नई दिल्ली, 13 जून: बीजेपी नेता राम माधव ने प्रणब मुखर्जी के आरएसएस के कार्यक्रम में शामिल होने पर अपनी बात रखी है। उन्होंने कहा कि वैचारिक अंतर के बावजूद संघ सभी प्रभावी व्यक्तियों से बातचीत के लिए खुला है, इसलिए पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को आरएसएस के कार्यक्रम में बुलाया गया।
उन्होंने कहा है कि आरएसएस हमेशा से काफी खुला संगठन रहा है। संघ ने पूर्व राष्ट्रपति को भी औपचारिक न्यौता दिया। उन्होंने संघ के कार्यक्रम में भाग भी लिया और अपने विचार आरएसएस के सदस्यों और नेताओं के सामने रखे। आरएसएस प्रमुख के विचार उनसे काफी मिलते हैं। हमें दोनों के विचारों में ज्यादा अंतर नहीं दिखा।
राम माधव ने आगे कहा, बहुत सी चीजें हैं, जिस पर असहमतियां हो सकती हैं, लेकिन यही आरएसएस की सुंदरता है। उनके मुताबिक आरएसएस कार्यक्रम में प्रणब मुखर्जी और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत की बातों में कोई खास अंतर नहीं था। इस मामले में कांग्रेस और तथाकथित उदारवादियों की प्रतिक्रिया सबसे ज्यादा दुर्भाग्यपूर्ण रही।
वहीं, दूसरी ओर प्रणब मुखर्जी जब से आरएसएस के कार्यक्रम में गए हैं तभी से अंदर बाहर उठापटक चल रही है। कांग्रेस ने जहां इस पर नाराजगी जाहिर की थी। वहीं, कहा गया कि खुद प्रणब के बेटे अभिजीत भी इससे पिता से नाराज है। ऐसे में अब इफ्तार के जरिए पूरे प्रकरण पर प्रणब मुखर्जी से पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी बार कर सकते हैं। लेकिन अब इसके बाद भी प्रणब मुखर्जी इसमें शामिल नहीं हुई तो कांग्रेस पार्टी के प्रति उनकी बेरुखी जगजाहिर हो जाएगी।