मध्यप्रदेश: संघ और शाह की पसंद का होगा नेता प्रतिपक्ष, बीजेपी में नेताओं के बीच मची होड़
By राजेंद्र पाराशर | Published: December 31, 2018 07:30 AM2018-12-31T07:30:07+5:302018-12-31T07:30:07+5:30
भाजपा में नेता प्रतिपक्ष पद को लेकर शिवराज सिंह चौहान चाहते हैं कि उन्हें यह पद मिले, अगर उन्हें नेता प्रतिपक्ष नहीं बनाया जाता है तो वे अपने समर्थक भूपेन्द्र सिंह को इस पद के जिम्मेदारी दिलाना चाहते हैं
मध्यप्रदेश में भारतीय जनता पार्टी में नेता प्रतिपक्ष को लेकर दावेदारों ने सक्रियता बढ़ा दी है. कुछ ने संघ तो कुछ ने शाह के दरबार में पद के लिए चक्कर लगाने तेज कर दिए हैं. इस पद के लिए वैसे तो पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अपना दावा कर चुके हैं, मगर हाल ही में संघ की नाराजगी के चलते यह स्पष्ट हो चुका है कि शिवराज सिंह संघ की पसंद नहीं है.एट्रोसिटी एक्ट के कारण भाजपा को चुनाव में मिली हार के चलते संघ अब ब्राह्मण वर्ग से किसी नेता को यह दायित्व सौंपना चाहता है. वैसे संघ ने ओर से ब्राह्मण जाति के नेता को इस पद की जिम्मेदारी देने को कहा है. शाह जल्द ही इस पर फैसला सुनाएंगे. माना जा रहा है कि विधानसभा सत्र के एक दिन पहले भाजपा नाम की घोषणा करेगी.
भाजपा में नेता प्रतिपक्ष पद को लेकर शिवराज सिंह चौहान चाहते हैं कि उन्हें यह पद मिले, अगर उन्हें नेता प्रतिपक्ष नहीं बनाया जाता है तो वे अपने समर्थक भूपेन्द्र सिंह को इस पद के जिम्मेदारी दिलाना चाहते हैं. मगर संघ ने एट्रोसिटी एक्ट के चलते चुनाव में चले माई के लाल के बयान की नाराजगी को लोकसभा में दूर करने के लिए इस पद पर ब्राह्मण वर्ग के नेता को आसीन करने का फैसला लिया है. इससे प्रदेश भाजपा संगठन और राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह दोनों को ही अवगत भी कर दिया हैं. सूत्रों की माने तो संघ शिवराज सिंह चौहान को यह पद नहीं देना चाहता है. संघ की नाराजगी और जातिगत समीकरण को देखते हुए अब भाजपा में इस पद के लिए तीन ब्राह्मण नेताओं के नाम तेजी से उभरे हैं. इस पद के लिए सबसे बड़े दावेदार के रुप में आठ बार के विभायक रह चुके गोपाल भार्गव का नाम है.
वे खुद भी इसके लिए अब दावेदार कर रहे हैं. भार्गव ने हाल में ही समीधा पहुंचकर संघ पदाधिकारियों से इस संबंध में अपनी बात भी रखी है. वहीं नरोत्तम मिश्रा जिन्हें हाल ही में अमित शाह ने उत्तरप्रदेश का सह प्रभारी बनाया है, वे भी इस पद के लिए शाह के माध्यम से जमावट कर रहे हैं. मिश्रा ने लंबे समय से शाह से निकटता बना ली थी, वे अब उनकी विश्वसनीय टीम में भी हैं.
इन दो नामों के अलावा पूर्व मंत्री राजेन्द्र शुक्ल का नाम भी सामने आ रहा है. अगर शिवराज सिंह चौहान के नाम पर सहमति नहीं बनी और उनके समर्थक भूपेन्द्र सिंह को भी नेता प्रतिपक्ष नहीं बनाया गया तो वे राजेन्द्र शुक्ल का नाम को आगे बढ़ाकर अपने समर्थक को ही यह पद दिलाना चाहेंगे. शुक्ल भी शिवराज सिंह के समर्थक माने जाते हैं. वैसे इस पद के विधानसभा सत्र के एक दिन पहले विधायक दल की होने वाली बैठक में फैसला होगा. माना जा रहा है कि भाजपा में नेता प्रतिपक्ष का चयन संघ और शाह की पंसद से ही होगा.