लद्दाख सीमा विवाद के बीच भारत-चीन-रूस के विदेश मंत्रियों की बैठक, एस जयशंकर लेंगे हिस्सा

By निखिल वर्मा | Published: June 22, 2020 05:33 AM2020-06-22T05:33:29+5:302020-06-22T05:33:29+5:30

 रूस-भारत-चीन (आरआईसी) की त्रिपक्षीय लद्दाख में सीमा विवाद के बीच होने जा रही है.

S Jaishankar to participate in India-China-Russia foreign ministers meeting amidst Ladakh border dispute | लद्दाख सीमा विवाद के बीच भारत-चीन-रूस के विदेश मंत्रियों की बैठक, एस जयशंकर लेंगे हिस्सा

विदेश मंत्री एस जयशंकर (लोकमत फाइल फोटो)

Highlightsरूस पहले ही कह चुका है कि भारत और चीन को सीमा विवाद बातचीत के जरिए सुलझा लेना चाहिएबैठक में अफगानिस्तान में उभरते राजनीतिक हालात पर विस्तार से बातचीत कर सकते हैं।

विदेश मंत्री एस जयशंकर रूस-भारत-चीन (आरआईसी) की त्रिपक्षीय डिजिटल कॉन्फ्रेंस में हिस्सा लेंगे जो पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी और भारतीय सैनिकों के बीच सीमा पर हिंसक झड़पों की पृष्ठभूमि में होने जा रही है। इस सम्मेलन में चीन के विदेश मंत्री वांग यी और उनके रूसी समकक्ष सर्जेई लावरोव भी भाग लेंगे। हालांकि बीच में गलवान घाटी में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हिंसक झड़पों के बाद बैठक को लेकर अनिश्चितता बनी हुई थी। चीनी सैनिकों के साथ आमने-सामने की झड़प में भारत के 20 सैन्यकर्मी शहीद हो गए थे। इस टकराव की घटना ने दोनों पड़ोसी देशों के बीच सीमा पर पहले से बनी हुई नाजुक स्थिति को और तनावपूर्ण बना दिया।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव कहा है, ‘‘विदेश मंत्री बैठक में भाग लेंगे।’’ उन्होंने कहा कि बैठक में कोरोना वायरस महामारी पर तथा वैश्विक सुरक्षा एवं वित्तीय स्थिरता से संबंधित मुद्दों पर चर्चा होगी। परंपराओं का हवाला देते हुए कहा कि बैठक में भारत और चीन के बीच सीमा पर बने हुए गतिरोध पर चर्चा की संभावना नहीं है क्योंकि त्रिपक्षीय वार्ता के प्रारूप में सामान्य तौर पर द्विपक्षीय विषयों पर बातचीत नहीं की जाती।

एक वरिष्ठ राजनयिक ने नाम जाहिर नहीं होने की शर्त पर कहा, ‘‘ये तीनों देशों के लिए साथ आने तथा क्षेत्रीय मुद्दों पर विचार-विमर्श का अच्छा अवसर होगा ताकि क्षेत्रीय स्थिरता के समर्थन में योगदान के लिए विचारों का समन्वय किया जा सके।’’

रूस पहले ही कह चुका है कि भारत और चीन को सीमा विवाद बातचीत के जरिए सुलझा लेना चाहिए तथा दोनों देशों के बीच सकारात्मक संबंध क्षेत्रीय स्थिरता के लिए जरूरी हैं। तीनों विदेश मंत्री फरवरी में अमेरिका के तालिबान के साथ एक शांति समझौता करने के बाद अफगानिस्तान में उभरते राजनीतिक हालात पर विस्तार से बातचीत कर सकते हैं।

आरआईसी विदेश मंत्रियों की बैठक में क्षेत्र में संपर्क की महत्वपूर्ण परियोजनाओं पर भी चर्चा हो सकती है जिनमें भारत, ईरान, अफगानिस्तान और मध्य एशिया को यूरोप से जोड़ने वाला 7,200 किलोमीटर लंबा अंतरराष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन कॉरिडोर (आईएनएसटीसी) शामिल है। 

Web Title: S Jaishankar to participate in India-China-Russia foreign ministers meeting amidst Ladakh border dispute

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