कर रहे हैं।

Sanjay Raut says Uddhav and Raj Thackeray brothers after all do not need mediation | उद्धव और राज ठाकरे पर बोले संजय राउत- दोनों भाइयों को मध्यस्थता की जरूरत नहीं

(फाइल फोटो)

Highlightsसंजय राउत का कहना है कि आखिरकार राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे भाई हैं।उन्होंने कहा कि उन्हें किसी मध्यस्थता की जरूरत नहीं है और वे चाहें तो एक-दूसरे से बात कर सकते हैं।उन्होंने ये भी कहा कि उन्हें किसी राजनीतिक स्टंट की जरूरत नहीं है।

मुंबई: महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के नेता अभिजीत पानसे की मुंबई में उद्धव सेना के नेता संजय राउत से मुलाकात के एक दिन बाद अटकलें शुरू हो गईं कि क्या दोनों नेता एनसीपी संकट के बीच बिछड़े हुए चचेरे भाइयों को एक साथ लाने के लिए मध्यस्थता कर रहे हैं। ऐसे में संजय राउत का कहना है कि आखिरकार राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे भाई हैं। उन्हें किसी मध्यस्थता की जरूरत नहीं है और वे चाहें तो एक-दूसरे से बात कर सकते हैं।

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, संजय राउत ने कहा, "न तो उद्धव ठाकरे को मध्यस्थता की जरूरत है और न ही राज ठाकरे को। राज ठाकरे से मेरे करीबी रिश्ते भी किसी से अंजान नहीं हैं। हमारी राजनीतिक राहें अलग हो गईं, हमारा भावनात्मक लगाव आज भी है।" उन्होंने ये भी कहा कि उन्हें किसी राजनीतिक स्टंट की जरूरत नहीं है। अभिजीत पानसे ने गुरुवार को कहा कि वह कुछ निजी काम के लिए संजय राउत से मिले थे।

वह संजय राउत के आवास पर गए और फिर उनके साथ सामना के कार्यालय गए। पानसे ने कहा, "जाहिर है कि (ऐसी बैठकों के दौरान) हालिया राजनीतिक घटनाक्रम पर चर्चा होगी। लेकिन मैं (गठबंधन का) कोई प्रस्ताव लेकर नहीं गया था।" अजित पवार के एनसीपी से अलग होने और शरद पवार की जगह खुद को असली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी कहने से एनसीपी और महा विकास अघाड़ी दोनों का भविष्य अधर में लटक गया है।

ऐसे में अटकलें लगाई जा रही हैं कि उद्धव और राज ठाकरे एक साथ हाथ मिला सकते हैं। राज ठाकरे ने 2005 में शिव सेना छोड़ दी और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना की स्थापना की। हालाँकि परिवार में भाई के बीच राजनीतिक दुश्मनी जारी रही, लेकिन कभी-कभार उनकी मुलाकात होती रहती थी।

Web Title: Sanjay Raut says Uddhav and Raj Thackeray brothers after all do not need mediation

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