कांग्रेस आलाकमान ने राजस्थान के अगले मुख्यमंत्री की घोषणा कर दी है। कांग्रेस ने युवा सचिन पायलट के ऊपर अनुभवी अशोक गहलोत को राजस्थान के सीएम पद के लिए तरजीह दी है। सचिन पायलट को उपमुख्यमंत्री (डिप्टी सीएम) बनाया गया है।
इसकी घोषणा दिल्ली के कांग्रेस मुख्यालय में शुक्रवार (14 दिसंबर) एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर के की गई। इस अवसर पर राहुल गांधी नदारद रहे। वरिष्ठ कांग्रेस नेता वेणुगोपाल ने इसकी घोषणा की। इस अवसर दोनों ही राजस्थान कांग्रेस नेता मौजूद रहे।
सीएम व डिप्टी सीएम की घोषणा के बाद दोनों ही नेताओं को बोलने के लिए कहा गया। इस दौरान अशोक गहलोत ने पहले माइक सचिन पायलट की ओर खिसका दी। लेकिन सचिन पायलट ने पहले बोलने से मना करते हुए माइक दोबारा अशोक गहलोत की ओर बढ़ा दी।
इसके बाद जब सचिन पायलट को फिर से बोलने का अवसर मिला तो उन्होंने अपने भाषण की शुरुआत की- किसे पता था एक ही कमरे में दो-दो करोड़पति बन जाएंगे। उन्होंने इसपर उन्होंने आलाकमान पर सीधा कटाक्ष करने के बजाए इशारे में अपनी नाराजगी जता दी।
उल्लेखनीय है कि पहले ऐसी खबरें आई थीं, सचिन पायलट अड़ गए थे। आलाकमान पहले ही आशोक गहलोत को लेकर फैसला कर चुका था। लेकिन सचिन पायलट सीएम पद को लेकर अड़े हुए थे, इसलिए उन्हें डिप्टी सीएम बनाना पड़ा। जबकि कांग्रेस ने एमपी में डिप्टी सीएम का फार्मूला नहीं रखा था।
डिप्टी सीएम बनने के बाद अपने दो मिनट के संबोधन में सचिन पायलट ने कहा, मेरा और अशोक गहलोत जी का जादू पूरी तरह चल गया है। बीजेपी के जो लोग 180 सीटें जीतने का दावा कर रहे थे उनकी हवा निकल गई है।
हालांकि सचिन अपने हाव भाव से प्रदेश के डिप्टी सीएम बनाए जाने को लेकर बहुत उत्साहित नहीं दिखे। लेकिन उन्होंने कहा कि आलाकमान ने जो जिम्मेदारी उनके लिए तय की है, उसका वह पूरी तरह निर्वहन करेंगे।
उल्लेखनीय है कि अशोक गहलोत केंद्र की राजनीति में सक्रिय हैं। कुछ दिनों पहले जब आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस ने तीन प्रमुख समितियों का ऐलान किया गया था। इसमें कांग्रेस कोर ग्रुप कमेटी में अशोक गहलोत को एके एंटनी, गुलाम नबी आजाद और पी चिदंबरम के बाद चौथे नंबर रखा गया था।
लेकिन इस समिति में सचिन पायलट को कोई जिम्मेदारी नहीं दी गई थी। इससे साफ था कि अब सचिन पायलट की भूमिका पूरी तरह से राजस्थान में रहेगी। वसुंधरा राजे सिंधिया ने चुनावी रैलियों में ऐसा कई बार कहा कि सचिन खुद को सीएम मानते हैं और अपना मंत्रिमंडल भी तैयार कर चुके हैं। लेकिन अंततः वे डिप्टी सीएम ही बन पाए हैं।