रूसी वैक्सीन 'स्पूतनिक वी' के अगले माह भारत आने की संभावना पर सामने हैं ये दो बड़ी मुश्किल

By हरीश गुप्ता | Updated: April 13, 2021 08:10 IST2021-04-13T07:39:49+5:302021-04-13T08:10:32+5:30

रूस की कोविड-19 वैक्सीन 'स्पूतनिक वी' को भारत में इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए इजाजत मिल चुकी है। इस वैक्सीन को अगले महीने तक भारत लाया जा सकता है। हालांकि कुछ मुश्किलें भी हैं।

Russian Corona vaccine 'Sputnik V' gets approval in india, know its price and efficiency | रूसी वैक्सीन 'स्पूतनिक वी' के अगले माह भारत आने की संभावना पर सामने हैं ये दो बड़ी मुश्किल

कोरोना के खिलाफ 'स्पुतनिक वी' वैक्सीन को भी भारत में मिली मंजूरी (फाइल फोटो)

Highlights'स्पूतनिक वी' हरी झंडी, भारत की वैक्सीन पर विषय विशेषज्ञ समिति ने दी है मंजूरीरूसी वैक्सीन की भारत में कीमत कितनी होगी, इसे लेकर कुछ भी तय नहीं हुआ है और चर्चा अभी जारी है'स्पूतनिक वी' अभी अन्य देशों को लगभग 750 रुपए में बेची जा रही है, ये वैक्सीन करीब 91 प्रतिशत कारगर है

नई दिल्ली: भारत की वैक्सीन पर विषय विशेषज्ञ समिति (एसईसी) ने सोमवार को रूस की कोविड-19 वैक्सीन 'स्पूतनिक वी' को हरी झंडी दे दी. वैक्सीन के अगले माह तक आने की संभावना है.

ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) ने भी एसईसी की सिफारिश पर 'स्पूतनिक वी' को मंजूरी दे दी है. उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक रूस प्रत्यक्ष निवेश फंड (आरडीआईएफ) से भारत में 'स्पूतनिक वी' की कीमत के निर्धारण की चर्चा जारी है.

इस वक्त कोविशील्ड और कोवैक्सीन की कीमत 150-210 रुपए की रेंज में हैं और सरकार 'स्पूतनिक वी' को भी इसी दायरे में रखना चाहती है. 'स्पूतनिक वी' फिलहाल अन्य देशों को लगभग 750 रुपए में बेची जा रही है.

भारत में 'स्पूतनिक वी' कोरोना का तीसरा टीका

भारत में उपलब्ध ये तीसरा कोविड-19 रोधी टीका होगा. देश में भारत बायोटेक के 'कोवैक्सीन' और सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा निर्मित ऑक्सफोर्ड-एस्ट्रोजनेका के 'कोविशील्ड' टीके को पहले ही आपात इस्तेमाल की मंजूरी मिल चुकी है.

'स्पूतनिक वी' के वितरण की तैयारियों के बीच कोल्ड स्टोरेज की चेन की जरूरत पडे़गी. यह वैक्सीन सूखे रूप में 2 से 8 डिग्री और तरल रूप में 20 डिग्री सेल्सियस पर स्टोर की जाती है. कई राज्य कमजोर भंडारण क्षमता और बिजली की समस्या के कारण शायद इसे ग्रामीण इलाकों में वितरित नहीं कर पाएंगे.

'स्पूतनिक वी' के करोड़ों डोज का होगा उत्पादन 

डॉ. रेड्डीज लेबोरेटरीज (डीआरएल) इस वैक्सीन के 10 करोड़ डोज प्रतिवर्ष जबकि स्टेलिस बायोफार्मा 20 करोड़ डोज का सालाना उत्पादन करेगी. भारत की एक और अग्रणी कंपनी पेनेसिया बायोटेक द्वारा 10 करोड़ डोज का प्रतिवर्ष उत्पादन केवल निर्यात के लिए किया जाएगा.

प्रारंभिक चरण में 'स्पूतनिक वी' भारत के लिए वैक्सीन का आयात करेगा. मॉडर्ना और फाइजर के बाद यह सबसे कारगर (91.6%) वैक्सीन है. 1 अप्रैल की बैठक में एसईसी ने 'स्पूतनिक वी' से पूछा था कि उसकी वैक्सीन दिए जाने के बाद शरीर की इम्यून प्रतिक्रिया को कोरोना वायरस के खिलाफ कैसे सक्रिय करती है.

उपलब्ध कराई गई जानकारी को एसईसी ने संतोषजनक पाया था. जो बात सामने आई है उसके अनुसार एसईसी के साथ रूस के 19866 स्वयंसेवियों पर किए गए परीक्षण का डाटा साझा किया गया. 

'स्पूतनिक वी' के साथ दो प्रमुख दिक्कतें 

सरकारी स्रोतों ने लोकमत समाचार को बताया कि 'स्पूतनिक वी' को दो दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा. पहली कीमत और दूसरा भारत में भंडारण की स्थिति.

सरकारी सूत्रों के मुताबिक वैक्सीन को तकनीकी मंजूरी के बाद कीमतों के निर्धारण पर चर्चा शुरू होगी. इससे पहले फाइजर द्वारा केवल इसलिए आवेदन वापस ले लिया गया था क्योंकि उसे -80 डिग्री सेल्सियस के भंडारण की जरूरत थी.

ज्ञात हो कि महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, ओडिशा, उत्तरप्रदेश समेत कई राज्यों में वैक्सीन की कमी की बात सामने आई थी. महाराष्ट्र, ओडिशा में तो सैकड़ों टीकाकरण केंद्रों पर वैक्सीनेशन को रोक दिया गया. ऐसे में लगातार मांग उठ रही थी कि अन्य वैक्सीन को मंजूरी दी जाए, ताकि बड़ी संख्या में उत्पादन हो और जरूरत पूरी की जाए.

Web Title: Russian Corona vaccine 'Sputnik V' gets approval in india, know its price and efficiency

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