राहुल गांधी के करीबी माने जाने वाले और इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के प्रमुख सैम पित्रोदा ने कहा है कि पुलवामा अटैक के बाद भारत की ओर से एयर स्ट्राइक किया जाना परिस्थिति से निपटने का सही तरीका नहीं था। सैम पित्रोदा ने साथ ही एयर स्ट्राइक के दौरान पाकिस्तान में मारे गये आतंकियों की संख्या के बारे में भी पूछा है। न्यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार पित्रोदा ने कहा, 'अगर वे (आईएएफ) वे कह रहे हैं कि 300 आतंकी मारे गये तो फिर ठीक है। मैं केवल यह कह रहा हूं कि क्या आप मुझे और सच्चाई और सबूत दे सकते हैं।'
पाकिस्तान के बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के ठिकानों पर एयर स्ट्राइक के सवाल पर पित्रोदा ने कहा कि इंटरनेशनल समाचार माध्यम इस अटैक और इसके प्रभाव पर दूसरी बात कह रहे हैं और भारत को लोगों को एयरफोर्स के इस ऑपरेशन के बारे में जानने का पूरा अधिकार है।
पित्रोदा ने कहा, 'मैं इसके बारे में थोड़ा और ज्यादा जानना चाहता हूं क्योंकि मैंने न्यूयॉर्क टाइम्स और दूसरे अखबारों को पढ़ा है। क्या हमने वाकाई में हमला किया था? क्या हमले वाकई में 300 को मारा है? मैं यह नहीं जानता। एक नागरिक के तौर पर मुझे यह जानने का हक है और अगर मैं पूछता हूं तो यह मेरा कर्तव्य है। इसका यह मतलब नहीं कि मैं देशभक्त नहीं हूं। इसका यह भी मतलब नहीं है कि मैं इस तरफ हूं या उस तरफ। हमें सच जानने का अधिकार है। अगर आप कहते हैं कि 300 मारे गये तो मुझे उसके बारे में जानना है। हम सभी को जानने की जरूरत है। भारत के लोगों को जानने की जरूरत है और फिर वैश्विक मीडिया आता है जो कहता है कि कोई नहीं मारा गया। भारतीय नागरिक के तौर पर फिर मैं बुरा देखता हूं।'
इस साल होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस की ओर से तैयार की जाने वाली घोषणापत्र की समिति के सदस्य रहे पित्रोदा ने साथ ही कहा कि पाकिस्तान से बात करने की जरूरत है। पित्रोदा ने कहा, 'मैं गांधीवादी हूं। मैं व्यक्तिगत तौर पर ज्यादा बातचीत में भरोसा करता हूं। मुझे लगता है कि पाकिस्तान ही क्यों हमें सबसे बात करना चाहिए।'
एएनआई के अनुसार यह पूछे जाने पर कि पुलवामा हमले के बाद भी पाकिस्तान से बात जारी रखनी चाहिए जिसमें 40 सीआरपीएफ जवान शहीद हो गये, पित्रोदा ने कहा- 'मैं अटैक (पुलवामा) के बारे में ज्यादा नहीं जानता। ऐसा हमेशा होता रहता है, मुंबई में भी ताज और ओबेरॉय होटल पर हमला हुआ। हम प्रतिक्रिया दे सकते थे और अपने प्लेन भेज सकते थे लेकिन मेरे हिसाब से यह सही तरीका नहीं है। आप इस तरह से दुनिया डील नहीं कर सकते। आठ लोग आते हैं और कुछ करते हैं, तो ये मतलब नहीं कि आप पूरे देश पर हमला कर दें।'
पित्रोदा ने कहा, 'मैं इस बात पर विश्वास नहीं करता कि किसी देश के कुछ लोगों ने कोई काम किया और आप उस देश के हर नागरिक को मार दें।'