संजय राउत ने कहा, 'महाराष्ट्र विधानसभा और लोकसभा के स्पीकरों ने बागी विधायक और सांसदों को मान्यता देकर गैर-संवैधानिक कार्य किया है'
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: July 24, 2022 04:13 PM2022-07-24T16:13:06+5:302022-07-24T16:17:06+5:30
शिवसेना सांसद संजय राउत ने 'सामना' में कहा कि महाराष्ट्र विधानसभा और लोकसभा के अध्यक्षों ने पार्टी के विधायक और सांसदों के बागी गुट को मान्यता देकर संवैधानिक लोकतंत्र का गला घोंटा है।
मुंबई: शिवसेना सांसद संजय राउत ने एकनाथ शिंदे की अगुवाई में हुई विधायकों और सांसदों की बगावत को असंवैधानिक बताते हुए महाराष्ट्र विधानसभा और लोकसभा के स्पीकर पर आरोप लगाया कि उन्होंने ऐसा करके लोकतंत्र का गला घोंटने की कोशिश की है।
सांसद संजय राउत ने रविवार को कहा कि महाराष्ट्र विधानसभा और लोकसभा के अध्यक्षों ने पार्टी के विधायक और सांसदों के बागी गुट को मान्यता देकर गैर-संवैधानिक कार्य किया है।
संजय राउत ने शिवसेना के मुखपत्र 'सामना' के अपने साप्ताहिक लेख 'रोकठोंक' में लिखा कि बागी विधायकों और सांसदों की बगावत को वैध बताकर दोनों स्पीकरों ने ऐसा काम किया है, जैसे मंदिर का पुजारी खुद दान पेटी को लूट ले। देश में लोकतंत्र के मंदिरों में ऐसी हो रहा है, ये शर्मनाक है।
इसके साथ ही राउत ने मोदी सरकार पर आरोप लगाया कि वो महाराष्ट्र में शिवसेना को खत्म करना चाहती है और यही कारण है कि वो एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली महाराष्ट्र सरकार को संरक्षण देकर बचाने की कोशिश कर रही है।
मालूम हो कि महाराष्ट्र में शिवेसना प्रमुख उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली कांग्रेस और एनसीपी की महाविकास अघाड़ी सरकार पिछले महीने शिवसेना के वरिष्ठ नेता एकनाथ शिंदे की बगावत के कारण गिर गई। शिंदे ने उद्धव ठाकरे की शिवसेना से 39 विधायकों को तोड़कर भाजपा के साथ मिल गये और सरकार बना ली।
महाराष्ट्र के गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी ने एकनाथ शिंदे को बीते 30 जून को महाराष्ट्र के नये मुख्यमंत्री के तौर पर पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। वहीं इस सरकार में भाजपा की ओर से राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने बतौर डिप्टी सीएम शपथ ली।
महाराष्ट्र विधानसभा में बिखरी शिवसेना को एक और बड़ा झटका उस समय लगा जब लोकसभा में भी शिवसेना के कुल 19 सांसदों में से 12 सांसद शिंदे खेमे में चले गये और उन्हें समर्थन दे दिया।
शिवसेना प्रयास कर रही थी कि लोकसभा स्पीकर बागी सांसदों को मान्यता न दें लेकिन बीते मंगलवार को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने जानकारी दी कि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने लोकसभा में राहुल शेवाले को शिवसेना नेता के रूप में मान्यता दे दी है, जो शिंदे खेमे के नेता हैं।
संजय राउत ने रविवार को 'सामना' में लिखे लेख में केंद्र पर आरोप लगाया कि केंद्रीय एजेंसियों ने पहले बागी विधायक और सांसद को बगावत के लिए डराया, अब वो विधायक और सांसद जांच एजेंसी की ओर से फ्री हैं क्योंकि उन्होंने शिवसेना नेता उद्धव ठाकरे के खिलाफ बगवत की।
इसके साथ ही राउत ने लेख में इस बात का भी दावा किया कि जो बागी विधायक खुद को असली शिवसेना में होने का दावा कर रहे हैं, दरअसल वो अपनी सदन की सदस्यता बचाने के लिए ऐसा कर रहे हैं। राउत ने लेख में उम्मीद जताई कि संविधान की 10वीं अनुसूची के अनुसार मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे सहित 16 बागी विधायक और 12 बागी सांसद अयोग्य घोषित किए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि देश का लोकतंत्र अब सुप्रीम कोर्ट के हवाले है, अब सारी संभावनाएं सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ के फैसले पर टिकी है। राज्यसभा सांसद संजय राउत ने कहा कि शिवसेना सांसद विनायक राउत ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को बागी सांसदों को मान्यता न देने के लिए चिट्टी लिखी थी लेकिन लोकसभा स्पीकर ने सांसद राउत के पत्र का संज्ञान लिए बगैर बागी शिवसेना सांसदों को मान्यता दे दी। (समाचार एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)