केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बताया है कि 5 वर्षों में 1083 कर्मचारियों को सरकारी सेवा से बर्खास्त किया गया है. गृह मंत्रालय और इससे जुड़े संगठनों के इन कर्मचारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक नियमों के तहत कार्रवाई की गई है. गृह मंत्रालय के अनुशासनात्मक नियमों के प्रावधानों के अनुसार सरकारी सेवा से बर्खास्तगी समेत किसी प्रकार का दुड लगाने से पहले सरकारी सेवकों को अपने बचाव के पर्याप्त अवसर दिए जाते हैं.
गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कांग्रेस सदस्य पी. एल. पुनिया के सवाल के जवाब में राज्यसभा में यह जानकारी दी. सरकार ने बताया कि मूलभूत नियम 56(जे), केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियम 1972 और अखिल भारतीय सेवा (मृत्यु-सह-सेवानिवृत्ति लाभ) नियम 16 (3) (संशोधित) के तहत उनके खिलाफ कार्रवाई की गई है.
इसके अलावा 1958 के नियम के तहत सत्यनिष्ठा की कमी और जनहित में अप्रभावशाली के आधार पर सभी स्तरों पर सरकारी सेवकों की समय पूर्व सेवानिवृत्ति के लिए समय-समय पर समीक्षा की जाती है. सरकार ने बताया कि यह एक सतत प्रक्रिया है. इसके अलावा, सरकार के पास अनुशासनात्मक नियमों के तहत कर्मियों को निलंबित करने, सेवा से हटाने सहित दंड लगाने का अधिकार है.
सरकार ने बताया कि पिछले पांच वर्ष में कुल 1083 कर्मचारियों को सरकारी सेवा से बर्खास्त किया गया है. गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने एक सवाल के लिखित जवाब में राज्यसभा को यह जानकारी दी.
उन्होंने कहा कि पिछले पांच वर्ष के दौरान अनुशासन नियमों के तहत मंत्रालय के कुल 1083 कर्मचारियों को सरकारी सेवा से बर्खास्त कर दिया गया. उन्होंने कहा कि प्रभावी अनुशासन नियमों के प्रावधानों के अनुसार सरकारी सेवा से बर्खास्त करने सहित किसी प्रकार का दंड लगाने से पहले सरकारी कर्मचारियों को बचाव के पर्याप्त मौके मुहैया कराए जाते हैं.