सबरीमालाः अयप्पा मंदिर के कपाट खोले गए, श्रद्धालु दर्शन के लिए उमड़े, दो माह खुले रहेंगे कपाट

By भाषा | Published: November 16, 2019 08:37 PM2019-11-16T20:37:03+5:302019-11-16T20:37:03+5:30

पहले दिन आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा से आए 30 लोगों के समूह में शामिल 10 महिलाओं को प्रतिबंधित 10 से 50 वर्ष की आयुसीमा में होने की वजह से मंदिर से पांच किलोमीटर दूर पम्पा से ही वापस भेज दिया गया। मंदिर के तंत्री (पुरोहित) कंडरारू महेश मोहनरारू ने शाम पांच बजे मंदिर के गर्भगृह के कपाट खोले और पूजा अर्चना की।

Sabarimala: Ayyappa temple doors opened, devotees gathered to see | सबरीमालाः अयप्पा मंदिर के कपाट खोले गए, श्रद्धालु दर्शन के लिए उमड़े, दो माह खुले रहेंगे कपाट

इस बीच एके सुधीर नम्बूदिरी ने सबरीमाला मंदिर के ‘मेलशांति’ (मुख्य पुजारी) की जिम्मेदारी संभाली।

Highlightsमंदिर में केरल, तमिलनाडु और अन्य पड़ोसी राज्यों के सैकड़ों श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचे।तंत्री के ‘पदी पूजा’ करने के बाद श्रद्धालुओं, जिन्हे दो बजे दोपहर को पहाड़ी पर चढ़ने की अनुमति दी गई।

केरल में सबरीमाला स्थित भगवान अयप्पा के मंदिर के कपाट दो महीने चलने वाली तीर्थयात्रा मंडल-मकरविलक्कू के लिए शनिवार को कड़ी सुरक्षा के बीच खोल दिए गए।

पुलिस ने बताया कि पहले दिन आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा से आए 30 लोगों के समूह में शामिल 10 महिलाओं को प्रतिबंधित 10 से 50 वर्ष की आयुसीमा में होने की वजह से मंदिर से पांच किलोमीटर दूर पम्पा से ही वापस भेज दिया गया। मंदिर के तंत्री (पुरोहित) कंडरारू महेश मोहनरारू ने शाम पांच बजे मंदिर के गर्भगृह के कपाट खोले और पूजा अर्चना की।

केरल के पथनमथिट्टा जिले में पश्चिमी घाट के आरक्षित वन क्षेत्र में स्थित मंदिर में केरल, तमिलनाडु और अन्य पड़ोसी राज्यों के सैकड़ों श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचे। तंत्री के ‘पदी पूजा’ करने के बाद श्रद्धालुओं, जिन्हे दो बजे दोपहर को पहाड़ी पर चढ़ने की अनुमति दी गई, ने इरुमुडीकेट्टू (प्रसाद और चढ़ावे की पवित्र पोटली) के साथ मंदिर के पवित्र 18 सोपान पर चढ़ कर भगवान अयप्पा के दर्शन किए।

इस बीच एके सुधीर नम्बूदिरी ने सबरीमाला मंदिर के ‘मेलशांति’ (मुख्य पुजारी) की जिम्मेदारी संभाली। एमएस परमेश्वरन नम्बूदिरी को मिलिकापुरम देवी मंदिर के पुजारी की जिम्मेदारी लेनी थी लेकिन परिवार में एक मौत की वजह से उन्होंने कार्यभार नहीं संभाला। अधिकारियों के मुताबिक उम्मीद है कि 23 नवंबर को परमेश्वरन नयी जिम्मेदारी संभालेंगे।

पुलिस ने बताया कि पम्पा आधार शिविर के पास विजयवाड़ा से आए समूह में शामिल लोगों के पहचानपत्र की जांच की गई और प्रतिबंधित उम्र सीमा में होने की वजह से सबरीमला में मौजूदा स्थिति की जानकारी देकर 10 युवा महिलाओं को वापस भेज दिया गया। इसके बाद वे लौट गईं। पिछले साल 28 सितंबर को उच्चतम न्यायालय द्वारा सभी आयुवर्ग की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश की अनुमति देने और राज्य की वाम मोर्चे की सरकार द्वारा इसका अनुपालन करने की प्रतिबद्धता जताने के बाद दक्षिणपंथी संगठनों और भाजपा कार्यकर्ताओं ने बड़े पैमाने पर प्रदर्शन किए थे।

हालांकि, इस साल उच्चतम न्यायालय ने 10 से 50 आयु वर्ग की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश देने संबंधी अपने फैसले पर रोक नहीं लगाई। लेकिन इस फैसले के खिलाफ दाखिल याचिकाओं को सात न्यायाधीशों की वृहद पीठ को भेज दिया। साथ ही, सरकार भी इस विषय पर सावधानी बरत रही है। देवस्वओम मंत्री कडकम्पल्ली सुरेंद्रन ने स्पष्ट कर दिया है कि सबरीमला कार्यकर्ताओं के अपनी सक्रियता दिखाने का स्थान नहीं है और प्रचार पाने के लिए मंदिर आने वाली महिलाओं को सरकार प्रोत्साहित नहीं करेगी।

वहीं, 10 से 50 आयुवर्ग की जो महिला सबरीमला मंदिर में दर्शन करना चाहती हैं, वे अदालत का आदेश लेकर आएं। राज्य में मंदिरों के प्रबंधन के लिए जिम्मेदार देवस्वओम बोर्ड ने श्रद्धालुओं के लिए बड़े पैमाने पर तैयारी की है। पिछले साल अगस्त में आई भीषण बाढ़ की वजह से भारी नुकसान हुआ था और श्रद्धालुओं के लिए स्थापित सुविधाएं नष्ट हो गई थी। बोर्ड इस वर्ष सबरीमला तीर्थ यात्रा के तीन प्रमुख अधार स्थल नीलक्कल, पम्पा और सन्निधानम में पहले ही विश्राम स्थल का निर्माण कर चुका है।

इसके अलावा चिकित्सा, पेयजल और शौचालय की व्यवस्था की गई है। तीर्थ यात्रा के दौरान भगवान अयप्पा मंदिर के आसपास 10,000 पुलिस कर्मी चरणबद्ध तरीके से तैनात रहेंगे। उल्लेखनीय है कि सबरीमला मंदिर पेरियार बाघ संरक्षण क्षेत्र में है और इसके कपाट श्रद्धालुओं के लिए केवल मंडलपूजा, मकरविलक्कू और विशू उत्सव के लिए खोले जाते हैं।

मंदिर प्रत्येक मलयालम महीने के शुरुआती पांच दिन के लिए भी खुलेगा। इस सत्र में मंदिर 27 दिसंबर तक मंडलपूजा के लिए खुलेगा और फिर तीन दिन के लिए मंदिर के कपाट बंद कर दिए जाएंगे। मंदिर के कपाट दोबारा 30 दिसंबर को मकरविलक्कू के लिए खुलेंगे और मंदिर 20 जनवरी को बंद होगा। भगवान अयप्पा का यह मंदिर समुद्र तल से करीब 4000 फुट की ऊंचाई पर स्थित है। वाहन से केवल पम्पा तक जाया सकता है और श्रद्धालुओं को जंगल के बीच से पैदल ही मंदिर तक जाना होता है। 

सबरीमाला में पुलिस कांस्टेबल की मौत

सबरीमाला में भगवान अयप्पा के मंदिर परिसर के पास सुरक्षा ड्यूटी पर तैनात 32 वर्षीय एक पुलिस अधिकारी (सीपीओ) बेहोश होकर गिर गया और शनिवार सुबह उसने दम तोड़ दिया। पुलिस ने बताया कि सीपीओ को पुलिस बैरक से अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।

मालाबार विशेष पुलिस अधिकारी बीजू कोझिकोड में पेराम्ब्रा के रहने वाले थे और उनके परिवार में पत्नी एवं सात महीने की एक बेटी है। मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने उनकी मौत पर शोक जताया। सबरीमला मंदिर के कपाट दो महीने के लिये शनिवार शाम को श्रद्धालुओं के लिये खोल दिये जायेंगे। 

Web Title: Sabarimala: Ayyappa temple doors opened, devotees gathered to see

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