कच्चे तेल का दाम उचित स्तर पर रखने में अहम साबित हो सकता है रूस: धर्मेंद्र प्रधान

By भाषा | Published: August 30, 2019 01:59 PM2019-08-30T13:59:27+5:302019-08-30T13:59:27+5:30

पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान तीन दिन की रूस यात्रा पर हैं। इस दौरान उन्होंने रूस के ऊर्जा मंत्री अलेक्जेंडर नोवाक से मुलाकात की। प्रधान ने बैठक के बाद ट्वीट में कहा , " नोवाक और मैंने पूरे तेल एवं गैस सहयोग की समीक्षा की। "

Russia can prove to be important in keeping crude oil price at a reasonable level: Dharmendra Pradhan | कच्चे तेल का दाम उचित स्तर पर रखने में अहम साबित हो सकता है रूस: धर्मेंद्र प्रधान

कच्चे तेल का दाम उचित स्तर पर रखने में अहम साबित हो सकता है रूस: धर्मेंद्र प्रधान

Highlightsभारत अपने कच्चे तेल की जरूरतों का 83 प्रतिशत आयात करता है। रोसनेफ्ट की अगुवाई वाले समूह ने 2017 में एस्सार ऑयल को 12.9 अरब डॉलर में खरीदा था।

भारत ने वैश्विक तेल बाजार को संतुलित रखने के लिए रूस से तेल निर्यातक देशों के संगठन ओपेक पर अपने प्रभाव का इस्तेमाल करने का दबाव डाला है। भारत ने कच्चे तेल की पर्याप्त आपूर्ति और कीमतों को उचित स्तर पर बनाए रखने के मकसद से यह कदम उठाया है।

पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान तीन दिन की रूस यात्रा पर हैं। इस दौरान उन्होंने रूस के ऊर्जा मंत्री अलेक्जेंडर नोवाक से मुलाकात की। प्रधान ने बैठक के बाद ट्वीट में कहा , " नोवाक और मैंने पूरे तेल एवं गैस सहयोग की समीक्षा की। " भारत कच्चे तेल और गैस के उचित और जिम्मेदार तरीके से मूल्य निर्धारण के लिए ओपेक देशों पर दबाव डाल रहा है। उसका कहना है कि कीमतों में उतार - चढ़ाव से तेल आयातक देशों को नुकसान पहुंच रहा है।

प्रधान ने ट्वीट में लिखा , " रूस के ऊर्जा मंत्री नोवाक के साथ वैश्विक तेल बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में उतार - चढ़ाव को लेकर चर्चा हुई। यह उपभोक्ता और उत्पादक दोनों देशों के हितों को नुकसान पहुंचा रहा है। " केंद्रीय मंत्री ने अपने अगले ट्वीट में लिखा , " हमने ओपेक के सहयोगी (ओपेक प्लस) सदस्य के रूप में रूस को अपनी उम्मीदों से अवगत कराया है। रूस पर्याप्त आपूर्ति और कीमतों को उचित स्तर पर रखने के लिहाज से वैश्विक तेल बाजार को संतुलित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। "

भारत अपने कच्चे तेल की जरूरतों का 83 प्रतिशत आयात करता है। इसका करीब 85 प्रतिशत हिस्सा ओपेक देशों से आता है। इसके अलावा , भारत 80 प्रतिशत गैस भी इन्हीं देशों से आयात करता है। भारत का मानना है कि ओपेक की कच्चे तेल की कीमतों और उपलब्धता को निर्धारित करने में रूस की बड़ी भूमिका है। प्रधान ने नोवाक के साथ भारतीय कंपनियों की रूस के तेल एवं गैस क्षेत्र में अधिक निवेश करने की इच्छा पर भी बातचीत की है।

उन्होंने भारत में तेल एवं गैस की खोज तथा उत्पादन (ईएंडपी), तेल शोधन , पेट्रोकेमिकल्स और एलएनजी आयात सुविधाओं में रूसी निवेश की भी मांग की। प्रधान ने कहा कि हम तेल एवं गैस क्षेत्र में सहयोग के लिए कार्ययोजना और रूपरेखा तैयार करने समेत ठोस सिफारिशों का प्रस्ताव करने पर सहमत हुए हैं। पेट्रोलियम एवं गैस मंत्री ने बृहस्पतिवार को रूस की तेल कंपनी रोसनेफ्ट के अधिकारियों से मुलाकात की और और दोनों देशों के बीच सहयोग पर चर्चा की।

रोसनेफ्ट की अगुवाई वाले समूह ने 2017 में एस्सार ऑयल को 12.9 अरब डॉलर में खरीदा था। कंपनी वाडीनार में 2 करोड़ टन क्षमता की रिफाइनरी चलाती है और देश में उसके 5,500 पेट्रोल पंप हैं। उसके बाद से एस्सार ऑयल का नाम नयारा एनर्जी है।

Web Title: Russia can prove to be important in keeping crude oil price at a reasonable level: Dharmendra Pradhan

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