RTI: रेलवे ने कोयला पहुंचाने के लिए बीते तीन महीनों में रद्द किया 1900 से अधिक यात्री ट्रेनों को, 2022 में रेलवे 9,000 ट्रेन सेवाओं को कर चुका है कैंसिल
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: June 5, 2022 07:56 PM2022-06-05T19:56:47+5:302022-06-05T20:01:27+5:30
आरटीआई में मिली जानकारी के अनुसार भारतीय रेलवे ने साल 2022 में कोयला परिवहन सहित अन्य तमाम वजहों से लगभग 9,000 ट्रेन सेवाओं को रद्द किया है।
दिल्ली: सूचना के अधिकार के तहत मिली जानकारी में खुलासा हुआ है कि रेलवे ने बीते तीन महीने में लगभग 1900 ट्रेन सेवा को महज इसलिए रद्द कर दिया क्योंकि रेलवे की पहली प्राथमिकता राज्यों को कोयला पहुंचाने की थी।
यही नहीं आरटीआई में यह जानकारी भी मिली है कि साल 2022 में रेलवे ने कोयला परिवहन सहित अन्य तमाम वजहों के कारण लगभग 9,000 ट्रेन सेवाओं को रद्द किया है।
यह जानकारी सामने आयी है चंद्रशेखर गौर द्वारा दायर की गई आरटीआई से। गौर के पूछे गये प्रश्न का जवाब देते हुए रेलवे ने कहा कि उसने मेंटेनेंस और मैन्युफैक्चरिंग की वजहों से कल 6,995 ट्रेन सेवाओं को रद्द किया, जबकि बीते मार्च से मई तक कोयला परिवहन के कारण लगभग 1,934 ट्रेनों को रद्द करना पड़ा है।
आरटीआई में रेलवे अधिकारियों ने बिजली की भारी किल्लत का हवाला देते हुए बताया कि उन्हें यात्री सेवाओं के बजाय कोयले की रेक की देशभर में पहुंचाने के लिए यात्री ट्रेनों को रद्द करने पर मजबूर होना पड़ा है।
यही कारण है कि खासकर गर्मियों के मौसम में पूरे देश में यात्रियों की रेल परिवहन से आवाजाही करने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
आरटीआई के हवाले से बताया गया है कि जनवरी से मई तक रेलवे ने यात्री मेल/एक्सप्रेस ट्रेनों की कुल 3,395 सेवाओं को रद्द किया, जबकि इसी अवधि के दौरान मेंटेनेंस और मैन्युफैक्चरिंग कारणों से 3,600 यात्री ट्रेन सेवाओं को रद्द करना पड़ा था।
वहीं ठंड के मौसम जनवरी और फरवरी में चूंकि कोयले की डिमांड उतनी नहीं थी, इस कारण यात्रि ट्रेनों को रद्द नहीं किया गया था। लेकिन बीते तीन महीनों में विभिन्न राज्यों में कोयला की बढ़ी डिमांड के कारण कोयले की रेक को प्राथमिकता के आधार पर पहुंचाया गया और इस कारण 880 मेल/एक्सप्रेस ट्रेन सेवाएं और 1,054 यात्री ट्रेन सेवाएं रद्द की गईं।
इस परेशानी भरी खबर के बीच यह जानकारी भी सामने आ रही है कि ट्रेनों की कमी के कारण पिछले कुछ वर्षों की तुलना में यात्री टिकटों की मांग में भारी उछाल आयी है और नई ट्रेनों की कमी के कारण रेलवे यात्रियों को कन्फर्म टिकट के लिए भारी संघर्ष करना पड़ रहा है।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार 2021-22 में टिकट खरीदने वाले 1.60 करोड़ से अधिक यात्री केवल इसलिए अपना सफर नहीं कर पाये क्योंकि उनका टिकट कन्फर्म नहीं था, इससे यह भी पता चलता है कि रेलवे के बिजी रूट पर यात्री ट्रेनों की काफी कमी है
आरटीआई से मिले आंकड़ों के मुताबिक ट्रैवेल सीजन में लगभग 13.3 फीसदी यात्रियों को सफर के लिए कन्फर्म रिजर्वेशन नहीं मिल पाया था।
यात्रियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए रेलवे ने पिछले छह वर्षों में लगभग 800 नई ट्रेनें शुरू कीं लेकिन वो भी नाकाफी साबित हो रहे हैं। जबकि आज भी रेलवे हर दिन औसतन 11,000 से अधिक यात्री ट्रेनों का संचालन करता है। (समाचार एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)